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गलवान में शहीद हुए जवानों को दी गई श्रद्धांजलि, चीनी सामान के बहिष्कार का लिया प्रण

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Published : Jun 23, 2020, 7:38 PM IST

Swadeshi Jagran Manch
राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला फूंका

कुल्लू के ढालपुर चौक में स्वदेशी जागरण मंच की ओर से जहां गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, ढालपुर चौक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला भी फूंका गया.

कुल्लू: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में एलएएसी पर सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है.

लेह लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की कायराना हरकत पर जहां भारतीय जनता में रोष है. वहीं, स्वदेशी जागरण मंच ने भी अब चीनी सामान का विरोध करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी के चलते स्वदेशी जागरण मंच ने ढालपुर चौक में चीन के राष्ट्रपति का पुतला फूंका.

वीडियो.

इस दौरान चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करने की भी अपील की गई और युवाओं ने चीन के खिलाफ नारे भी लगाए. स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्वदेशी मंच के प्रांत संयोजक का कार्यभार देख रहे नरोत्तम ने कहा कि चीन एक धोखेबाज देश है और वह भारत में अपना सामान बेचने के साथ-साथ कब्जा करने के भी सपने देख रहा है.

नरोत्तम ने कहा कि ऐसे में अब हर भारतीय को प्रण लेना चाहिए कि वे चीन में निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दें और चीन के सामान की खरीदारी बंद करें, जिससे चीन आर्थिक रूप से कमजोर होगा. वहीं, उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही आत्मनिर्भर बनने के लिए लोकल फॉर वोकल का नारा दिया है, ऐसे में चीन को आर्थिक मोर्चे पर भी चोट पहुंचाना आवश्यक है.

नरोत्तम ने कहा कि ढालपुर चौक में जहां युवाओं ने चीनी राष्ट्रपति का पुतला फूंक कर अपना रोष जताया. वहीं, उन्होंने यह प्रण लिया है कि वे आने वाले दिनों में चीन के सामान का पूरी तरह से बहिष्कार भी करेंगे. शहीद हुए सैनिकों के साथ पूरा भारत खड़ा है और सभी भारतीय उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं, लेकिन अब चीनी सैनिकों को भी करारा जवाब देने की आवश्यकता है ताकि वह दोबारा इस तरह की हरकतें ना कर सके.

दरअसल, लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हुए हैं. दूसरी तरफ चीन के भी 43 जवान हताहत हुए हैं. हालांकि, चीनी मीडिया में इस खबर को पूरी तरह दबा दिया गया है.

चीन के मुखपत्र कहे जाने वाले पीपुल्स डेली और पीएलए डेली अखबार ने लद्दाख में भारतीय सेना के साथ हुई मुठभेड़ की खबरों को जगह ही नहीं दी थी, जबकि मुठभेड़ पर हमलावर रुख अख्तियार किए ग्लोबल टाइम्स अखबार ने इस खबर को 16वें पन्ने पर छोटी जगह दी थी.

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