देवी-देवताओं के नजराने में 5 प्रतिशत व बजंतरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी- कुलदीप सिंह पठानिया
Published: Oct 30, 2023, 6:21 PM

देवी-देवताओं के नजराने में 5 प्रतिशत व बजंतरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी- कुलदीप सिंह पठानिया
Published: Oct 30, 2023, 6:21 PM

सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का समापन सोमवार को लंका दहन के साथ किया गया, समापन समारोह में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने देवी-देवताओं की नजराने और दूरी भत्ते में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की. वहीं, बजंतरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत का इजाफा किया है. पढ़ें पूरी खबर.. (Kullu International Dussehra) (Kullu Dussehra Ends With Lanka Dahan)
कुल्लू: अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के समापन अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कुल्लू दशहरा में शामिल देवताओं के नजराने में पांच प्रतिशत और बजंतरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत बृद्धि की घोषणा की. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कुल्लू दशहरा का इतिहास गहरा और पौराणिक है. कुल्लू दशहरा कुल्लू जिले के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आस्थाओं का अनूठा संगम है. जो कुल्लू दशहरे को देश में मनाए जाने वाले अन्य उत्सव से पूर्णतः अलग करता है. वर्ष 1660 ईसवी से आरंभ हुआ यह उत्सव कुल्लू जिला सहित प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण और संवर्धन में अहम भूमिका निभा रहा है.
दरअसल, कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से सभी जिलों विशेषकर कुल्लू और मनाली में बहुत नुकसान हुआ है, ऐसा लगता था कि हम इस प्राकृतिक आपदा से कैसे उभरेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की दृढ़ इच्छाशक्ति से हम इससे उबरने में सफल हुए है. प्रदेश सरकार ने आपदा की इस घड़ी में प्रभावित लोगों को हर संभव राहत प्रदान करने का पूर्ण प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह एक अच्छी बात है,आपदा के बावजूद भी हम सब अपनी संस्कृति से पूर्णत से जुड़े हुए हैं. इसे सहेजने के लिए लगातार प्रयास करते रहते हैं. इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं.
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हमारा प्रदेश देवी देवताओं का प्रदेश है यहां हर जिले की अपनी संस्कृति है और इसलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि प्रदेश के हमारे प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार के बाद आजतक जो मुख्यमंत्री हुए हैं उन सभी ने अपने-अपने समय में प्रदेश के विकास के लिए पूरे प्रयास करने की कोशिश की है. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल के आधारभूत ढांचे को तैयार करने में अभूतपूर्व प्रयास किया गया था,जो कि यहां की देव संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम था .आपदा की इस घड़ी में जब प्रदेश में 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान और सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ने लोगों को राहत देने का प्रयास किया है. वर्तमान सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाकर लोगों को लाभ देने का प्रयास किया है. आज सुखाश्रय योजना का लाभ प्रदेश के गई लाभार्थी ले रहे हैं.
वहीं, मुख्य संसदीय सचिव एवं अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आयोजन समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि कुल्लू जिला अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए देश भर में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल्लू दशहरा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए भरसक प्रयास किए गए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार कुल्लू दशहरा को भव्यता प्रदान की गई और इस वर्ष 15 से अधिक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक दल कुल्लू दशहरा में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कुल्लू जिला में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं.
विधानसभा अध्यक्ष ने नवाजे विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता: कुलदीप सिंह पठानिया ने दशहरा उत्सव के दौरान आयोजित लोक नृत्य प्रतियोगिता ,विकासात्मक झांकी में प्रथम ,द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को सम्मानित किया. कुलदीप सिंह पठानिया ने दशहरा पर्व के दौरान देवी देवताओं के शिविरों में सुंदरता, सफाई, पुरातन वेशभूषा , संस्कृति दर्शन तथा वाद्य यंत्रों की अच्छी धुन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले देवता श्री अनंत छमाहु, पलदी गढ़ गोपालपुर, तहसील बंजार के कारदार मोहन सिंह को सम्मानित किया. उन्होंने विकासात्मक झांकी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले भाषा कला एवं संस्कृति विभाग तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले ग्रामीण विकास के अधिकारियों को नगद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया. उन्होंने लोकनृत्य प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले सांस्कृतिक दलो को भी सम्मानित किया.
