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रिटायर्ड चीफ इंजीनियर ने तपा डाली बंजर भूमि, सालाना 18 लाख रुपये की कमाई

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Published : Apr 16, 2023, 3:40 PM IST

Solar Plant Subsidy in Himachal
सोलन पावर प्लांट से कुशाल ठाकुर कर रहे हैं लाखों की कमाई.

बंजर पड़ी जमीन से हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के एक इंजीनियर लाखों की कमाई कर रहे हैं. कैसे ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Solar Plant Subsidy in Himachal)

सोलन पावर प्लांट से कुशाल ठाकुर कर रहे हैं लाखों की कमाई.

मंडी: जिस बंजर जमीन से किसी भी आमदनी की कोई आस नहीं थी, उसी बंजर जमीन को रिटायर्ड इंजीनियर ने सूर्य की किरणों से निकलने वाली तपिश से ऐसे तपा डाला कि अब वहां पैसों की बरसात हो रही है. जी हां आमदनी की नई इबारत लिखने वाले इस शख्स का नाम है कुशाल ठाकुर.

मंडी निवासी कुशाल ठाकुर विद्युत विभाग से बतौर चीफ इंजीनियर रिटायर हुए हैं. रिटायरमेंट के बाद कुशाल ठाकुर ने इसी क्षेत्र में कुछ नया करने की सोची. ऐसे में उनकी नजर शहर के साथ लगते किपड़ गांव में अपनी उस बंजर भूमि पर पड़ी, जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा था.

Solar Plant Subsidy in Himachal
सोलन पावर प्लांट से कुशाल ठाकुर कर रहे हैं लाखों की कमाई.

'18 से 20 लाख रुपये की इनकम': कुशाल ठाकुर ने हिम ऊर्जा विभाग के माध्यम से 500 किलोवॉट क्षमता वाले सोलर पॉवर प्लांट के लिए आवेदन किया. आवेदन स्वीकार हुआ और 8 से 10 बीघा बंजर पड़ी जमीन पर इसे स्थापित किया गया. जिस जमीन से कुशाल को कभी एक रुपये की आमदनी भी नहीं होती थी, आज उसी से उन्हें हर साल 18 से 20 लाख की आय हो रही है.

Solar Plant Subsidy in Himachal
सोलर पावर प्लांट.

'अब जंगली जानवरों का भी डर नहीं': कुशाल ठाकुर बताते हैं कि भूमि के बंजर रहने का एक बड़ा कारण जंगली जानवरों का आतंक भी था, क्योंकि जंगली जानवर फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. खाली जमीन उनके लिए एक चिंता का कारण भी बनती जा रही थी, लेकिन आज इसी बंजर भूमि से चार और लोगों को रोजगार भी मिला है. उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया है कि वे इस क्षेत्र में आगे बढ़ें, क्योंकि सर्दियों में प्रदेश को दूसरे राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ती है, जबकि इस जरूरत को सोलर सिस्टम से पूरा किया जा सकता है.

Solar Plant Subsidy in Himachal
सोलर पावर प्लांट को दिखाते रिटायर्ड चीफ इंजीनियर कुशाल ठाकुर.

क्या कहना है विभाग का?: हिम ऊर्जा विभाग के जिला परियोजना अधिकारी रमेश ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य को वर्ष 2030 तक हरित राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. अभी तक जिले में 2 मेगावॉट की क्षमता स्थापित की जा चुकी है और 4 मेगावॉट के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं. मौजूदा बजट में सरकार ने ऐसे प्रोजेक्टस के लिए 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान भी किया है.

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रिटायर्ड चीफ इंजीनियर कुशाल ठाकुर.

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