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गोबर-गौमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक का निर्माण, मंडी के बलवीर सिंह कर रहे किसानों को प्रशिक्षित

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 16, 2024, 7:12 AM IST

Updated : Jan 16, 2024, 8:59 AM IST

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गोबर-गौमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक का निर्माण

Organic Fertilizers And Pesticides Manufacturing In Mandi: मंडी जिले के किसान बलवीर सिंह ठाकुर गाय के गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक का उत्पादन कर रहे हैं. साथ ही वे जैविक खेती भी कर रहे हैं. वहीं, प्रदेशभर से किसान बलवीर ठाकुर से गाय और गोमूत्र से जैविक खाद औरर कीटनाशक बनाने की विधि सीखने के लिए आ रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

गोबर-गौमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक का निर्माण

मंडी: हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में अब किसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. जैविक खेती करने से जहां किसानों की भूमि केमिकल युक्त कीटनाशक दवाओं के घुलने वाले जहर से बच रही है. वहीं, जैविक खेती से किसान अब अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. इन्हीं में से एक मंडी जिले के किसान बलवीर सिंह ठाकुर भी हैं. जो अपने घर पर ही गाय के गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक बना रहे हैं. वहीं, इस तकनीक को सीखने के लिए उनके पास प्रदेश के अलग-अलग जगह से किसान पहुंच रहे हैं.

पेशे से किसान बलवीर सिंह ठाकुर जिला मुख्यालय के साथ लगते बीर गांव के निवासी है. बलवीर गाय के गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक बनाने का कार्य करते हैं. इस तकनीक को सीखने के लिए प्रदेश के कोने-कोने से किसान उनके घर पर आते हैं और उनसे से जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की विधि सीखते हैं.

बलवीर सिंह ने बताया कि वे घर पर देसी गाय के गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद में जीवामृत और घनजीवामृत का उत्पादन करते हैं. जबकि जैविक कीटनाशकों में अग्निअस्त्र, ब्रह्मअस्त्र और दशप्रिय अर्क जैसे उत्पादों का निर्माण करते हैं. बहुत से किसान इन उत्पादों को बनाने की जानकारी हासिल करने के लिए इनके घर पर आते हैं. बलवीर सिंह बिना किसी शुल्क के किसानों को हंसी खुशी जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की जानकारी देते हैं.

बलवीर ठाकुर के इन उत्पादों की बाजार में भी काफी ज्यादा डिमांड बढ़ गई है. बता दें कि बलवीर सिंह ठाकुर ने साल 2018 में पालमपुर में पद्मश्री सुभाष पालेकर जी से प्राकृतिक खेती का सात दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया था. आज बलवीर ठाकुर प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. विभागीय शिविरों और अपने घर पर अभी तक बलवीर ने करीब 700 किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दे चुके हैं.

वहीं, बिलासपुर से जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने आए किसान अनिल शर्मा ने बताया कि वे जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की विधि जानने के लिए वे मंडी आए हैं. आज रसायनयुक्त कीटनाशकों से खेती के साथ-साथ स्वास्थ्य को जो हानि हो रही है, उसके चलते अब बहुत से किसान प्राकृतिक खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं.

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Last Updated :Jan 16, 2024, 8:59 AM IST
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