पूर्ण राज्यत्व का स्वर्ण जयंती वर्ष: सफलताओं की सुनहरी चमक से दमक रहा हिमाचल

author img

By

Published : Sep 17, 2021, 6:00 AM IST

Updated : Jan 4, 2022, 7:42 PM IST

President Ram Nath Kovind
फोटो. ()

हिमाचल प्रदेश का गठन 15 अप्रैल 1948 को हो गया था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 25 जनवरी 1971 को मिला था. तब से लेकर अब तक पचास साल का सफर सुनहरी सफलताओं से भरा हुआ है. ये सही है कि अभी भी हिमाचल को बहुत कुछ हासिल करना है, लेकिन इस पड़ाव पर खुशी के कारण अनेक हैं. आइए, हिमाचल की कुछ सफलताओं को स्मरण करते हैं.

शिमला: पचास वर्ष का सफर पूरा होने पर कोई भी राज्य अपनी यात्रा का स्मरण करना चाहता है और ठिठककर अपने सफर का मूल्यांकन भी. इसी साल 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश ने पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने की स्वर्ण जयंती मनाई. बेशक कोविड के कारण साल भर के लिए प्रस्तावित आयोजन नहीं हो सके, लेकिन शुक्रवार 17 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वर्ण जयंती समारोह के तहत विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे.

इस संबोधन के आलोक में हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के पचास साल के सफर को याद करना रोमांचक होगा. वैसे तो हिमाचल प्रदेश का गठन 15 अप्रैल 1948 को हो गया था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 25 जनवरी 1971 को मिला था. तब से लेकर अब तक पचास साल का सफर सुनहरी सफलताओं से भरा हुआ है. ये सही है कि अभी भी हिमाचल को बहुत कुछ हासिल करना है, लेकिन इस पड़ाव पर खुशी के कारण अनेक हैं. आइए, हिमाचल की कुछ सफलताओं को स्मरण करते हैं.

इस समय हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों या यूं कहिए की हिमालयी राज्यों के समक्ष विकास के मामले में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है. यही नहीं, हिमाचल की कुछ सफलताएं तो देश के अन्य बड़े राज्यों के लिए भी रश्क का कारण बन सकती हैं. हिमाचल देश का पहला राज्य है, जो डिजिटल इंडिया की दौड़ में सबसे आगे है. हिमाचल विधानसभा को देश की पहली ई-विधानसभा होने का गौरव हासिल है.

इसी ई-विधानसभा के काउंसिल चैंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. इसके अलावा हिमाचल में दो साल से ई-बजट यानी पेपरलेस बजट पेश हो रहा है. हिमाचल में कैबिनेट मीटिंग भी पेपरलेस हो चुकी है. इसके अलावा राज्य सचिवालय भी पेपरलेस होने की प्रक्रिया में है. इस तरह छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल ने समय के साथ कदमताल करते हुए डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा किया है.

हिमाचल प्रदेश में बैंक शाखाएं भी देश में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक हैं. इसके अलावा प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य संस्थान, प्रति व्यक्ति डॉक्टर भी देश में सबसे अधिक हैं. साथ ही प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी हिमाचल प्रदेश देश के टॉप फोर स्टेट में शुमार है. साक्षरता के मामले में हिमाचल प्रदेश का स्थान बड़े राज्यों में केरल के बाद है. हायर एजूकेशन में गल्र्स का प्रतिनिधित्व भी हिमाचल का शानदार है.

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश देश का पहला खुला शौचमुक्त राज्य है. हिमाचल प्रदेश में अब सडक़ों का नेटवर्क चालीस हजार किलोमीटर के करीब पहुंच चुका है. हिमाचल प्रदेश में शिमला, टांडा, नाहन, हमीरपुर, चंबा, नेरचौक में मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. इसके अलावा एम्स का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और यहां ओपीडी शुरू हो चुकी है. देश में नवजात शिशु मृत्युदर को थामने वाला हिमाचल अव्वल राज्य है.

हिमाचल प्रदेश में करीब तीन हजार स्वास्थ्य संस्थान हैं. देश के टॉप मोस्ट हेल्थ इंस्टीट्यूट की कमान हिमाचल के डॉक्टर्स के पास है. नीति आयोग के सदस्य के रूप में कोविड के खिलाफ लड़ाई का सारा ब्लू प्रिंट हिमाचल के डॉक्टर विनोद कुमार पाल की अगुवाई में तैयार हुआ है. हिमाचल प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टीक्लचर एंड फॉरेस्ट्री के अलावा अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं. हिमाचल प्रदेश के देश की एप्पल बेल्ट कहा जाता है. यहां सालाना 4000 करोड़ रुपए का सेब कारोबार होता है. सेब से आई संपन्नता का ही आलम है कि हिमाचल प्रदेश के दो गांव एशिया के सबसे अमीर गांव रह चुके हैं.

ऊपरी शिमला का क्यारी गांव लंबे अरसे तक एशिया का सबसे अमीर गांव रहा है. इसके बाद ऊपरी शिमला का ही मड़ावग गांव एशिया का सबसे अमीर गांव रह चुका है. हिमाचल में विदेशी किस्मों का सेब सफलता से उगाया जा रहा है. बेमौसमी सब्जियों के मामले में भी हिमाचल का नाम देश में अलग से लिया जाता है. यहां के खुंभ अनुसंधान केंद्र ने देश को मशरूम की कई प्रजातियां दी हैं. कुफरी में स्थित आलू अनुसंधान केंद्र ने शानदार आलू बीज की किस्में विकसित की हैं.

इसके अलावा हिमाचल की खासियत यहां की देव परंपराएं व लोक परंपराएं हैं. यहां शक्तिपीठ हैं और कई शिवालय भी. मंडी को छोटी काशी के रूप में ख्याति प्राप्त है. यहां कई ऐतिहासिक शिव मंदिर हैं. पर्यटन के लिहाज से हिमाचल एक शांत राज्य है और यहां सालाना पौने दो करोड़ सैलानी आते हैं. हिमाचल के सोलन जिले का बीबीएन क्षेत्र एशिया का फार्मा हब कहलाता है. यहां सालाना चालीस हजार करोड़ रुपए से अधिक की दवाएं बनती हैं.

हिमाचल के खाते में कई स्वर्णिम सफलताएं दर्ज हैं. ये सही है कि हिमाचल प्रदेश को अभी और लंबा सफर तय करना है. यहां आर्थिक संसाधन जुटाने की बड़ी लड़ाई है. इसके अलावा रोजगार के नए मार्ग सृजित करने की चुनौती प्रदेश के सामने है. नशे के खिलाफ लड़ाई में हिमाचल को और सक्रिय होने की जरूरत है. हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार से लेकर वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, रामलाल ठाकुर, प्रेम कुमार धूमल व अब जयराम ठाकुर के रूप में यहां मुख्यमंत्रियों ने राजनीतिक मुकाम हासिल किया है.

इस समय दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के मुखिया हिमाचल से हैं और अनुराग ठाकुर के रूप में युवा कैबिनेट मंत्री केंद्र सरकार में रहकर देश की सेवा में जुटे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को जिस समय हिमाचल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे, तब हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह में इन उपलब्धियों को भी रेखांकित करेंगे.

ये भी पढ़ें- शिमला के ब्रिटिश कालीन होटल में ठहरे हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जानें यहां की खासियतें

Last Updated :Jan 4, 2022, 7:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.