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प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर के लिए भाजपा जिम्मेदार, 153 सरकारी स्कूलों में लटक रहे ताले: आईडी भंडारी

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Published : May 4, 2022, 9:58 AM IST

Updated : May 4, 2022, 1:02 PM IST

AAP Spokesperson ID Bhandari
हिमाचल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आईडी भंडारी.

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी और स्कूलों की बदहाली पर आम आदमी पार्टी ने जयराम सरकार पर निशाना साधा है. हिमाचल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आईडी भंडारी (AAP Spokesperson ID Bhandari) ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के राज में प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर गई है और हालत यह हो गई कि अब न तो सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं और न ही बच्चों के अभिभावक.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी और स्कूलों की बदहाली पर आम आदमी पार्टी ने जयराम सरकार पर निशाना साधा है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आईडी भंडारी (AAP Spokesperson ID Bhandari) ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के राज में प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर गई है और हालत यह हो गई कि अब न तो सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं और न ही बच्चों के अभिभावक.

उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश में मौजूदा भाजपा की जयराम सरकार में शिक्षा व्यवस्था (Government schools in Himachal) पूरी तरह बदतर से बदतर हो गई है. हालत यह है कि पिछले साढे 4 साल के कार्यकाल में प्रदेश में लगभग 500 से ज्यादा स्कूलों का ताला लटक गया है. नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 की अगर बात करें, तो अब तक 153 सरकारी स्कूलों में ताला लग चुका है. इसमें सबसे ज्यादा 39 स्कूल जिला शिमला में बंद हुए हैं. जबकि कांगड़ा में 30 और मंडी में 26 स्कूल बंद हुए हैं. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे दर्जनों स्कूल हैं, जहां पर अब अभिभावक रुचि नहीं दिखा रहे हैं और स्कूलों में ताले लटक गए हैं.

हिमाचल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आईडी भंडारी.

उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि साढ़े 4 साल के कार्यकाल में खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शिक्षा मंत्रियों से असंतुष्ट दिखाई दिए. कभी सुरेश भारद्वाज, तो कभी गोविंद ठाकुर को शिक्षा मंत्री बनाया गया, क्योंकि इन दोनों मंत्रियों से न तो शिक्षा व्यवस्था को सुधारा गया और न ही शिक्षा की गुणवत्ता को. हालत यह रहे कि साढे 4 सालों में सरकार शिक्षकों के तबादले ही करती रही. उन्होंने कहा कि यह दोनों मंत्री अपने चहेतों को मनपसंद स्कूलों में तैनाती देते रहे.

प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आज प्रदेश की हालत बद से बदतर होती जा रही है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में न तो शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही पीने के पानी (Condition of Government schools in Himachal) की. ऐसे में भाजपा सरकार सिर्फ अपनी राजनीतिक गोटियां फिट करने के लिए ही भ्रष्टाचार को अंजाम देती रही. लेकिन मूलभूत सुविधाओं पर कोई गौर नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि यू-डाइस 2019-21 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल 18,145 स्कूलों की संख्या है. जिसमें 10,574 प्राइमरी स्कूल, 1,948 मिडल स्कूल हैं. इन स्कूलों में 4,096 प्राइमरी स्कूलों की हालत खस्ता है.

उन्होंने कहा कि प्राइमरी कक्षाओं के लिए प्रदेश में 22 हजार 93 शिक्षक हैं. अप्पर प्राइमरी में 10,442, सेंकेडरी कक्षाओं के लिए 7,849, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 12,459 शिक्षक
और अन्य सभी तरह के स्कूलों में कुल शिक्षकों की संख्या 67,249 है. जिसमें अधिकतर पद खाली पड़े हुए हैं. उन्होंने जयराम पर निशाना साधते हुए कहा कि जयराम ठाकुर शिक्षा पर इसलिए बात नहीं करते क्योंकि उन्होंने यहां की शिक्षा और स्कूलों को नहीं सुधारा. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश की जनता जयराम और भाजपा सरकार से ऊब चुकी है और जनता ने बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दिल्ली मॉडल को हिमाचल में लाने का (Aam Aadmi Party in Himachal) मन बना लिया है.

Last Updated :May 4, 2022, 1:02 PM IST
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