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Himachal Police Recruitment Paper Leak Case: पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में राजस्थान के कर सहायक संदीप टेलर का नाम

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Published : May 25, 2022, 2:35 PM IST

Updated : May 25, 2022, 5:49 PM IST

DGP Sanjay kundu on HP Police recruitment paper leak case
हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू

हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) में अब एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल डीजीपी संजय कुंडू ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'जुर्म करके भागना तो संभव है, परंतु हिमाचल प्रदेश पुलिस की गिरफ्त से बचना नामुमकिन है.

शिमला: हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) में अब एक नया मोड़ आ गया है. हिमाचल पुलिस के मुताबिक इस मामले का किंग पिन यानी मुख्य आरोपी राजस्थान में है. दरअसल हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने ट्वीट किया कि, 'जुर्म करके भागना तो संभव है, परंतु हिमाचल प्रदेश पुलिस की गिरफ्त से बचना नामुमकिन है. कांस्टेबल पेपर लीक में, सोलन module के king-pin को हिमाचल और राजस्थान पुलिस गिरफ्तार करने की हर संभव कोशिश कर रही है. राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा का भी पिछले हफ्ते पेपर लीक हुआ था.' डीजीपी संजय कुंडू ने लिखा है कि, 'इस module का सरगना संदीप टेलर, आयकर विभाग चित्तौड़गढ़ राजस्थान में कर-सहायक के पद पर कार्यरत है. इन्होंने पैसे कैश और ऑनलाइन mode से प्राप्त किए, और कुछ पैसे अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर भी किए, जिससे इनकी पत्नी भी मुल्ज़िम बन गई है. इनकी पत्नी राजस्थान सरकार में TGT है.'

हिमाचल पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक आरोपी चितौड़गढ़ में टैक्स असिस्टेंट ग्रूप-सी के पद पर तैनात है और आरोपी ने 7 अभ्यर्थियों से पेपर लीक के बदले तीन-तीन लाख रुपये लिए थे. ये पैसा दो दलालों के माध्यम से लिया गया था और 80 से 90 फीसदी पेमेंट ऑनलाइन हुई थी. आरोपी की पत्नी के खाते में रकम गई थी. हिमाचल पुलिस की एक टीम गिरफ्तारी के लिए चितौड़गढ़ भेजी गई है. बता दें कि राजस्थान में भी हाल ही में हिमाचल की तरह पेपर लीक की हुआ है.

  • इस module का सरग़ना संदीप टेलर, आयकर विभाग चित्तौड़गढ़ राजस्थान में कर-सहायक के पद पर कार्यरत है।

    इन्होंने पैसे कैश और ऑनलाइन mode से प्राप्त किए, और कुछ पैसे अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर भी किए, जिससे इनकी पत्नी भी मुल्ज़िम बन गई हैं।

    इनकी पत्नी राजस्थान सरकार में TGT है। https://t.co/lB4bJMSuaA

    — Sanjay Kundu, IPS (@sanjaykunduIPS) May 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हिमाचल पुलिस के मुताबिक हिमाचल के जिन 7 कैंडिडेट से रुपये लिए गए वो सोलन और अर्की के हैं. जबकि वीरेंद्र कुमार और देवराज नाम के दो लोगों ने मिडिलमैन यानी बिचौलिये की भूमिका निभाई. इन दोनों को एसआईटी की तरफ से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है. संदीप टेलर ने इन दोनों को 50-50 हजार रुपये दिए थे. संदीप टेलर की पत्नी रिंकी पूर्वा इस समय सीकर जिले के एक सरकारी स्कूल में टीजीटी साइंस की अध्यापक है. जिसके खाते में भी कुछ रकम जमा करवाई गई थी. इस मामले को लेकर एक टीम राजस्थान के चित्तौड़गढ़ भेजी गई है और हिमाचल प्रदेश के डीजीपी लगातार राजस्थान के डीजीपी के साथ-साथ चित्तौड़गढ़ और सीकर जिले के एसपी के साथ संपर्क में हैं.

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अब तक कुल 92 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें 63 पुलिस भर्ती के उम्मीदवार हैं. जबकि 3 उम्मीदवारों के पिता को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 15 दलाल हिमाचल और 10 एजेंट दूसरे राज्यों से भी गिरफ्तार किए गए हैं. सोलन जिले में पेपर लीक मामले में एसआईटी की तरफ से 14 मोबाइल फोन औऱ 3 गाड़ियां बरामद की गई हैं.

