'जिसके नेतृत्व में उप चुनाव जीते, कांग्रेस ने उसी अध्यक्ष को हटाया, बड़े नेता भी किए दरकिनार'

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Published : May 5, 2022, 3:31 PM IST

Updated : May 5, 2022, 4:49 PM IST

Satpal Singh Satti
6ठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ()

सबसे लंबे समय तक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे और वर्तमान में 6ठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कांग्रेस को नीति विहीन बताया है. उन्होंने कहा कि जिस कुलदीप राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस ने चार उपचुनाव में जीत हासिल की अब उसी को हाईकमान ने दरकिनार कर दिया है. ETV भारत से सतपाल सिंह सत्ती ने खास बातचीत की है. आइए जानते हैं आगामी चुनाव को लेकर सत्ती का क्या कहना है....

शिमला: सबसे लंबे समय तक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे और वर्तमान में 6ठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने (Satpal Singh Satti) कांग्रेस को नीति विहीन बताया है. उन्होंने कहा कि जिस कुलदीप राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस ने चार उपचुनाव में जीत हासिल की अब उसी को हाईकमान ने दरकिनार कर दिया है. इसके अलावा बड़े नेताओं रामलाल ठाकुर, कौल सिंह ठाकुर और आशा कुमारी को भी हाशिए पर रखा है.

कांग्रेस अब भी परिवारवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रही है. इससे साफ पता चलता है कि वर्तमान कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक नीति विहीन हो चुकी है. दिल्ली से शिमला तक कांग्रेस में केवल कुछ परिवारों का ही राज चल रहा है. सतपाल सत्ती ने कहा कि भाजपा मिशन रिपीट कर हिमाचल प्रदेश में नया इतिहास रचेगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश में तीव्र गति से विकास हुआ है और इसका लाभ भाजपा को चुनावों में मिलेगा.

6ठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती

कार्यकर्ताओं के दम पर होती है जीत, पार्टी नेताओं के दम पर नहीं- एक सवाल के जवाब में सतपाल सत्ती ने कहा कि (Satpal Singh Satti) अब वो दौर चला गया जब नेताओं के दम पर पार्टियां जीत हासिल करती थी. वर्तमान में कार्यकर्ताओं और संगठन किसी भी राजनीतिक दल का सबसे मजबूत पहलू होता है. जिस पार्टी के कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे और एकजुट होकर कार्य करेंगे वही राजनीतिक दल प्रदेश में जीत हासिल करेगा.

किसी राजनेता के (Satpal Singh Satti targeted congress) आने से क्षेत्र विशेष पर फर्क नहीं पड़ता. प्रदेश की सभी 68 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों (Himachal assembly elections 2022) का संगठन मौजूद है और दोनों पार्टियां पूरी ताकत से चुनाव लड़ती हैं इसलिए किसी नेता के आने या ना आने से चुनाव परिणाम पर फर्क नहीं पड़ता. भाजपा कार्यकर्ताओं पर आधारित पार्टी है ऐसे में भाजपा को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस किस नेता को किस स्थान पर रखती है.


AAP को अभी तय करना होगा लंबा सफर- सतपाल सत्ती ने कहा कि हिमाचल में पंजाब की तरह परिस्थितियां नहीं है. यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही मजबूत संगठन बूथ स्तर पर मौजूद है. पंजाब में कांग्रेस में खुला विरोध था और भाजपा पहली बार बड़े स्तर पर अकेले चुनाव लड़ी. उन्होंने कहा कि अकाली दल के खिलाफ लोग खुलकर सामने आ गए थे. ऐसे में केवल आम आदमी पार्टी ही ऑप्शन था. लेकिन हिमाचल में परिस्थितियां विपरीत है, यहां वर्तमान जयराम सरकार ने सभी क्षेत्रों में समान विकास किया है. इसके अलावा केंद्र की तरफ से भी जयराम सरकार को पूरा सहयोग है. उन्होंने दावा किया की हिमाचल में एक बार फिर (Himachal assembly elections 2022) भाजपा की सरकार बनेगी.


चुनावों में भाजपा के बागियों पर (Himachal assembly elections 2022) सवाल का जवाब देते हुए सत्ती ने कहा कि प्रदेश में भाजपा का संगठन काफी मजबूत और बड़ा है. ऐसे में जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाएगा उनको भी भाजपा संगठन के साथ जोड़े रखेगी. प्रदेश में केवल 68 विधानसभा क्षेत्र हैं और उतने ही लोगों को टिकट भी मिलेगा, लेकिन भाजपा एक राष्ट्रीय दल है और अपने कार्यकर्ताओं को हमेशा साथ में रखकर चलता है.

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Last Updated :May 5, 2022, 4:49 PM IST
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