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Israel Palestine war: शिमला में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन, भारत सरकार के रवैये की निंदा

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 4:43 PM IST

Updated : Nov 1, 2023, 5:47 PM IST

Protest in Shimla against Israel Palestine war
इजराइल द्वारा फिलीस्तीन के युद्द के विरोध मे शिमला में प्रदर्शन

इजराइल और हमास के बीच भीषण युद्ध चल रहा है. जिसके चलते गाजा में 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, इजराइल द्वारा गाजा पट्टी में किये जा रहे हमलों के खिलाफ डीसी ऑफिस शिमला के बाहर ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी संगठन के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया. पढ़ें पूरी खबर.. (Protest Against Israel In Shimla)

शिमला: ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी संगठन के नेतृत्व में शिमला शहर के दर्जनों संगठनों ने इजराइल द्वारा फिलिस्तीन की गाजा पट्टी में किये जा रहे हमलों के खिलाफ डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. एआईपीएसओ ने इजराइली हमलों और संयुक्त राष्ट्र संघ में युद्ध विराम पर लाए गए प्रस्ताव में भारत सरकार के नकारात्मक रवैये की कड़ी निंदा की है. एआईपीएसओ ने इजराइल की अमानवीय युद्ध कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है.

प्रर्दशनकारी कुलदीप सिंह तंवर, विजेंद्र मेहरा, फालमा चौहान, मुफ़्ती मोहम्मद शफी कासमी, मौलाना मुमताज़ अहमद कासमी और तारी इरशाद ने कहा है कि इजराइल द्वारा फिलिस्तीन पर किए जा रहे बर्बर हमलों के चलते पिछले 26 दिनों में कुल नौ हजार लोगों की जान चली गई है, जिनमें लगभग पांच हजार बच्चे व बुजुर्ग हैं. इन हमलों में हजारों लोग घायल हुए जिनमें एक तिहाई बच्चे हैं.

दरअसल, 17 अक्टूबर को गाजा के अस्पताल पर किए गए एक रॉकेट हमले में 500 से अधिक लोगों की जान गई थी. इजराइल ने गाजा में भयंकर नाकाबंदी कर दी है और जिंदा रहने की फिलिस्तीनी जनता की बुनियादी आवश्यकताओं की सप्लाई बंद कर दी है. यह युद्ध के नियमों के विपरीत है. हवाई हमलों के साथ ही इजराइल ने जमीनी युद्ध शुरू कर दिया है. गाजा पट्टी के कई क्षेत्रों में इजराइल ने पानी, बिजली, खाद्य वस्तुओं और अन्य मानवीय मदद रोक दी है जिससे गाजा के कई हिस्सों में मूलभूत आवश्यकताओं की भारी कमी हो गई है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इजराइल संयुक्त राष्ट्र संघ के युद्ध विराम के प्रस्ताव को ठुकरा चुका है और तानाशाही पर उतर आया है. वहीं, युद्ध नियमों को भी दरकिनार कर रहा है. युद्ध विराम और फिलिस्तीनी जनता के साथ एकजुटता प्रकट करने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर भारत की मोदी सरकार की भूमिका बेहद शर्मनाक और नकारात्मक है. यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के विपरीत है.भारत सरकार के अमरीका और इजराइल के जूनियर पार्टनर बनने की दिशा में एक देश विरोधी कदम है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इजराइल की दक्षिणपंथी नेतन्याहू सरकार खुले तौर पर तेजी से फिलिस्तीनी जमीनों पर कब्जा कर रही है और पश्चिम तट पर यहूदी बस्तियां बसाने में लगी हुई है. येरूशलम से फिलिस्तीनी परिवारों को जोर जबरदस्ती से बेदखल किया जा रहा है. गाजा पट्टी जहां 23 लाख से अधिक फिलिस्तीनी रह रहे हैं, इसकी पिछ्ले 16 वर्षो से बुरी तरह से इजराइल ने नाकेबंदी कर रखी है. जब भी इस नाकेबंदी का प्रतिरोध फिलिस्तीनी लोगों के द्वारा किया जाता है तो वहां हवाई बमबारी की जाती है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि एआईपीएसओ का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा फिलिस्तीनी लोगों को उनकी गृह भूमि के जायज अधिकार दिलवाने और फिलीस्तीनी जमीन से सभी इजराइली बस्तियों और अवैध कब्जों को हटाना सुनिश्चित करना चाहिए. इसके साथ ही दो राष्ट्र पर आधारित समाधान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अमल सुनिश्चित करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव के अनुसार पूर्वी यरुशलम को उसकी राजधानी बनाते हुए स्वतंत्र फिलिस्तीन पर अमल किया जाना चाहिए. एआईपीएसओ संयुक्त राष्ट्र संघ व भारत सरकार सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करता है कि वह इस टकराव को रोकना सुनिश्चित करे और संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव को लागू कराने के लिए कदम उठाए.

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Last Updated :Nov 1, 2023, 5:47 PM IST
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