कुल्लू: प्राकृतिक आपदा की मार के बाद एक बार फिर से हिमाचल में पर्यटन उद्योग पटरी पर लौटने लगा है. हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर फिर से रौनक वापस लौटने लगी है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी को उम्मीद है कि क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए सैलानी यहां काफी संख्या में आएंगे. जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली के बात करें तो यहां पर भी क्रिसमस और नए साल के जश्न को लेकर होटल में एडवांस बुकिंग हो रही है. अधिकतर होटलों में 80% कमरे एडवांस में बुक हो गए हैं.
800 से अधिक पर्यटकों की गाड़ियां मनाली पहुंची: बीते शुक्रवार रात तक ग्रीन टैक्स बैरियर से 800 से अधिक पर्यटकों की गाड़ियां मनाली पहुंची, जिसमें 500 से अधिक पर्यटक वाहन अन्य राज्यों से मनाली के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए आए थे. अब पर्यटन कारोबारी को उम्मीद है कि क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए सैलानी यहां आएंगे और मंदी की मार झेल रहे पर्यटन कारोबारी को भी इससे काफी राहत मिलेगी.
ग्रीन टैक्स बैरियर से पर्यटन 52 लाख की कमाई: पर्यटन नगरी मनाली में लगे ग्रीन टैक्स बैरियर को सितंबर महीने में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों के लिए खोल दिया गया था. सितंबर माह में बाहरी राज्यों से 1592 छोटे बड़े पर्यटक वाहन मनाली पहुंचे थे. अक्टूबर माह में 7658 छोटी-बड़ी गाड़ियां मनाली पहुंची थी. जबकि नवंबर माह में 12418 वाहनों ने ग्रीन टैक्स के माध्यम से मनाली में एंट्री ली. ऐसे में तीन माह में ग्रीन टैक्स बैरियर के माध्यम से पर्यटन विभाग ने 52 लाख 26 हजार 500 की कमाई अर्जित की है. ग्रीन टैक्स बैरियर से होने वाली कमाई से सैलानियों को मनाली के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है.
अटल टनल पर्यटकों के लिए बनी आकर्षण का केंद्र: पर्यटन नगरी मनाली आने वाले सैलानियों के लिए अटल टनल भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. ऐसे में साल 2022 में कुल 12 लाख 71 हजार 699 वाहनों ने अटल टनल में प्रवेश किया था और लाहौल की वादियों को निहारा था. साल 2021 की अगर बात करें तो अटल टनल के माध्यम से 7 लाख 99 हजार 941 वाहन अटल टनल के आर पार हुए थे. साल 2022 में अटल टनल से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में 60% की वृद्धि हुई थी, जो कि मनाली और लाहौल के पर्यटन कारोबार के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हुई थी.
ग्रीन टैक्स बैरियर से हर साल करोड़ों की कमाई: मनाली के रांगड़ी स्थित ग्रीन टैक्स बैरियर की बात करें तो साल 2022 में इस ग्रीन टैक्स बैरियर से गुजरने वाले पर्यटक वाहनों की संख्या 3 लाख 35,000 के करीब थी. जबकि इस साल मात्र जून माह तक यह आंकड़ा 2 लाख 48 हजार पार कर गया. प्राकृतिक आपदा के चलते यहां पर वाहनों की आवाजाही में काफी कमी आई और अब फिर से ग्रीन टैक्स बैरियर से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है. साल 2023 के जनवरी से जून माह तक 4 करोड़ 25 हजार रुपए का राजस्व ग्रीन टैक्स बेरियर से अर्जित किया गया. जबकि साल 2022 में यह राजस्व 7 करोड़ 50 लाख रुपए का था. साल 2021 में ग्रीन टैक्स बेरियर से गुजरने वाले वाहनों की संख्या 2 लाख 25 हजार वाहन मनाली पहुंचे थे और 5 करोड़ 50 लाख रुपए का राजस्व पर्यटन विभाग ने अर्जित किया था.
