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बरसात ने दिए हिमाचल को जख्म, अब तक 700 करोड़ का नुकसान...222 लोगों की गई जान

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Published : Aug 5, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 9:57 PM IST

हिमाचल प्रदेश में इस बार बारिश आफत बनकर बरसी है. बारिश के चलते जहां 700 करोड़ का नुकसान हुआ है, वहीं अब तक 222 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश को मानसून हर साल न भूलाए जाने वाले जख्म दे रहा है. राज्य में पिछले पांच सालों के दौरान मानसून की बौछारें करोड़ों रुपए का नुकसान कर चुकी है.

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शिमला: बरसात हर साल हिमाचल को गहरे जख्म दे रही है. इस साल भी बरसात में जहां 700 करोड़ का नुकसान हुआ है, वहीं अब तक 222 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल सरकार(Himachal Government) ने नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को रिपोर्ट भेज दी है और जल्द मदद मिलने की आस लगाए बैठा है.

केंद्र सरकार(central government) से समय पर बरसात के चलते हो रहे नुकसान की भरपाई की मदद नहीं मिल सकी है, ऐसे में प्रदेश सरकार को अपने ही खजाने से ही भरपाई करनी पड़ रही है. हर साल राज्य सरकार की ओर से नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाती है, लेकिन मदद के नाम पर ज्यादा राशि नहीं मिल पाती.

सूखे और ओलावृष्टि से हिमाचल में किसान और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार की ओर से नुकसान पर संबंधित विभागों को क्रमश: पौने चार करोड़ और पांच करोड़ की राशि जारी की गई है. सूखे की स्थिति को देखते हुए जलशक्ति विभाग को 25 करोड़ रुपए जारी किए गए है. सूखे और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 645 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी करने का आग्रह किया है. हालांकि, अभी तक यह राशि नहीं मिल पाई है.

हिमाचल प्रदेश को मानसून हर साल न भूलाए जाने वाले जख्म दे रहा है. राज्य में पिछले पांच सालों के दौरान मानसून की बौछारें करोड़ों रुपए का नुकसान कर चुकी है. बीते सालों के दौरान 1009 लोगों ने अपनी जानें गंवाई. प्रदेश में साल 2017 के दौरान मानसून सीजन में 75 लोगों की मौत हुई थी. 2018 में 343 लोगों ने अपनी जान गंवाई. राज्य में साल 2019 के दौरान भी मानूसन ने जमकर कहर बरपाया था. 2019 में राज्य के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा सहित सड़क दुर्घटनाओं में 307 लोगों की मौत हुई थी. 2020 में 284 लोगों की मौतें हुई थी, जबकि मौजूदा मानसून सीजन के दौरान अभी तक 222 लोग मौत का ग्रास बन गए.

इसके अलावा वर्ष 2017 के दौरान राज्य में 914.05 करोड़ का नुकसान हुआ. 2018 में प्रदेश को 1594.01 करोड़ की चपत लगी थी. 2019 में भी 1224.77 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2020 में 865.19 करोड़ की चपत लगी थी, जबकि मौजूदा मानसून में अभी तक प्रदेश को 700 करोड़ का नुकसान हो चुका है. हिमाचल में मानसून के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ.

सड़कों पर भूस्खलन होने से लोक निर्माण विभाग(Public Works Department) को हर साल करोड़ों की चपत लगती है. बारिश से हर साल सड़कों को भारी नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा जल शक्ति विभाग(water power department) को भी बारिश ने गहरे जख्म दिए. इस साल भी सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.

बता दें कि किन्नौर जिले के बटसेरी में जुलाई माह में ऊंची पहाड़ियों से पत्थर गिरने से टेंपो ट्रैवलर चपेट में आ गया था. ट्रैवलर में सवार नौ पर्यटकों की जान चली गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बटसेरी गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ था. इसके अलावा एक बड़े वाहन को भी नुकसान पहुंचा.

लाहौल स्पीति के तोजिंग नाले में बाढ़ की चपेट में आने से सात लोगों की मौत हो गई. कुल्लू की मणिकर्ण घाटी की ब्रह्मगंगा नदी में बाढ़ आने से मां-बेटे भी बह गए थे. इसके अलावा प्रदेश के कई हिस्सों में भी भूस्खलन की चपेट में आने के अलावा वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से लोगों का जान भी जा रही है. मणिकर्ण घाटी की ब्रह्मगंगा नदी में बाढ़ आने से मां-बेटे भी बह गए थे. इसके अलावा प्रदेश के कई हिस्सों में भी भूसंखलन की चपेट में आने के अलावा वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से लोगो की मौते हो रही है.

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Last Updated :Aug 5, 2021, 9:57 PM IST
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