हिमाचल की सड़कों पर दौड़ रहे 18 लाख वाहन, कोरोना काल में अकेले शिमला में रजिस्टर्ड हुई 5216 गाड़ियां

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Published : Sep 18, 2021, 5:48 PM IST

हिमाचल
फोटो. ()

हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 2017 में पंजीकृत वाहनों की संख्या करीब साढ़े तेरह लाख थी. वहीं, चार साल बाद यह संख्या 18 लाख से अधिक हो गई. शिमला जिले की बात की जाए तो यहां अप्रैल 2020 से लेकर अगस्त 2021 तक 5216 नए वाहन रजिस्टर्ड हुए.

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2017 में हिमाचल में पंजीकृत वाहनों की संख्या साढ़े तेरह लाख करीब थी. चार साल बाद यह संख्या 18 लाख से अधिक हो गई.आलम यह है कि शिमला जिले में अप्रैल 2020 से लेकर अगस्त 2021 तक 5216 नए वाहन रजिस्टर्ड हुए. हिमाचल में 10 रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस हैं.

कोरोना काल में यहां 30 हजार से अधिक नए वाहन पंजीकृत हुए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च 2020 तक हिमाचल में सड़कों पर 17 लाख, 60 हजार 433 वाहन थे. सबसे अधिक संख्या मोटरसाइकिल और अन्य दोपहिया वाहनों की है. 2020 तक 9 लाख से अधिक टू व्हीलर हिमाचल की सड़कों पर थे. प्रदेश में 21 हजार 676 बसें चल रही हैं. इसके अलावा कारों की संख्या 5 लाख 35 हजार 812 के करीब है. कोरोना काल में वाहनों की यह संख्या बढ़कर 18 लाख से अधिक हो गई है. टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने का कारण रोजाना बाहर के राज्यों से हिमाचल प्रदेश में सात से दस हजार के करीब वाहन आते हैं.

वर्ष 2016 में हिमाचल में देश और विदेश से 1.79 करोड़ सैलानी आए. वर्ष 2017 में जनवरी में 1187693, फरवरी में 1146506 व मार्च में 1540801 पर्यटक पहुंचे. कुल मिलाकर तीन महीनों में ही 3875001 देशी व 92629 विदेशी सैलानी आए. इस तरह गाड़ियों के बोझ तले हिमाचल की सड़कें दब रही हैं. तुलनात्मक अध्ययन करें तो हिमाचल में 1990-91 में कुल 67 हजार 103 वाहन ही रजिस्टर्ड थे. इस तरह तीन दशक में ही संख्या बढ़कर 18 लाख तक पहुंच गई.

2016-17 में वाहनों की संख्या 12,93,755 थी. वाहनों की बढ़ती संख्या से सड़क हादसे होने की आशंका अधिक रहती है. हिमाचल में हर साल 1200 से अधिक लोग सड़क हादसों के कारण काल का ग्रास बन जाते हैं. शिमला जिले में पौने पांच लाख के करीब वाहन हैं. अकेले शिमला शहर में सवा लाख गाड़ियां रजिस्टर्ड है.

हिमाचल के परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मार्च 2017 तक हिमाचल की सडक़ों 14 लाख, 94 हजार, 857 वाहन रजिस्टर्ड थी. इसके बाद के आठ महीने में करीब 60 हजार और नए वाहन जुड़े. तब प्रदेश में खेती-बाड़ी के काम में 6624 ट्रैक्टर लगे थे. चार साल पहले के आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में 1157 एंबुलेंस सेवाएं दे रही हैं. निजी व सरकारी बसों का आंकड़ा 22,976 बसों का है. निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाले वाहनों की संख्या 441 है.

हिमाचल में 413 क्रेन रजिस्टर्ड हैं, सबसे अधिक वाहनों में समान ढोने वाले वाहनों की संख्या है. ऐसे वाहनों की संख्या 1,77,913 है. मैक्सी कैब- 16013, दो पहिया 7,62,275 हैं. ऐसा नहीं है कि ये गाड़ियां सड़कों पर बोझ ही बढ़ा रही हैं. इनसे करोड़ों रुपये का टैक्स भी हासिल होता है. इसके अलावा जुर्माना भी वसूल किया जाता है. वर्ष 2016-17 में सरकार को वाहनों से 279 करोड़ का राजस्व मिला.

कोविड से पूर्व यह राजस्व 300 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका था. हिमाचल में शिमला जिले में अधिक गाड़ियां होने का कारण यह भी है कि सेब सीजन के बाद बागवान नई गाड़ियों को खरीदने के लिए प्राथमिकता देते हैं. इसके अलावा राजधानी होने के कारण शिमला में सरकारी वाहनों की संख्या भी अच्छी-खासी है. हिमाचल सरकार के परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर के अनुसार प्रदेश में मौजूद गाड़ियों की संख्या को देखते हुए पार्किंग की अतिरिक्त व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है. सड़क हादसों को कम करने के लिए पुलिस विभाग के साथ मिलकर ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने और लोक निर्माण विभाग की मदद से वहां सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं.

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