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दिव्यांग के साथ किया था दुष्कर्म का प्रयास, कोर्ट ने 5 साल की सजा के साथ लगाया 15 हजार का जुर्माना

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Published : Nov 5, 2020, 7:57 PM IST

जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा की आदालत ने बलात्कार के प्रयास का आरोप साबित होने पर गुरुवार को एक व्यक्ति को पांच साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई. पीड़िता के भाई ने साल 2017 में शिकायत दर्ज करवाई थी.

मंडी न्यायालय
मंडी न्यायालय

मंडी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा की आदालत ने बलात्कार के प्रयास का आरोप साबित होने पर गुरुवार को एक व्यक्ति को पांच साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई. जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि 18-12-2017 को पीड़िता के भाई ने पीड़िता के साथ जोगिन्द्रनगर थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

पीड़िता के भाई ने रिपोर्ट में कहा था कि उसकी बहन गूंगी, बहरी और अनपढ़ है और उनकी माता की मृत्यु हो चुकी है. पिता दिल्ली में ड्राइवर का काम करते हैं और शिकायतकर्ता भी अपने पिता के साथ दिल्ली में रहकर ही पढ़ाई करता है. पीड़िता गांव में किसी रिश्तेदार के पास रहती है. 17 दिसंबर 2017 की रात को शिकायतकर्ता चुल्हे के पास आग सेंकने बैठा था और पीड़िता को उसने उसके कमरे में सुला दिया था.

उसी रात करीब 10 बजे जब शिकायतकर्ता पीड़िता के कमरे के पास आया तो उसने देखा कि पीड़िता के कमरे का दरवाजा खुला था. अंदर आकर उसने देखा कि दोषी जो रिश्ते में उनका चचेरा भाई लगता है, पीड़िता के साथ जबरदस्ती बलात्कार कर रहा था. इस सूचना पर जोगिन्द्रनगर थाना में मामला दर्ज हुआ था.

इस मामले में पूरी छानबीन करने के बाद पुलिस ने माननीय अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकद्दमे की पैरवी उप जिला न्यायवादी चानन सिंह और उसके बाद उप जिला न्यायवादी विनय शर्मा ने की थी. मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत मे 19 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए थे.

अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि इस मामले में दोषी पर पीड़िता के साथ बलात्कार करने के प्रयास का दोष सिद्ध होता है जिस पर अदालत ने आरोपी दीपक को भारतीय दंड संहिता की धारा 376/511 के तहत पांच साल के कठोर कारावास और 15000 रूपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई.

जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी सुनाई. जुर्माने की राशि यदि वसूली जाती है तो यह राशि भी पीड़िता को मुआवजे के रूप में प्रदान किए जाएंगे. यौन दुर्व्यवहार के समय पीड़िता की उम्र और अन्य परिस्थितियों को मध्य-नजर रखते हुए दंड प्रक्रिया सहिंता की धारा 357(ए) के तहत मुआवजे के लिए जिला विधिक प्राधिकरण मंडी से सिफारिश की गई है.

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