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शिमला में बुक कैफे का द्वार फिर खुला, चाय-कॉफी की चुस्कियों के साथ किताबों पढ़ने व हसीन वादियों का उठा सकते हैं लुत्फ

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Published : Jul 11, 2022, 8:34 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 10:45 PM IST

Book cafe again opened in shimla
शिमला में फिर खुला बुक कैफे का द्वार.

लंबे समय के बाद शिमला बुक कैफे एक बार फिर से स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया (Book cafe again opened in shimla) है. 2017 में बना यह बुक कैफे पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों के लिए पसंदीदा जगहों में से एक था, यहां साहित्यकार संगोष्ठियों का आयोजन करते थे. लेकिन कोरोना काल मे निजी कम्पनी भी इसे चलाने में असमर्थ रही. दो वर्षों से इस पर ताला लटका था.

शिमला: राजधानी शिमला के टक्का बेंच स्थित पहले बुक कैफे एक बार फिर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए खुल गए (Book cafe again opened in shimla) हैं. कोरोना काल के समय से बंद पड़े शिमला बुक कैफे में फिर से लोग पढ़ने के साथ व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं. 2017 में बना यह बुक कैफे पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को खूब भाता था. यहां पर साहित्यकारों द्वार संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता था, लेकिन कोरोना काल के कारण यहां पर सभी गतिविधियां बंद हो गयी थी.

2017 में बने उस बुक कैफे को शुरुआत में कैदियों द्वारा चलाया जाता था. बाद में नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) ने इसे निजी हाथों में सौंप दिया और कोरोना काल मे निजी कम्पनी भी इसे चलाने में असमर्थ रही. दो वर्षों से इस पर ताला लटका था. अब एक बार फिर लोग यहां चाय, कॉफी की चुस्कियों के साथ पढ़ने का आनंद ले सकते हैं.

शिमला में फिर खुला बुक कैफे. (वीडियो)

शिमला बुक कैफे (Shimla Book cafe ) में कार्य कर रहे मनीष कुमार और अमित ठाकुर ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही इसे खोला गया है. लोगों को अभी पता भी नहीं चला है कि कैफे शुरू हो गया है. इसलिए शुरुआत में केवल कम ही व्यंजन बनाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चाय, कॉफी, चाइनीज, कॉन्टिनेंटल परोस रहे हैं. मॉकटेल उनके कैफे की विशेषता है. उन्होंने कहा कि अभी कम लोग ही यहां आ रहे हैं. धीरे-धीरे जैसे लोगों की आमद बढ़ेगी तो वह पहाड़ी व्यंजन भी पर्यटकों (tourists in Shimla) को परोसेंगे.

बता दें 2017 में नगर निगम शिमला में टका बेंच पर बुक कैफे बनाया गया था और इस कैफे को कैदियों को चलाने के लिए दिया गया था, जिससे यह एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. यहां पर पर्यटक और स्थानीय लोग काफी तादाद में आते थे. यह साहित्यकारों की पहली पसंद था, लेकिन नगर निगम ने इस कैफे का निजीकरण कर दिया और कंपनी को इस कैफे को चलाने के लिए दे दिया. कोरोना काल के कारण निजी कम्पनी इसे चलाने में असमर्थ रही. अब एक बार फिर यहां लोग इस कैफे जा आनंद ले सकते हैं.

Last Updated :Jul 11, 2022, 10:45 PM IST
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