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जीरो बजट खेती के उत्पादों के लिए कांगड़ा में स्टॉल का शुभारंभ, 14 हजार किसानों ने अपनाई नेचुरल फार्मिंग

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Published : Jan 10, 2020, 5:10 PM IST

जिरो बजट खेती के उत्पादों के लिए कांगड़ा में स्टॉल
Stall inauguration for zero budget farming

उपायुक्त कार्यालय के बाहर जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग से तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए शुक्रवार को डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने स्टॉल का शुभारंभ किया. डीसी कांगड़ा ने बताया कि पूरे जिला में 14 हजार किसानों को जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग दी गई है, जिसके बाद किसानों ने अपने खेतों में नेचुरल फार्मिंग की.

धर्मशाला: रसायन रहित उत्पादों के खाने से हो रही बीमारियों से बचने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेशभर में जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए बकायदा बजट का प्रावधान किया गया है.

यही कारण है कि कांगड़ा जिला की 550 पंचायतों के किसानों को जीरो बजट खेती में ट्रेंड किया गया है. जिला में करीब 14 हजार किसानों को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है. वहीं, अब जिला प्रशासन इस मुहिम को ब्लॉक व पंचायत स्तर पर ले जाने की बात कह रहा है.

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डीसी कार्यालय के बाहर जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग से तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए शुक्रवार को डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने स्टॉल का शुभारंभ किया. डीसी कांगड़ा ने बताया कि पूरे जिला में 14 हजार किसानों को जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग दी गई है. अब किसान अपने खेतों में नेचुरल फार्मिंग कर रहे हैं.

किसानों के उत्पादों को बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना जरूरी था. इसी कड़ी में जीरो बजट खेती के उत्पादों को एक स्टॉल के माध्यम से लोगों के समक्ष रखा है, जिससे लोग रसायन रहित उत्पादों का फायदा उठा सकते हैं. इससे जहां किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं, सरकार की योजना आगे बढ़ेगी और लोगों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

डीसी ने कहा कि जिला में 750 पंचायतें हैं, जिनमें से 550 पंचायतों में जीरो बजट खेती के लिए किसान प्रशिक्षित हो गए हैं. ट्रेनिंग लेने के बाद किसान अपने खेते में नेचुरल फार्मिंग कर रहे हैं. कांगड़ा में शुरुआत से पहले मंडी, शिमला व अन्य जिलों में भी इस तरह का प्रयास किया गया है. जिला स्तर के बाद इस प्रयास को ब्लॉक और पंचायत स्तर पर ले जाने के प्रयास किए जाएंगे. लोगों में इसके प्रति रुचि बढ़ती है तो निश्चित तौर पर जीरो बजट नेचुरल खेती को जिला में बढ़ावा मिलेगा.

Intro:धर्मशाला- रसायन रहित उत्पादों के खाने से हो रही बीमारियों से बचने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए  प्रदेश भर में जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए बकायदा बजट का प्रावधान किया गया है। यही कारण है कि जिला की 550 पंचायतों के किसानों को जीरो बजट खेती में ट्रेंड किया गया है। जिला भर में लगभग 14 हजार किसानों को इसकी टे्रेनिंग दी जा चुकी है, वहीं अब जिला प्रशासन इस मुहिम को ब्लाक व पंचायत स्तर पर ले जाने की बात कह रहा है। डीसी कार्यालय के बाहर जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग से तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल की शुभारंभ डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति द्वारा किया गया। 





Body:पत्रकारों से बातचीत में डीसी कांगड़ा ने बताया कि पूरे जिला में 14 हजार किसानों को जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग दी गई। जिसके बाद किसानों ने ट्रेनिंग को खेतों तक पहुंचाया और खेती करना शुरू किया। डीसी ने कहा कि जीरो बजट खेती से तैयार उत्पादों को बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना जरूरी था। इसी कड़ी में जीरो बजट खेती के उत्पादों को एक स्टॉल के माध्यम से लोगों के समक्ष रखा है, जिससे लोग रसायन रहित उत्पादों का फायदा उठाएं। इससे जहां किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं सरकार की योजना भी आगे बढ़ेगी। 





Conclusion:डीसी ने कहा कि पूरे जिला में 750 पंचायतें हैं, जिनमें से 550 पंचायतों में जीरो बजट खेती के किसान प्रशिक्षित हो गए हैं तथा उन्होंने अपने खेतों में खेती करना शुरू कर दिया है। अभी इसे प्रोत्साहन और प्रचार-प्रसार हेतू जिला स्तर पर शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि  कांगड़ा में शुरूआत से पहले मंडी, शिमला व अन्य जिलों में भी इस तरह का प्रयास किया गया है।  जिला स्तर के बाद इस प्रयास को ब्लाक और पंचायत स्तर पर ले जाने के प्रयास किए जाएंगे। लोगों में इसके प्रति रुचि बढ़ती है तो निश्चित तौर पर जीरो बजट नेचुरल खेती को जिला में बढ़ावा मिलेगा।

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