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हिमाचल पर 65 हजार करोड़ का कर्ज, खजाना खाली, कैसे पूरी होगी राजनीतिक दलों की गारंटी

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Published : Sep 2, 2022, 9:15 AM IST

हिमाचल पर 65 हजार करोड़ का कर्ज
हिमाचल पर 65 हजार करोड़ का कर्ज

हिमाचल का खजाना खाली है, लेकिन चुनावी साल में राजनीतिक दल फ्री-फ्री-फ्री की गारंटी दे रहे हैं. प्रदेश पर इस समय 65 हजार करोड़ रुपए का (65 thousand crore debt on Himachal) कर्ज है.कर्ज के बिना हिमाचल की गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती, ये सभी राजनीतिक दल जानते हैं, परंतु फ्री की घोषणाएं करने से (Himachal Assembly Election 2022) कोई पीछे नहीं हट रहा.

शिमला: भारी भरकम कर्ज में डूबे छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल का खजाना खाली है, लेकिन चुनावी साल में राजनीतिक दल फ्री-फ्री-फ्री की गारंटी दे रहे हैं. प्रदेश पर इस समय 65 हजार करोड़ रुपए का (65 thousand crore debt on Himachal) कर्ज है. अभी सरकार को नए वेतनमान के अनुरूप कर्मियों को एरियर का लाभ देना है. बिना कर्ज लिए ये लाभ देना संभव नहीं है. कर्ज के बिना हिमाचल की गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती, ये सभी राजनीतिक दल जानते हैं, परंतु फ्री की घोषणाएं करने से (Himachal Assembly Election 2022) कोई पीछे नहीं हट रहा.

सभी का महिलाओं पर फोकस: मौजूदा समय में सत्ताधारी दल भाजपा ने महिलाओं को बस किराए में 50 फीसदी छूट की सुविधा दी है. इसके अलावा 125 यूनिट बिजली निशुल्क दी जा रही है. वहीं, चुनावी साल में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी फ्री-फ्री-फ्री का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने 18 साल से लेकर 60 साल की आयु की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने का ऐलान किया है. इसके अलावा 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा भी है. सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर ओपीएस लागू करने का वादा है. इसी तरह आम आदमी पार्टी ने भी महिलाओं को हर (Guarantee of Aam Aadmi Party in Himachal) महीने 1 हजार रुपए की गारंटी दी है. कांग्रेस ने हाल ही में सत्ता में आने के बाद 10 लुभावने वादे (Ten announcements of Himachal Congress) लागू करने का भरोसा दिया है.

एरियर और अन्य लाभ के लिए चाहिए 6 हजार करोड़: हिमाचल की स्थिति को देखें तो इस समय राज्य पर 64904 करोड़ रुपए का कर्ज है. अभी हिमाचल प्रदेश में नए वेतनमान के अनुसार एरियर व अन्य लाभ प्रदान करने के लिए सरकार को कम से कम 6 हजार करोड़ रुपए चाहिए. वहीं, महिलाओं को किराए में 50 फीसदी छूट देने से हिमाचल पथ परिवहन निगम को सालाना 60 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है. इसी तरह 125 यूनिट बिजली फ्री देने से 14 लाख उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है. इससे बिजली बोर्ड को हर महीने कम से कम 50 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.

बिजली पर हर महीने 50 करोड़ नुकसान: राज्य के कुल 22,59,645 घरेलू उपभोक्ताओं में से 14,62,130 से अधिक उपभोक्ताओं के बिजली बिल जीरो आ रहे हैं. इससे पूर्व 125 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर उपभोक्तओं को लगभग 600 रुपये का भुगतान करना पड़ता था. अनुमान लगाया जा रहा है कि जीरो से 125 यूनिट के बीच यदि बिल का कंपैरिजन किया जाए तो बोर्ड को हर महीने कम से कम 50 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. चूंकि ये इतना बड़ा लाभ नहीं है, लिहाजा सरकार इसे वहन करने की स्थिति में है.

