हमीरपुर: राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान एनआईटी हमीरपुर में प्रबंधन की बड़ी चूक सामने आई है. डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर को काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से अप्रूवल न मिलने से बखेड़ा खड़ा हो गया है. विभाग के सैकड़ों स्टूडेंट अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. दरअसल देशभर में चलने वाले शैक्षणिक संस्थान जिनमें आर्किटेक्चर की पढ़ाई हो रही है, उनको लाइसेंसिंग के लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण का अप्रूवल अनिवार्य है. एनआईटी हमीरपुर में इसके विपरीत डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर शुरू हुए कई साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से एनआईटी हमीरपुर पंजीकृत नहीं हो सका है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में इतनी बड़ी लापरवाही के लिए आखिर कौन जिम्मेवार है?
NIT हमीरपुर रैंकिंग में 200 की सूची से बाहर: एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग भी पिछले कुछ सालों ने बुरी तरह से प्रभावित हुई है. रैंकिंग के मामले में तो संस्थान 200 की सूची से भी बाहर हो गया है. ऐसे में अब इस तरह की बड़ी चूक सामने आना संस्थान की गिरती साख और शिक्षा के गिरते स्तर को पुख्ता कर रहा है. एनआईटी हमीरपुर के प्रबंधन का तर्क है कि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण के लिए पत्राचार किया जा रहा है. इस बाबत तीन से चार दफा लिखित तौर पर प्रक्रिया अपनाई गई है. प्रबंधन का यह दावा है कि जल्द ही काउंसिल से पंजीकरण की अप्रूवल मिल जाएगी.
काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से एनआईटी को नहीं मिला पंजीकरण: एनआईटी हमीरपुर के तमाम वादों और दावों के विपरीत एनआईटी हमीरपुर के डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर से स्टूडेंट का बैच पास आउट होने वाला है, लेकिन अभी तक काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से एनआईटी हमीरपुर को पंजीकरण नहीं मिला है. एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रोफेसर एचएम सूर्यवंशी का कहना है कि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पत्राचार किया गया है. छात्रों को दिक्कत पेश ना आए, इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. संबंधित विभाग को इस विषय पर निर्देशित भी किया गया है.
विभाग में योग्य स्टाफ न होने से छात्र परेशान: विभाग के छात्रों ने बाकायदा लिखित तौर पर संस्थान के प्रबंधन को काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण अप्रूवल के मसले को समझाने की मांग उठाई है. प्रबंधन के नाम छात्रों ने एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें सभी के हस्ताक्षर हैं. इस पत्र में काउंसिल ऑफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के मसले को जल्द सुलझाने के साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर में व्यवस्था में सुधार की मांग भी की गई है. छात्रों ने इस पत्र में तर्क दिया है कि विभाग में स्टाफ की कमी है, जिस वजह से शिक्षा का स्तर बेहद ही खराब है. योग्य स्टाफ की कमी से विद्यार्थियों को दिक्कत पेश आ रही है. इतना ही नहीं काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से निर्देशित छात्र अध्यापक अनुपात की भी अनुपालना नहीं हो रही है.
क्यों जरूरी है काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण: दरअसल शिक्षा मंत्रालय से किसी भी संस्थान में आर्किटेक्चर के पढ़ाई करने के लिए मंजूरी के साथ ही काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकरण भी जरूरी होता है. पढ़ाई के बाद विधार्थी जब जॉब के लिए बाहर निकलेंगे तो, उनका काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर लाइसेंस प्राप्त होना जरूरी है. यह लाइसेंस उन संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया जाता है, जो काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के साथ पंजीकृत हैं. लगभग 4 साल का अरसा बीत जाने के बावजूद एनआईटी हमीरपुर की पंजीकरण की प्रक्रिया पूरा न होने पर अब विद्यार्थियों को अपने भविष्य का डर सताने लगा है.
ये भी पढ़ें: Mandi News: घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाढ़ से हो चुका है तबाह, 70 साल के बुजुर्ग ने किया जमीन देने का ऐलान