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'इंडियन पैंथर हाउंड' के संरक्षण की तैयारी, हिमाचल सरकार खर्च करेगी 78 लाख रुपये

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Published : Oct 20, 2021, 9:33 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 3:13 PM IST

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फोटो.

हिमाचल प्रदेश की सरकार श्वान के संरक्षण और संवर्धन के लिए 78 लाख की परियोजना शुरुआत की है. कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वेटरनरी कॉलेज के वैज्ञानिकों की टीम गद्दी नस्ल के कुत्तों के फेनोटाइपिक और मॉलिक्यूलर विशेषताओं पर अध्ययन करेगी. इंडियन पैंथर हाउंड के नाम विख्यात कुत्तों के संरक्षण की बात पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में की थी.

शिमला: हिमाचली श्वान के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. हिमाचल में गद्दी समुदाय द्वारा पाले जाने वाले इस नस्ल के कुत्तों के संरक्षण और प्रसार पर 78 लाख रुपए की परियोजना तैयार की गई है. कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वेटरनरी कॉलेज के वैज्ञानिकों की टीम इस प्रजाति के कुत्तों के फेनोटाइपिक और मॉलिक्यूलर विशेषताओं पर अध्ययन करेगी. इसके नस्ल के कुत्तों का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में किया था.

प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में गद्दी समुदाय के घुमंतू भेड़ पालक इस प्रजाति के कुत्तों को पालते हैं. इसी कारण समुदाय के नाम से इसे पहचान मिली है. साथ ही तेंदुए से भेड़ों की रक्षा और तेंदुए से लड़ने की क्षमता रखने के कारण ही इसे इंडियन पैंथर हाउंड के नाम से भी जाना जाता है.

कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी ऊंचाई 20 से 27 सेंटीमीटर और वजन 35 से 45 किलो होता है. हिमालय क्षेत्र में नेपाली शीप डॉग, नेपाली हिल डॉग दोनों नेपाल में भी पाए जाते हैं. हिमालयन गार्ड डॉग, इंडियन लेपर्ड हाउंड हिमाचली श्वान और कश्मीर शीप डॉग अधिकांश हिमालय क्षेत्र में पाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि अभी रिसर्च वर्क शुरुआती चरण में है.

पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय ने हिमाचल के गद्दी चरवाहों द्वारा पाले गए कुत्तों की एक विदेशी नस्ल 'गद्दी कुत्तों' या 'इंडियन पैंथर हाउंड' पर शोध कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है. यह गद्दी कुत्ता हिमालय के कुत्तों की एक नस्ल है, जिसका नाम चरवाहों के नाम पर रखा गया है, जो उन्हें पालते हैं. आजकल के समय में बदलती जीवन शैली के साथ ही इन चरवाहों की संख्या तेजी से घट रही है. जिससे गद्दी कुत्तों की आबादी खतरनाक दर से घट रही है. जिसके परिणाम स्वरूप पश्चिमी हिमालय में शुद्ध नस्ल के गद्दी कुत्तों को ढूंढना मुश्किल हो गया है.

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गद्दी नस्ल के कुत्ते.

विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा वैज्ञानिकों को हिमाचल प्रदेश की इस प्रतिष्ठित नस्ल के शुद्ध नस्ल को वैज्ञानिक रूप से प्रजनन और संरक्षित करने के लिए तुरंत एक अनुसंधान और संरक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया है. विश्वविद्यालय ने आवश्यक आधारभूत ढांचा निर्माण कार्य पहले ही शुरू कर दिया है और एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, वैज्ञानिक प्रजनन कार्य शुरू हो जाएगा.

डॉ. पीके डोगरा, हेड, पशुधन फार्म कॉम्प्लेक्स, डॉ. जीसी नेगी, कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज के नेतृत्व में एक टीम चरवाहों के पास उपलब्ध गद्दी कुत्तों के फेनोटाइपिक और आणविक लक्षण वर्णन पर भी अध्ययन करेगी. इस शोध कार्य से गद्दी कुत्तों के फेनोटाइपिक और कई विशेषताओं के संरक्षण में मदद मिलने की उम्मीद है, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है. यह राज्य के इस प्रतिष्ठित प्रजाति के न्यूनतम प्रजनन योग्य संख्या को बनाए रखने में भी मदद करेगा.

हिमाचल के अलावा पंजाब के गुरदासपुर, होशियारपुर और रोपड़ जिलों में गद्दी कुत्ते की नस्ल किसानों की पसंदीदा है. इन जिलों में किसान अपनी फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए पालते हैं. पंजाब के किसान इन कुत्तों को ऊंची दरों पर खरीदते हैं. जब गद्दी चरवाहे पंजाब के साथ हिमाचल के सीमावर्ती मैदानी इलाकों में जाते हैं. प्रसिद्ध देसी नस्ल के कुत्तों की रक्षा के लिए हिमाचल में शुरू की गई यह अपनी तरह की पहली परियोजना है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले 'मन की बात' में देश की सुरक्षा में सशस्त्र बलों के श्वान दस्ते के योगदान की जमकर सराहना की और लोगों से आग्रह किया कि यदि कुत्ते को पालने की उनकी योजना है तो वे भारतीय नस्ल का कुत्ता पालें. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री भारतीय सेना के कुत्तों सोफी एवं विदा की चर्चा की, जिन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ 'कमेंडेशन कार्ड' से सम्मानित किया गया है.

पीएम मोदी ने बीड पुलिस का भी उल्लेख किया जिसने हाल ही में अपने श्वान साथी रॉकी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी. रॉकी ने 300 से अधिक मामलों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी. कुत्तों की भारतीय नस्लों पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें पालने में कम खर्च आता है और उन्हें भारतीय वातावरण और परिवेश के अनुरूप बेहतर तरीके से ढाला जा सकता है.

उन्होंने कहा कि 'भारतीय नस्ल के कुत्ते भी बहुत अच्छे होते हैं और बहुत सक्षम होते हैं. इनमें मुधोल हाउंड, हिमाचली हाउंड शामिल है, ये बहुत ही अच्छी नस्लें हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा भारतीय नस्ल के कुत्तों पर अनुसंधान भी किया जा रहा है, जिससे उन्हें बेहतर और अधिक लाभदायक बनाया जा सकेगा'.

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Last Updated :Jan 4, 2022, 3:13 PM IST
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