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प्रधानमंत्री आवास योजना का लोगों को नहीं मिला लाभ, दो साल से लोग सरकार से लगा रहे गुहार

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Published : Oct 8, 2020, 2:10 PM IST

मंडी जिला के करसोग में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों आशियाना देने के पंचायतों से प्रस्ताव पारित करके भेजे गए थे. अक्टूबर 2018 में लाभार्थियों के चयन के लिए सर्वे का काम भी पूरा हो गया था. इसके बाद से लोगों में जल्द ही मकान मिलने की आस थी, लेकिन दो साल का समय बीतने के बाद भी आवास का अभी तक नहीं मिस पाया है.

People did not get benefit of Pradhan Mantri Awas Yojana in Karsog of Mandi
प्रधानमंत्री आवास योजना का लोगों को नहीं मिला लाभ

करसोग/मंडीः जिला के करसोग में गरीब लोगों के लिए घर एक सपना बनकर रह गया है. उपमंडल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आशियाना देने के पंचायतों से प्रस्ताव पारित करके भेजे गए थे. अक्टूबर 2018 में लाभार्थियों के चयन के लिए सर्वे का काम भी पूरा हो गया था. इसके बाद से लोगों में जल्द ही मकान मिलने की आस थी, लेकिन दो साल का समय बीतने के बाद आवास का अभी कोई पता नहीं है.

ऐसे में लोगों का छत मिलने का सपना टूटने लगा है. स्थिति ये है कि बहुत से लोगों के मकानों की हालत काफी खस्ता है. वर्षों पहले तैयार किए गए कच्चे मकानों में लकड़ियां सड़ गई है. जिस कारण छत पर लगे पत्थर गिरने लगे हैं.

ऐसे में बारिश होने पर पानी कमरों में टपक रहा है, जिससे लोगों का घर के अंदर रखा गया सामान खराब हो रहा है. यहीं, नहीं छोटे मकान होने के कारण संयुक्त परिवार का दो से तीन कमरों में गुजरा भी नहीं हो रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान न मिलने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई. लोगों ने सरकार से जल्द से जल्द मकान देने की गुहार लगाई है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रधानमंत्री आवास योजना का नहीं मिला लाभ

कांडी सपनोट पंचायत की प्रीति शर्मा ने बताया कि हमारा परिवार बीपीएल से है. मकान बहुत पुराना है, जिससे छत पर लगे लकड़ सड़ गए हैं और बारिश का पानी कमरों में टपकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो साल पहले मकान देने का भरोसा दिया गया था. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द मकान देने की मांग की है.

ग्राम पंचायत मैहरन के जगतराम का कहना है कि हमारी पंचायत में दो साल पहले मकान के लिए सर्वे हुआ था, लेकिन अभी तक कोई मकान नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हमारा 13 सदस्यों का परिवार है, जिनका तीन कमरों में गुजारा नहीं होता है.

नाग ककनो गांव के 82 वर्षीय बजुर्ग भगतराम का कहना है कि मेरा मकान बहुत पुराना है, जो अब गिरने वाला है. उन्होंने सरकार से उनके जीते जी मकान दिए जाने की गुहार लगाई है. इस दौरान विकासखंड करसोग के एसईबीपीओ महेश कश्यप का कहना है कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सर्वे किया गया था. इसकी जियो टैगिंग का काम पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि अब पंचायतों से पात्र लाभार्थियों की सूची मांगी गई है. उन्होंने कहा कि पंचायतों से प्रस्ताव मिलने के बाद अंतिम सूची पर आगामी आदेशानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उपमंडल की 54 पंचायतों से 3714 मकानों के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए हैं. ऐसे में आखिरी इतने कम समय मे्ं 2022 तक कैसे गरीबों के घर का सपना पूरा होगा, ये एक बड़ा सवाल है.

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