पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राज्यसभा में विपक्ष द्वारा किए गए व्यवहार को निंदनीय बताया है. शांता ने कहा कि विपक्ष ने राज्यसभा में संसद के इतिहास का सबसे निंदनीय व्यवहार किया है.
उन्होंने कहा कि ससंद संवाद के लिए है, इस प्रकार की गुंडागर्दी के लिए नहीं. उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के संबंध में भी बहुत आपत्तिजनक टिप्पणी की है. पूरा हिमाचल प्रदेश उससे आहत हुआ है. भारत का विपक्ष निराश-हताश होकर यह सब कुछ कर रहा है. उन्होंने इस व्यवहार की निन्दा की.
नए कृषि विधेयक पर शांता ने कहा कि विपक्षी दल केवल घटिया राजनीति के लिए नए कृषि सुधार बिल का विरोध कर रहे हैं. कुछ वर्ष पहले नरेन्द्र मोदी ने मेरी अध्यक्षता में खाद्य किसान व्यवस्था के सम्बन्ध में एक कमेटी बनाई थी. प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी उसके सदस्य थे.
एक वर्ष के गहरे अध्ययन के बाद हमने अपनी रिपोर्ट में दो प्रमुख बातें कही थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि कृषि व्यवसाय पूरी दूनिया में लाभप्रद नही है. परन्तु अन्नदाता के बिना कोई देश जी नहीं सकता, इसलिए किसान को खेत पर लगाये रखने के लिए विश्व के लगभग सभी देश किसानों को सीधे आय सहायता देते है.
शांता ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि मोदी ने भी किसान सम्मान निधि के रूप में हमारी सिफारिश को लागू कर दिया है. दूसरी बड़ी सिफारिश यह की थी कि किसानों को मठाधीश बन कर बैठे हुए बिचौलियों के चुंगल से मुक्त करवाया जाए. इस बार के अधिनियम में यह सबसे क्रान्तिकारी कानून बना कर किसान को बहुत बड़ी राहत दी गई है.
शांता ने कहा कि भोले-भाले किसानों ने कानून को सही ढंग से पढ़ा नहीं है. बिल के विरोध में जो भी आंदोलन हो रहे हैं इसके पीछे वही मठाधीश और बिचौलिए हैं जो किसानों का शोषण करते थे. शांता कुमार ने कमेटी के सभी सदस्यों की तरफ से इस महत्वपूर्ण सिफारिश को लागू करने के लिए सरकार का धन्यवाद किया है.
शांता ने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 72 साल बाद भी अन्नदाता किसान आत्महत्या करने के लिए विवश होता है, लेकिन अब प्रधानमन्त्री मोदी के नेतृत्व में यह स्थिति बहुत जल्दी सुधरेगी. उन्होंने देश वासियों से अपील की है कि सरकार के इस किसान हितकारी क्रांतिकारी कदम के लिए पूरा समर्थन करें.