75803 अभ्यर्थियों को दोबारा देनी होगी लिखित परीक्षा: हिमाचल में 75 हजार से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी थी. बाद में यह खुलासा हुआ कि कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक लिए, लेकिन उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड बहुत खराब था. वहीं से कांगड़ा पुलिस को शक हुआ और धांधली सामने आई. अभी तक की जांच में यह पता चला है कि कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक की एवज में 8 से 10 लाख रुपए तक चुकाए हैं. कयास लगाया जा रहा है कि पेपर लीक होने के बाद कम से कम 2 हजार अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. इस तरह यह घोटाला डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का हो सकता है. अब हिमाचल के 75803 अभ्यर्थियों को दोबारा लिखित परीक्षा देनी होगी. यह भर्ती प्रक्रिया पुलिस कॉन्स्टेबल के 1334 पद भरने के लिए शुरू की गई थी.

हिमाचल में 27 मार्च को ली गई पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती परीक्षा का पांच अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था. प्रदेशभर के 81 केंद्रों पर 1334 पदों के लिए 75000 से अधिक युवाओं ने लिखित परीक्षा दी थी. परिणाम घोषित होने के बाद जिलों में चयनित युवाओं के दस्तावेजों की जांच का कार्य चल रहा था, कुछ जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जबकि कई जगह यह प्रक्रिया चल रही थी. चंडीगढ़ के पंचकूला में छपे इस पेपर को लीक करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस भी संदेह के घेरे में है. उधर कांगड़ा जिले के रैहन में चलने वाले एक कोचिंग सेंटर के संचालक से भी पुलिस ने पूछताछ की है. इस कोचिंग संस्थान के आठ युवाओं ने पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी.

आरोपी अभ्यर्थी बोले नरेंद्र मोदी हैं हिमाचल के मुख्यमंत्री: कांगड़ा जिले में एक अभ्यर्थी ने काफी अच्छे अंक लिए उसके दस्तावेजों की जांच के दौरान पुलिस अफसर ने उससे एक सामान्य सवाल कर दिया. पुलिस अधिकारी ने अभ्यर्थी से हिमाचल के मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उसने पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया. इससे पुलिस अफसर को शक हुआ. जब अन्य अभ्यर्थी से भी सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गए तो उन्होंने सभी का गलत जवाब दिया. लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले युवाओं से जब ऐसे जवाब मिले तो उनके दस्तावेजों की गहराई से जांच हुई. पता चला कि उनके दसवीं की परीक्षा में मामूली अंक हैं. उसके बाद शक गहराया और एसपी कांगड़ा ने पूरे मामले की तह तक जाने का फैसला लिया.

यूपी से भी हो चुकी है गिरफ्तारी- पेपर लीक मामले में शिव बहादुर सिंह और अखिलेश नाम के दो आरोपियों को यूपी के वाराणसी से गिरफ्तार हुआ है. हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने यूपी पुलिस की मदद से इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया. शिव कुमार इससे पहले भी यूपी से लेकर पंजाब और हैदराबाद तक में हुए कई पेपर लीक मामलों में गिरफ्तार हो चुका है. हिमाचल पुलिस को उम्मीद है कि आगामी दिनों में इस मामले से जुड़े कुछ और मुख्य आरोपी भी गिरफ्त में होंगे.
हिमाचल पुलिस ने 5 राज्यों की पुलिस से मांगा सहयोग- पेपर लीक मामले से जुड़े मुख्य आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए हिमाचल पुलिस ने पांच राज्यों की पुलिस से सहयोग मांगा है. हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और बिहार के डीजीपी के साथ-साथ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से भी बात की है. हिमाचल पुलिस के मुताबिक देशभर में पेपर लीक करने का काम एक संगठित अपराध की तरह चल रहा है. जिसे अंजाम देने के लिए मुख्य आरोपी लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस औऱ अन्य तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.

हिमाचल सरकार ने की सीबीआई जांच की सिफारिश- पेपर लीक की बात सामने आने पर डीजीपी ने एसआईटी गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी थी. लेकिन इस मामले से कई युवाओं का भविष्य जुड़ा हुआ था. इसलिये अभिभावकों से लेकर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसके बाद सीएम जयराम ठाकुर ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. जब तक सीबीआई को जांच नहीं सौंपी जाती, तब तक एसआईटी मामले की जांच करती रहेगी.

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Last Updated :May 25, 2022, 5:49 PM IST
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