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40 साल बाद शिमला का नया डेवलपमेंट प्लान जारी, राजधानी के 17 ग्रीन एरिया में घर बनाने की छूट

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Published : Feb 8, 2022, 2:51 PM IST

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के लिए 40 साल बाद नया डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. नए प्लान के मुताबिक राजधानी के 17 ग्रीन एरिया में आवासीय भवन बनाने की छूट मिल सकती है. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 1979 में शिमला का अंतरिम डेवलपमेंट प्लान बना था. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी राज्य सरकार को तुरंत प्लान बनाने के लिए कहा था. जिसके बाद इस पर काम शुरू किया गया.

New development plan of Shimla
शिमला का नया डेवलपमेंट प्लान जारी.

शिमला: शहर के लिए 40 साल बाद नया डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. मंगलवार को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला के बचत भवन में नए डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है और अब नए डेवलमेंट प्लान पर आपत्तियां और सुझाव लिए जाएंगे. इसके लिए 30 दिन का समय दिया गया. जीआईएस (geographic information system) के तहत ये ड्राफ्ट तैयार किया है. ड्राफ्ट की कॉपी टीसीपी कार्यालय, नगर निगम कार्यालय के अलावा वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि लोग इस नए डेवलपमेंट प्लान को पढ़ सके. विभाग जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाएगा.

शिमला शहर के लिए डेवलपमेंट प्लान- प्लान के मुताबिक राजधानी के 17 ग्रीन एरिया में आवासीय भवन बनाने की छूट मिल सकती है. ढाई मंजिला भवन बनेंगे, इसमें दो मंजिला और एटिक शामिल होगा. पुराने भवन जो बने हुए हैं, उन्हें ओल्ड लाइन पर मंजूर किया जा सकेगा. ग्रीन एरिया में हरे पेड़ों को काटने व गिराने पर रोक रहेगी. इसके साथ के दो वर्ग मीटर के दायर में भवन का निर्माण नहीं हो सकेगा. वन भूमि से भवन की दूरी पांच मीटर रखना अनिवार्य होगा. इन क्षेत्रों में चेंज आफ लैंड और बिल्डिंग यूज की अनुमति नहीं दी जाएगी. ज्यादा से ज्यादा कटिंग एक साथ साढ़े तीन मीटर ही हो सकेगी. यहां पर बनने वाले भवनों में सोलर प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिग लगाना अनिवार्य किया जाएगा. नॉन कोर एरिया में 3 फ्लोर पार्किंग, ऐटिक बनाने की अनुमति प्रस्तावित है. शहर और प्लानिंग एरिया के लिए ये पहला डेवलपमेंट प्लान होगा.

शिमला का नया डेवलपमेंट प्लान जारी.
40 साल बाद बना डेवलपमेंट प्लान- शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 40 साल बाद शिमला शहर के लिए डेवलपमेंट प्लान बनाया जा रहा है. 1979 में शिमला का अंतरिम डेवलपमेंट प्लान बना था. इसके बाद आज तक प्लान नहीं बन सका. अब उस पर काम किया जा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी राज्य सरकार को तुरंत प्लान बनाने के लिए कहा था. जिसके बाद इस पर काम शुरू किया गया और डेवलपमेंट का प्लान तैयार कर लिया गया है और अब एक माह का समय आपत्ति दर्ज करने का दिया गया है. उसके बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा. निर्माण कार्य पर एनजीटी ने लगाई है रोक- शिमला शहर में एनजीटी के 2017 के आदेश के बाद कई स्थानों पर निर्माण पर रोक है. पूरे प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से ज्यादा का निर्माण नहीं हो सकता है. ग्रीन एरिया में पूरी तरह से भवन निर्माण पर रोक लगा दी गई है. राज्य सरकार इसमें छूट के लिए लगातार प्रयास कर रही है. अभी तक किसी भी सफलता नहीं मिल पा रही है.

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