लाभ कैसे देंगे सपष्ट नहीं: वहीं, एक नजर कांग्रेस की प्रमुख गारंटियों पर डालते हैं. कांग्रेस ने महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए महीना देने का वादा किया है. यदि प्रदेश में 18 से 60 साल की महिलाओं की संख्या कम से कम 20 लाख भी रखी जाए तो सालाना 300 करोड़ रुपए की रकम चाहिए. वहीं, 300 यूनिट बिजली फ्री देने से महीने में 100 करोड़ रुपए चाहिए. आम आदमी पार्टी ने तो सभी महिलाओं को 1 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. बड़ी बात ये है कि कोई भी दल ये स्पष्ट नहीं कर रहा कि कर्ज में डूबे प्रदेश में ये लाभ कैसे दिए जाएंगे.

मानसून सत्र में उछला था कर्ज का मुद्दा: हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र में कर्ज का मुद्दा उछला था तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में जानकारी दी थी कि राज्य पर इस समय 64904 करोड़ रुपए का कर्ज है. मौजूदा सरकार ने अब तक के कार्यकाल में 16,998 करोड़ का लोन लिया. वहीं, 5 साल के अंतराल में यानी 2012 से 2017 तक वीरभद्र सिंह सरकार ने 19200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. मुख्यमंत्री ने बताया था कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में लोन लेने की वृद्धि दर 67 फीसदी थी. वहीं, मौजूदा सरकार यानी जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने वृद्धि दर पर लगाम लगाई और इसे 35 फीसदी तक थामा.

मंत्री सुरेश भारद्वाज का कांग्रेस से सवाल: हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस से सवाल किया है कि (Suresh Bhardwaj on Congress) वो महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपए कैसे देंगे? सुरेश भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस मुखिया प्रतिभा सिंह भी इस आयु वर्ग में हैं तो क्या वे भी हर महीने डेढ़ हजार रुपए वाली सुविधा का लाभ लेंगी? बड़ी बात ये है कि कांग्रेस के युवा नेता विक्रमादित्य सिंह कह चुके हैं कि उतनी ही पांव फैलाने चाहिए, जितनी लंबी चादर हो. वैसे इस मसले पर आम जनता में भी चर्चा हो रही है. लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि कर्ज में डूबे प्रदेश में ऐसी लोक लुभावनी घोषणाएं कैसे पूरा होंगी.

कांग्रेस करेगी कुछ बदलाव: वरिष्ठ मीडिया कर्मी हिमकिरण मांटा का कहना है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो इस वादे में इफ एंड बट लगाएगी. कांग्रेस ये कह सकती है कि डेढ़ हजार रुपए की रकम गरीब महिलाओं को ही मिलेगी. इससे महिलाओं की संख्या कम हो जाएगी. आय सीमा का फैक्टर भी लगाया जा सकता है. वहीं, निशुल्क बिजली देना राज्य सरकार के लिए कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने पर है.

लोक लुभावन घोषणाएं तर्कसंगत नहीं: अभी तक राज्य सरकार नए वेतनमान के अनुसार कर्मचारियों को एरियर व अन्य वित्तीय लाभ देने की स्थिति में नहीं है. फिर राज्य सरकार ने यहां यूजीसी स्केल लागू कर (UGC scale implemented in Himachal) दिया है. यूजीसी स्केल लागू करने से राज्य सरकार पर सालाना तीन सौ करोड़ रुपए से अधिक का भार पड़ेगा. पूर्व वित्त सचिव केआर भारती का कहना है कि हिमाचल की आर्थिक स्थिति बेहतर (Himachal economic condition is not better)नहीं है. राज्य के पास खुद के आर्थिक संसाधन न के बराबर हैं. कर्ज लेकर सरकार की गाड़ी चलती है. खजाने का अधिकांश हिस्सा सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च हो जाता है. ऐसे में लोक लुभावन घोषणाएं तर्कसंगत नहीं हैं.

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