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विश्व दृष्टि दिवस: भारत में करीब 4 करोड़ लोग दृष्टिहीन, जिनमें 16 लाख बच्चे शामिल

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Published : Oct 15, 2020, 7:23 PM IST

World Sight Day workshop
World Sight Day workshop

मंडी ने जोनल अस्पताल में विश्व दृष्टि बचाओं अभियान के तहत जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. डाॅ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि दुनिया बड़ी सुन्दर है और इसको देखने के लिए अपनी आंखों को बचाने की जरूरत है. उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिाकारियों, कर्मचाारियों व आषा वर्करज को आंखों की विभिन्न बीमारियों के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया.

मंडी: विश्व दृष्टि बचाओं अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग मंडी ने जोनल अस्पताल में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने की. उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए डाॅ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि दुनिया बड़ी सुन्दर है और इसको देखने के लिए अपनी आंखों को बचाने की जरूरत है. उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिाकारियों, कर्मचाारियों व आशा वर्कर्स को आंखों की विभिन्न बीमारियों के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आंखों में कोई भी समस्या होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि 80 प्रतिशत दृष्टि दोश इलाज योग्य हैं. दुनिया के 28 करोड़ 50 लाख नेत्र समस्याओं से पीड़ित लोगों में से 3 करोड़ 90 लाख लोग अन्धे हैं. जबकि 24 करोड़ 60 लाख गंभीर दृष्टि दोषों से ग्रस्त लोगों का इलाज किया जा सकता है. भारत में आंखों की बिमारियों से ग्रस्त 4 करोड़ लोगों में से 16 लाख बच्चे भी हैं, जिन्हें उचित इलाज और सही परामर्श के चलते ठीक किया जा सकता है.

आपको बता दें कि इस वर्ष दृष्टि विश्व दिवस का विषय कार्यवाही करने के लिए मिलजुल कर सशक्त बने रखा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार संसार में 28 करोड़ 50 लाख लोग नेत्रहीन हैं. वहीं, इस मौके पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेश ठाकुर ने विश्व दृष्टि दिवस के थीम पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए आंखों की बीमारियों, दृष्टि दोषों और इलाज के तरीकों के बारे में जानकारी दी.

जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जोनल अस्पताल मंडी एनआर ठाकुर ने कहा कि हमें अपनी आंखों को धूल, तेज सूर्य की रोशनी और हवा से बचाना चाहिए. आंखों की सेहत के लिए विटामिन-ए युक्त फल और सब्जियां जरूरी हैं. कम्प्युटर, टीवी या मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल करें या बीच-बीच में आंखों को आराम देते रहें. व्यायाम और ठण्डे पानी से आंखों को धोना भी अच्छा है.

आंखों को पटाखों, हानिकारक रंगों, जहरीली गैसों, खतरनाक रसायनों, गर्म पानी और तेजधार वाले हथियारों से बचाएं. आंखों में जलन, नींद व भारीपन होने पर इन्हें आराम दें और कम रोशनी पर पढ़ना-लिखना बन्द करें. कभी-कभी रोना भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. इस अवसर पर ऑफथैलमिक ऑफिसर योगेन्द्र पाल सरोच और स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने भी दृष्टि दोष से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रतिभागियों को दी.

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