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मानव भारती यूनिवर्सिटी के छात्र बोले: फर्जीवाड़े की सजा आम छात्रों को क्यों, हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों?

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Published : Sep 28, 2021, 7:15 PM IST

सोलन की बहुचर्चित मानव भारती यूनिवर्सिटी ने डिग्री फर्जीवाड़े से अरबों रुपए तो कमा लिए, लेकिन छात्रों का भविष्य अंधकार में डाल दिया. सभी छात्र मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर हो चुके हैं. जो अपनी शिक्षा पूर्ण कर चुके हैं. एक तो उनके माथे पर मानव भारती के फर्जीवाड़े का टैग तो लग ही गया है, लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें डिग्री अभी तक नहीं दी जा रही है. जिसके चलते युवा विद्यार्थी बेहद परेशान, चिंतित और शर्मसार हैं.

Press conference of the students of Manav Bharati University in Solan
फोटो.

सोलन: जिला सोलन की बहुचर्चित मानव भारती यूनिवर्सिटी ने डिग्री फर्जीवाड़े से अरबों रुपए तो कमा लिए, लेकिन छात्रों का भविष्य अंधकार में डाल दिया. यहां पढ़ने वाले छात्र कहां जाएं किसे अपना दुखड़ा सुनाएं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है. वह शासन और प्रशासन सभी के आगे सैंकड़ों बार अपने भविष्य की दुहाई दे चुके हैं, लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीजा.

यही वजह है कि मंगलवार को सभी छात्र मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर हो चुके हैं. जो अपनी शिक्षा पूर्ण कर चुके हैं. एक तो उनके माथे पर मानव भारती के फर्जीवाड़े का टैग तो लग ही गया है, लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें डिग्री अभी तक नहीं दी जा रही है. जिसके चलते युवा विद्यार्थी बेहद परेशान , चिंतित और शर्मसार हैं.

स्टूडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान अमन आंनद ने कहा कि मानव भारती विवि के स्टूडेंटस को विवि पर चल रही कार्रवाई के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि छात्रों का शीघ्र माईग्रेशन सर्टिफिकेट या पास आउट स्टूडेंट को डीएमसी, प्रोबेजनल डिग्री व अन्य दस्तावेत उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि वह अपनी पढाई व कैरियर को सही दिशा की ओर ले जाने में आगे बढ़ सकें.

उन्होंने प्रदेश सरकार से सिफारिश की है कि जिन स्टूडेंटस ने एजुकेशन लोन लिया है व जिन्हें स्कॉलरशिप लगी हो. उनका शीघ्र अति शीघ्र समाधान किया जाए. छात्रों का कहना है कि जब से यूनिवर्सिटी पर मामला दर्ज हुआ है तब से वे हर शासन और प्रशासन के चक्कर लगा लगा कर थक गए हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. उन्हें केवल लैटर हेड पर पास आउट का सर्टिफिकेट दे दिया गया है, लेकिन डिग्री और आवश्यक दस्तावेज नहीं दिए गए हैं. जिसकी वजह से न वे कहीं नौकरी कर पा रहे हैं और न ही आगे की पढ़ाई के उन्हें कोई एडमिशन मिल रही है.

वीडियो.

अमन आंनद ने बताया कि उनके साथ लगभग 1000 हजार छात्र हैं जो इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं. पिछले लगभग डेढ़ सालों से कई अधिकारियों और मुख्यमंत्री तक अपनी समस्या पहुंचाते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा. जिसकी वजह से विद्यार्थी पूर्ण रूप से मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं और डिप्रेशन का शिकार हैं. इसलिए उन्हें मजबूरन आज मीडिया के समक्ष आना पड़ा है, ताकि उनका दर्द सभी दिख सके और सरकार उन पर कुछ रहम खाए.

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