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पहाड़ सा है इस दुखियारी मां का दुख, बीमार बेटी के इलाज के लिए सीएम जयराम से गुहार

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Published : Feb 12, 2022, 6:29 PM IST

Updated : Feb 13, 2022, 6:35 AM IST

मंडी जिले के सुंदरनगर के धार गांव की लीला देवी ने अपनी बेटी के इलाज के लिए सीएम जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है. दरअसल, लीला देवी की 22 वर्षीय बेटी मनीषा के दिल में छेद है. उम्र ज्यादा होने की वजह से डॉक्टर ऑपरेशन के लिए मना कर हैं. ऐसे में दवा ही एक सहारा है, लेकिन दवा का खर्च ज्यादा होने की वजह से इलाज संभव नहीं हो पा रहा है.

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बेटी के इलाज के लिए सीएम से गुहार.

शिमला: एक तो गरीबी ऊपर से बेटी की बीमारी की पीड़ा, पहाड़ की इस मां का दुख भी पहाड़ इतना बड़ा है. जवान बेटी के हाथ पीले करने की लालसा किस मां की नहीं होती, लेकिन यह दुखियारी मां बस अपनी बेटी के सेहतमंद होने की कामना कर ही है. दरअसल, मंडी जिले के धार गांव की रहने वाली मनीषा के दिल में छेद हैं और डॉक्टर का कहना है कि बस दवा से ही उसका इलाका हो सकता है. इस उम्र में ऑपरेशन संभव नहीं है.

राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 22 साल की युवती इलाज के लिए भर्ती है. साधनहीन परिवार की इस बेटी के दर्द की कोई सीमा नहीं. मां लीला देवी ईश्वर की लीला के आगे खुद को असहाय महसूस कर रही हैं. मनीषा की बीमारी बहुत बढ़ गई है. डॉक्टर कह रहे हैं कि इस स्टेज में ऑपरेशन संभव नहीं है. इसे सारी उम्र दवाइयों के सहारे रहना होगा. वहीं, मनीषा के पिता अपाहिज हैं और मां असहाय. गहने बेचकर अब तक इलाज करवाया है. अब लीला की हिम्मत टूटने लगी है. उसने सीएम जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है कि बेटी के इलाज के लिए मदद की जाए.

बेटी के इलाज के लिए सीएम से गुहार.

मंडी के सुंदरनगर के धार गांव की एक महिला लीला देवी ने अपनी बेटी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है. महिला की 22 वर्षीय बेटी मनीषा के दिल में छेद है. मनीषा बीते 12 दिनाें से आईजीएमसी के कार्डियाेलाॅजी विभाग में एडमिट है. डाॅक्टराें ने पूरी जांच के बाद महिला काे बताया है कि उनकी बेटी का ऑपरेशन संभव नहीं है, क्याेंकि बीमारी काफी बढ़ चुकी है और ऑपरेशन में अब रिस्क है. ऐसे में मनीषा काे अब केवल दवाओं से ही कुछ राहत मिल सकती है.

मनीषा की जाे दवाएं उसे कुछ राहत दे सकती है, वह भी काफी महंगी है. हर माह मनीषा की दवाओं का खर्चा 15 से 20 हजार रुपए तक हाे रहा है. लीला देवी का कहना है कि बीमारी के कारण उनकी बेटी की पढ़ाई तक छूट गई है. अगर एक टाइम भी दवा ना दी जाए ताे उसके शरीर का रंग नीला पड़ने लगता है. वह खुद भी बीमार रहती हैं.

लीला देवी के पति अपाहिज हैं. घर में गरीबी के कारण दो वक्त की रोटी का भी इंतजाम बहुत मुश्किल से हो पा रहा है. उन्हाेंने प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वह उनकी बेटी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत काेष (Chief Minister Relief Fund) से फंड उपलब्ध करवाएं, ताकि उनकी बेटी काे इस बीमारी से कुछ राहत मिल सके.

वहीं, मनीषा की बीमारी के बारे में जब आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजीव अशोत्रा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि लड़की की उम्र ज्यादा हो गयी है. इस स्टेज में ऑपरेशन संभव नहीं है. क्योंकि गंदा खून मिक्स हो रहा है. ऐसे में इसे लाइफ स्पोर्टिंग के लिए दवाइयों पर ही रखना होगा. दवा बाहर से मंगवानी पड़ती है. जिसका महीने का खर्च करीब 20 हजार रुपये तक आता है.

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Last Updated : Feb 13, 2022, 6:35 AM IST
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