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Bilaspur News: मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के आपदा प्रभावित 1,162 परिवारों को वितरित की 8.97 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 25, 2023, 7:25 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 7:48 PM IST

Cm Sukhu Distributed Aapda Rashi In Bilaspur
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बिलासपुर में बांटी आपदा राशि

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को बिलासपुर में पुनर्वास कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिले के आपदा प्रभावित 1162 परिवारों को विशेष राहत पैकेज के रुप में पहली किस्त जारी की. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार 16 हजार परिवारों को फिर से बसाने का दायित्व बखूबी निभा रही है. पढ़ें पूरी खबर.. (CM Sukhu Bilaspur Visit) (Punarvaas Program In Bilaspur)

बिलासपुर: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को बिलासपुर पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री ने पुनर्वास योजना के तहत भारी बारिश एवं भूस्खलन से आई आपदा से प्रभावित जिले के 1162 परिवारों को 8.97 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि वितरित की. आपदा के दौरान जिन 94 प्रभावित परिवारों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री ने पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपये प्रदान किए. वहीं, मुख्यमंत्री ने बिलासपुर सदर विकास खंड के अंतर्गत 404 परिवारों को 3.93 करोड़, घुमारवीं विकास खंड के अंतर्गत 532 आपदा प्रभावित परिवारों को 4.55 करोड़ रुपये, झंडूता विकास खंड के तहत 198 आपदा प्रभावित परिवारों को 1.21 करोड़ रुपये और स्वारघाट विकास खंड के अंतर्गत 28 आपदा प्रभावित परिवारों को 19.10 लाख रुपये जारी किए.

दरअसल, पुनर्वास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा के तीन महीने के भीतर राहत राशि बांटने की शुरूआत की गई है, जो लोगों के कल्याण के प्रति राज्य सरकार की भावना को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान जब विशेष राहत पैकेज देने पर चर्चा शुरू हुई तो उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 16 हजार परिवारों को फिर से बसाने का दायित्व राज्य सरकार का है. इसी के दृष्टिगत आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है, जिसमें घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर मिलने वाले मुआवजे को एक लाख 30 हजार से बढ़ाकर सात लाख रूपये किया गया है. इसके साथ ही बिजली और पानी के कनेक्शन फ्री प्रदान किए जा रहे हैं और घर बनाने के लिए सीमेंट प्रति बोरी 280 रुपये की दरों पर उपलब्ध करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को निःशुल्क टीडी उपलब्ध करवाने पर भी विचार कर रही है.

  • आज बिलासपुर में आपदा प्रभावित 1162 परिवारों को 8.97 करोड़ रुपये की मुआवज़ा राशि वितरित की गई। प्रदेश में 16 हजार परिवारों को फिर से बसाने का दायित्व सरकार द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है। 94 प्रभावित परिवार जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें पहली किश्त के रूप में 3-3… pic.twitter.com/JgkqDIQwji

    — Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 11 माह पहले वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता संभाली तो सरकारी खजाना लगभग खाली था. राज्य पर 75 हजार करोड़ का कर्ज और 10 हजार करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों की देनदारियों का बोझ था. पिछली भाजपा सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण हिमाचल आज आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. लोगों को वास्तविक आर्थिक स्थिति का पता चले, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में श्वेत पत्र लाया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रत्येक हिमाचलवासी पर एक लाख रुपये से अधिक का कर्ज है, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है. सुक्खू ने कहा कि मानवीय संवदेनाओं को समझते हुए राज्य सरकार ने पहली ही कैबिनेट में प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू की, ताकि बुढ़ापे में उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिल सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अभी राज्य की वित्तीय स्थिति पटरी पर लाने का प्रयास कर ही रही थी कि प्रदेश में भारी बारिश से भीषण आपदा की स्थिति पैदा हो गई. आपदा में उन्होंने स्वयं और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने मोर्चा संभालते हुए राहत कार्यों का संचालन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि 48 घंटे में बिजली, पानी और मोबाइल सेवाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया और 75 हजार पर्यटकों, 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित निकाला गया. रास्ते में फंसे हुए पर्यटकों के लिए फ्री खाने-पीने की सुविधा दी गई. सुक्खू ने कहा कि किसानों और बागबानों की फसल को मंडियों तक पहुंचाने के लिए सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दिन-रात प्रयास किए, जो राज्य सरकार की कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि बांध से अचानक पानी छोड़े जाने के कारण जिला कांगड़ा के फतेहपुर और इंदौरा में फंसे हुए 3000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.

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Last Updated :Oct 25, 2023, 7:48 PM IST
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