2004 में स्थापित किया गया था ग्रीन टैक्स बैरियर: मनाली के रांगड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा साल 2004 में ग्रीन टैक्स बैरियर स्थापित किया गया है. जहां पर सालाना 5 से 6 करोड़ रुपए की कमाई की जाती है. अब तक ग्रीन टैक्स बैरियर के माध्यम से 70 करोड़ रुपए की आय अर्जित की गई है. पर्यटन सीजन के दौरान यहां पर 3000 से 4000 पर्यटक वाहनों की एंट्री होती है. इस राशि को पर्यटकों के लिए पार्किंग सुविधा, पर्यटन स्थलों पर शौचालय, सड़क, स्वच्छता और सौंदर्य गतिविधियों पर खर्च किया जाता है. साल 2022 फरवरी से रांगड़ी ग्रीन टैक्स बैरियर को फास्ट टैग सुविधा से जोड़ा गया है. अब यहां पर सैलानियों को पर्ची सिस्टम से छुटकारा मिलता है. ग्रीन टैक्स बैरियर पर मोटरसाइकिल का ₹100, कार का 200, स्कॉर्पियो का 300 और बसों का ₹500 टैक्स लिया जाता है.
क्रिसमस और न्यू ईयर में पर्यटकों का जमावड़ा: बीते साल 2022 में क्रिसमस और नए साल के जश्न को मनाने के लिए हजारों की संख्या में यहां सैलानी पहुंचे थे. वहीं, बीते साल क्रिसमस व नया साल के जश्न मनाने के लिए मनाली में एक दिन में ही 20,000 से अधिक वाहनों ने एंट्री की थी. जिसके चलते यहां पर ट्रैफिक जाम की भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. बाहरी राज्यों से जश्न मनाने के लिए आए सैलानियों को 5 घंटे से अधिक ट्रैफिक जाम से भी जूझना पड़ा था और एडवांस बुकिंग न होने के चलते कई सैलानियों को गाड़ियों में ही अपनी रात गुजारनी पड़ी थी.
पर्यटन कारोबारी ने हवाई सेवा सस्ता करने की लगाई गुहार: मनाली के होटल कारोबारी किशन ठाकुर, मोहन सिंह, मनु शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के लिए हवाई सेवा महंगा होना भी यहां के पर्यटन कारोबार के लिए नुकसानदायक है. होटल कारोबारी का कहना है कि दिल्ली से कश्मीर के लिए हवाई जहाज का किराया 3000 से ₹5000 है. जबकि दिल्ली से मनाली आने के लिए सैलानियों को 15,000 रुपए से लेकर 25,000 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार भी इस दिशा की ओर ध्यान दें और दिल्ली से मनाली आने वाली हवाई सेवाओं के किराए में भी छूट प्रदान करें. ताकि हिमाचल प्रदेश का कार्यक्रम पर्यटन कारोबार भी तेज हो सके.
होटलों में पर्यटकों को दी जा रही 30-40% की छूट: मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि होटल में ठहरने के लिए सैलानियों को 30 से 40% तक की छूट दी जा रही है. क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए होटल संचालक भी अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. वहीं यहां आने वाले सैलानियों के लिए होटल में कैंडल लाइट डिनर के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएगी. उम्मीद है कि अब सैलानी कुल्लू मनाली का रुख करेंगे.
पर्यटन विभाग द्वारा दी जा रही सैलानियों को कई सुविधा उपलब्ध जिला कुल्लू पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के बाद ग्रीन टैक्स बैरियर से गुजरने वाले पर्यटक वाहनों की संख्या में भी अब वृद्धि हो रही है. इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा भी सैलानियों को कई सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. सैलानियों के लिए विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कई आकर्षक गतिविधियां करवाई जा रही है. ताकि इससे स्थानीय पर्यटन कारोबारी को लाभ मिल सके.