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मंडी के प्रगतिशील किसान संजय कुमार ने तैयार की काले गेहूं की फसल, औषधीय गुणों से भरपुर है 'BLACK WHEAT'

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Published : Jun 8, 2022, 12:07 PM IST

BLACK WHEAT
काले गेहूं की फसल

समय के बदलाव के साथ हिमाचल प्रदेश के किसान भी अब खेती में खुद से नए प्रयोग करने लगे हैं. किसान अब नई किस्म के फल, सब्जी और फसलों की खेती कर रहे हैं. ऐसा ही एक प्रयोग मंडी जिला की ग्राम पंचायत पलौहटा के प्रगतिशील किसान संजय कुमार द्वारा किया गया है. संजय सकलानी ने मात्र एक नए प्रयोग के तौर पर अपने खेत के छोटे से भाग में काले गेहूं 'ब्लैक वीट' की फसल (Black wheat production in Mandi) को तैयार कर अच्छी उपज प्राप्त की है. पढ़ें पूरी खबर...

मंडी: समय के बदलाव के साथ हिमाचल प्रदेश के किसान भी अब खेती में खुद से नए प्रयोग करने लगे हैं. किसान अब नई किस्म के फल, सब्जी और फसलों की खेती कर रहे हैं. ऐसा ही एक प्रयोग मंडी जिला की ग्राम पंचायत पलौहटा के प्रगतिशील किसान संजय कुमार द्वारा किया गया है. संजय सकलानी ने मात्र एक नए प्रयोग के तौर पर अपने खेत के छोटे से भाग में काले गेहूं 'ब्लैक वीट' की फसल (Black wheat production in Mandi) को तैयार कर अच्छी उपज प्राप्त की है.

संजय द्वारा दो किलोग्राम काले गेहूं के बीज से 40 किलोग्राम उपज हासिल की है. वहीं मंडी जिला के खेतों में पहली बार उगाया गया काला गेहूं क्षेत्र के लोगों के लिए भी एक चर्चा का विषय बन गया है. सभी लोग काले गेंहू को देखने के लिए जब संजय के घर आतें हैं, तो इसे देखकर चकित हो जाते हैं. जहां बाजार में काले गेहूं का रेट बहुत अधिक है, वहीं शुगर फ्री काला गेहूं मधुमेह रोगियों के लिए संजीवनी के तौर पर है.

काले गेहूं की फसल.

2 किलो से 40 किलो की पैदावार: संजय कुमार ने कहा कि वर्षों से उनके पूर्वज गेहूं, धान और मक्की का उत्पादन कर रहे थे. इस बार औषधीय गुणों से भरपूर काली गेहूं के बारे में पता चला तो बीज का प्रबंध कर अपने खेतों में लगाया. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की खेती बारिश पर निर्भर होने के कारण कम वर्षा से इस बार काले गेहूं की कम फसल हुई है. लेकिन इसके दो किलोग्राम बीज से लगभग 40 किलोग्राम काले गेहूं की फसल का उत्पादन हुआ है. संजय ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से सलाह लेकर स्थानीय किसान काले गेहूं के उत्पादन को बढ़ा सकते है. बता दें कि संजय कुमार खेती में अपनी प्रतिभा को लेकर कृषि विभाग से कई खिताब हासिल कर चुके हैं और जैविक खेती के लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से प्रशिक्षु भी उनके खेतों का शैक्षणिक भ्रमण करने आते हैं.

मेडिसिनल वीट के नाम से भी जाना जाता है काला गेहूं: कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने कहा कि काले गेहूं को नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (एनएबीआई) मोहाली की वैज्ञानिक मोनिका गर्ग द्वारा तैयार कर पेटेंट किया (National Agri Food Biotechnology Institute) गया है. गेहूं की इस प्रजाति को दो प्रकार के गेहूं की प्रजातियों को मिलाकर बनाया गया है. डॉ. पंकज सूद ने कहा कि काले गेहूं को 'मेडिसिनल वीट' के नाम से भी जाना जाता है. ब्लैक व्हीट में जिंक की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी गुणवत्ता अधिक हो जाती है और तनाव, मोटापा, कैंसर, डायबिटीज और दिल से जुडी बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित (Benefits of Black wheat) है. ब्लैक व्हीट में आम गेहूं में पाए जाने वाले कंपाउंड एंथोसायनिन की मात्रा 10 से 15 गुणा ज्यादा होती है.

डॉ. पंकज सूद ने कहा कि काले गेहूं की पैदावार को लेकर किए गए प्रयोगों में इसकी पैदावार आम गेहूं के बराबर पाई गई है. हिमाचल प्रदेश में अभी काले गेहूं को छोटे स्तर पर किसानों द्वारा अपने खेतों में उगाया गया है और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Agricultural University Palampur) में काले गेहूं को लेकर प्रयोग जारी है. पंकज सूद ने कहा कि काले गेहूं की हिमाचल में भी पैदावार अच्छी हो सकती है और भविष्य में प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे प्रदेश के किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

क्या हैं काले गेहूं के गुण: काले गेहूं का अनोखा रंग उसमें मौजूद प्लांट पिगमेंट या रंजक कणों की मात्रा के कारण काला होता है. काले गेहूं में एंथोसाएनिन नाम के पिगमेंट होते हैं. एंथोसाएनिन की अधिकता से फलों, सब्जियों, अनाजों का रंग नीला, बैंगनी या काला हो जाता है. एंथोसाएनिन नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट भी है. इसी वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. आम गेहूं में एंथोसायनिन महज 5 पीपीएम होता है, लेकिन काले गेहूं में यह 100 से 200 पीपीएम के आसपास होता है. एंथोसायनिन के अलावा काले गेहूं में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है. काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है. हालांकि, प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं.

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