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पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन मंडी ने उठाई मांगः अनाधिकृत भवनों को नियमित करके प्रदेश के लाखों लोगों की परेशानी दूर करे सरकार

पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन मंडी (Public Welfare Foundation meeting in Mandi) ने अपनी बैठक में पारित किए प्रस्ताव के आधार पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे गए पत्र में पिछले चार सालों से उठाई जा रही मांग को पूरा करके प्रदेश के लाखों लोगों को राहत देने का आग्रह किया है. इस पत्र में कहा गया है कि चार साल पहले जब सरकार बनी थी तो यह उम्मीद थी कि प्रदेश के लाखों लोग जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से अपनी मलकीयती जमीन पर मकान बनाए हैं मगर बेहद पेचीदा टीसीपी एक्ट 1977 के चलते वह टीसीपी से पास नहीं हुए हैं, उनमें लोगों को महंगे दाम वाले बिजली पानी मीटर लगाने पड़े हैं, ऐसे सभी मकान नियमित हो सकेंगे व टीसीपी एक्ट में संशोधन होगा.

Public Welfare Foundation meeting in Mandi
फोटो.
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Published : Dec 29, 2021, 8:23 PM IST

मंडी: पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन मंडी (Public Welfare Foundation meeting in Mandi) ने अपनी बैठक में पारित किए प्रस्ताव के आधार पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे गए पत्र में पिछले चार सालों से उठाई जा रही मांग को पूरा करके प्रदेश के लाखों लोगों को राहत देने का आग्रह किया है. फाउंडेशन के चेयरमैन एडवोकेट अमर चंद वर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में वरिष्ठ उपप्रधान हितेंद्र शर्मा, कार्यकारी महासचिव उतम चंद सैनी, मीडिया प्रभारी समीर कश्यप, सामजिक कार्यकर्ता एवं सदस्य एमएल शर्मा आदि ने भाग लिया. मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की प्रति जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भी भेजी गई है.

इस पत्र में कहा गया है कि चार साल पहले जब सरकार बनी थी तो यह उम्मीद थी कि प्रदेश के लाखों लोग जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से अपनी मलकीयती जमीन पर मकान बनाए हैं मगर बेहद पेचीदा टीसीपी एक्ट 1977 के चलते वह टीसीपी से पास नहीं हुए हैं, उनमें लोगों को महंगे दाम वाले बिजली पानी मीटर लगाने पड़े हैं, ऐसे सभी मकान नियमित हो सकेंगे व टीसीपी एक्ट में संशोधन होगा.

फाउंडेशन इस बात पर नाराजगी जताई है कि बार बार इस बारे में मांग उठाने, पत्र लिखने व स्वयं भी मुख्यमंत्री से मिल कर उनके ध्यान में बात को लाने के बावजूद भी आज दिन तक कोई हल नहीं निकला. यहां तक सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में गठित उपसमिति ने पूरे प्रदेश में जाकर लोगों से बात की, उनकी परेशानी को समझा मगर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री से कहा कि यह वर्ग ऐसा नहीं है कि अपनी इस मांग को लेकर सड़कों पर आए, हंगामा करे या आंदोलन करे, मगर ऐसे प्रदेश में लाखों लोग हैं जिन्हें इसका लाभ मिलेगा और सरकार को भी इससे मजबूती मिलेगी. चुनावी साल शुरू हो चुका है और ऐसे लाखों लोगों की नाराजगी को दूर करने का यही सही समय है. सभी ऐसे भवनों को नियमित किया जाए, इसके लिए कोई सरल तरीका निकाला जाए, 1977 के टीसीपी एक्ट में संशोधन करके उसे सरल बनाया जाए.

लोगों को घरेलू खपत के हिसाब से बिजली पानी के मीटर दिए जाएं. इससे जहां सरकार को करोड़ों रूपए का राजस्व प्राप्त होगा वहीं लाखों लोगों की परेशानी दूर होगी. फाउंडेशन का यह भी कहना है कि यदि सरकार ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो चुनावों में यह नाराज वर्ग सरकार के खिलाफ जा सकता है.

ये भी पढ़ें- Delta variant in Himachal: हिमाचल में डेल्टा वेरिएंट के 2 नए मामले आए सामने, विदेशों से जुड़ी है ट्रैवल हिस्ट्री

मंडी: पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन मंडी (Public Welfare Foundation meeting in Mandi) ने अपनी बैठक में पारित किए प्रस्ताव के आधार पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे गए पत्र में पिछले चार सालों से उठाई जा रही मांग को पूरा करके प्रदेश के लाखों लोगों को राहत देने का आग्रह किया है. फाउंडेशन के चेयरमैन एडवोकेट अमर चंद वर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में वरिष्ठ उपप्रधान हितेंद्र शर्मा, कार्यकारी महासचिव उतम चंद सैनी, मीडिया प्रभारी समीर कश्यप, सामजिक कार्यकर्ता एवं सदस्य एमएल शर्मा आदि ने भाग लिया. मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की प्रति जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भी भेजी गई है.

इस पत्र में कहा गया है कि चार साल पहले जब सरकार बनी थी तो यह उम्मीद थी कि प्रदेश के लाखों लोग जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से अपनी मलकीयती जमीन पर मकान बनाए हैं मगर बेहद पेचीदा टीसीपी एक्ट 1977 के चलते वह टीसीपी से पास नहीं हुए हैं, उनमें लोगों को महंगे दाम वाले बिजली पानी मीटर लगाने पड़े हैं, ऐसे सभी मकान नियमित हो सकेंगे व टीसीपी एक्ट में संशोधन होगा.

फाउंडेशन इस बात पर नाराजगी जताई है कि बार बार इस बारे में मांग उठाने, पत्र लिखने व स्वयं भी मुख्यमंत्री से मिल कर उनके ध्यान में बात को लाने के बावजूद भी आज दिन तक कोई हल नहीं निकला. यहां तक सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में गठित उपसमिति ने पूरे प्रदेश में जाकर लोगों से बात की, उनकी परेशानी को समझा मगर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री से कहा कि यह वर्ग ऐसा नहीं है कि अपनी इस मांग को लेकर सड़कों पर आए, हंगामा करे या आंदोलन करे, मगर ऐसे प्रदेश में लाखों लोग हैं जिन्हें इसका लाभ मिलेगा और सरकार को भी इससे मजबूती मिलेगी. चुनावी साल शुरू हो चुका है और ऐसे लाखों लोगों की नाराजगी को दूर करने का यही सही समय है. सभी ऐसे भवनों को नियमित किया जाए, इसके लिए कोई सरल तरीका निकाला जाए, 1977 के टीसीपी एक्ट में संशोधन करके उसे सरल बनाया जाए.

लोगों को घरेलू खपत के हिसाब से बिजली पानी के मीटर दिए जाएं. इससे जहां सरकार को करोड़ों रूपए का राजस्व प्राप्त होगा वहीं लाखों लोगों की परेशानी दूर होगी. फाउंडेशन का यह भी कहना है कि यदि सरकार ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो चुनावों में यह नाराज वर्ग सरकार के खिलाफ जा सकता है.

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