Himachal Pradesh High Court: सर्विस करियर में पाए अधिकार को अधिसूचना जारी कर नहीं छीना जा सकता

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Published : Sep 10, 2022, 8:51 PM IST

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो). ()

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने आदेश दिया है कि सर्विस करियर में पाए अधिकार को अधिसूचना जारी कर नहीं छीना जा सकता. पढ़ें पूरी खबर...

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने आदेश दिया है कि सर्विस करियर में पाए अधिकार को अधिसूचना जारी कर नहीं छीना जा सकता. यह व्यवस्था न्यायाधीश सत्येंन वैद्य ने पुलिस विभाग में सेवारत 26 याचिकाकर्ताओं की 4 याचिकाओं का निपटारा करते हुए दी.

याचिकाओं में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी जो वरिष्ठ लिपिक के पद पर पदोन्नत हो गए थे उन्हें 1 सितंबर 1998 व 30 मई 2001 को जारी की गई अधिसूचना के तहत लिपिक के पद पर वापस भेज दिया गया. यही नहीं उनके वेतन को भी कम कर दिया गया. जब प्रार्थियों को बतौर कनिष्ठ सहायक पदनामित किया गया तो उनके वेतन को कम कर लिया गया. जबकि हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विसेज रिवाइज रूल्स 1998 के मुताबिक प्रार्थियों के वेतन का निर्धारण किया गया था. मगर इन अधिसूचनाओं के आने के पश्चात उनके पदनाम को निचले स्तर पर करने के साथ वेतन भी कम कर दिया गया.

प्रदेश उच्च न्यायालय ने दोनों अधिसूचनाओं को कानून के विपरीत पाते हुए रद्द कर दिया. हाई कोर्ट ने उनके अधिसूचना से पूर्व पदनाम को बहाल करने के साथ उनके वेतन को भी संरक्षित करने के आदेश पारित किए. हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में यह स्पष्ट तौर पर कहा कि इस निर्णय का लाभ केवल उन 26 प्रार्थियों को ही मिलेगा जोकि अपनी याचिकाएं लेकर हाई कोर्ट के समक्ष आए थे.

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