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हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय ने पार किया दो लाख का आंकड़ा, सीएम ने सदन में रखी आर्थिक सर्वे रिपोर्ट

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Published : Mar 3, 2022, 3:58 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 4:52 PM IST

himachal economic survey report
सीएम ने पेश किया आर्थिक सवेक्षण

हिमाचल में चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में 18,421 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सीएम जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सदन में आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश की. सरकार ने उम्मीद (Himachal Economic Survey Report) जताई कि 2022-23 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में और सुधार होगा और विकास दर दहाई अंक (double digit) को छू लेगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय दो लाख रुपये सालाना का आंकड़ा पार कर गयी है. सीएम जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सदन (HIMACHAL PRADESH VIDHAN SABHA BUDGET SESSION) में आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि (Himachal Economic Survey Report) अब कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि हिमाचल में चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में 18,421 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय बीते साल की तुलना में 1,83,333 रुपए से बढ़कर 2,01,854 रुपए होने का अनुमान है. यह राष्ट्रीय स्तर पर अनुमानित औसत प्रति व्यक्ति आय से 51,428 रुपए ज्यादा है. इसके अलावा राज्य की विकास दर 8.3 फीसदी रहने का अनुमान है. मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 8.3 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में यह (माइनस) -5.2 फीसदी थी.


रिपोर्ट के अनुसार प्रचलित भावों (Himachal Economic Survey Report) पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वर्ष 2020-21 में एक लाख 56 हजार 675 करोड़ रुपए से बढ़कर 2021-22 में अग्रिम अनुमानों के अनुसार एक लाख 75 हजार 173 करोड़ रुपए होने की संभावना है. यानी GDP में भी 18798 करोड़ का इजाफा हुआ है.


कृषि क्षेत्र में 8.7 फीसदी की वृद्धि दर- राज्य में कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत, विनिर्माण ( manufacturing) क्षेत्र में 11.3 प्रतिशत, निर्माण क्षेत्र में 13.3 प्रतिशत, व्यापार, होटल-रेस्ट्रां इत्यादि में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर अनुमानित है. सरकार के मुताबिक इन सभी सेक्टर में सभी ने खूब मुनाफा अर्जित किया है.

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ा खर्च- वर्ष 2016-17 में शिक्षा पर GDP का कुल 4.17 प्रतिशत खर्च किया जा रहा था, जो कि 2021-22 में बढ़कर 4.72 प्रतिशत हो गया है. इसी तरह स्वास्थ्य पर GDP का 2016-17 में 1.42 प्रतिशत बजट खर्च किया जा रहा था. 2021-22 में यह बढ़कर 1.70 प्रतिशत हो गया. आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य सरकार सामाजिक सेवाओं पर 2016-17 में 29.52 प्रतिशत खर्च कर रही थी, जो 2021-22 में बढ़कर 33.91 प्रतिशत हो गया है. सरकार ने उम्मीद जताई कि 2022-23 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में और सुधार होगा और विकास दर दहाई अंक (double digit) को छू लेगी.

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Last Updated :Mar 3, 2022, 4:52 PM IST
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