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तीर्थन घाटी के इस गांव में नहीं है सड़क सुविधा, यहां 'पालकी एंबुलेंस' ही एकमात्र सहारा

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Published : Jun 16, 2021, 2:26 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 3:48 PM IST

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कुल्लू की तीर्थन घाटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें एक महिला मरीज को ग्रामीणों द्वारा पालकी में बैठाकर मुख्य सड़क तक ले जाया जा रहा है. तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव की इस महिला का बीते दिनों ही आईजीएमसी शिमला में ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के चलते महिला चलने-फिरने में असमर्थ हैं.

कुल्लू: उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में आज भी कई गांव सड़क सुविधा के अभाव से जूझ रहे हैं. इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली जनता को भुगतना पड़ रहा है. अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो ग्रामीणों के पास पालकी ही एकमात्र सहारा बचता है. ग्रामीण पालकी में मरीज को बैठाकर, उसे कई किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं.

तीर्थन घाटी में सड़क सुविधा नहीं

तीर्थन घाटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें एक महिला मरीज को ग्रामीणों द्वारा पालकी में बैठाकर मुख्य सड़क तक ले जाया जा रहा है. तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव की इस महिला का बीते दिनों ही आईजीएमसी शिमला में ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के चलते महिला चलने-फिरने में असमर्थ हैं.

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पालकी के सहारे मरीज का सफर

सड़क सुविधा न होने की वजह से महिला को पालकी के सहारे करीब चार किलोमीटर तक पहाड़ी रास्तों से उठाकर पेखड़ी सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पेखड़ी पंचायत के गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए कई बार सरकार और प्रशासन से बात की गई, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

स्थानीय विधायक सुरेंद्र का बयान

बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी का कहना है कि तीर्थन घाटी के कई गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए सरकार के समक्ष मामला रखा है. जल्द ही सभी गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ दिया जाएगा.

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Last Updated :Jun 16, 2021, 3:48 PM IST
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