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चंद्रभागा पर बनने वाली विद्युत परियोजना के खिलाफ उतरे लोग, NOC नहीं देगी पंचायत

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Published : Feb 3, 2021, 2:34 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 4:52 PM IST

people of lahaul spiti against power project being built on Chandrabhaga river
फोटो.

चंद्रभागा नदी की धारा पर प्रस्तावित मेगा बिजली परियोजनाओं के खिलाफ लोगों ने विरोध का करना शुरू कर दिया है. राज्य सरकार ने चंद्रभागा नदी पर करीब दो हजार बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. लोगों का कहना है कि वो विस्थापन का दंश नहीं झेलना चाहते व किसी भी हालात में मेगा प्रोजेक्टस को अपने आसपास व घाटी में लगने नहीं देंगे. इस दौरान लोगों ने सरकार से मांग की है की किसी भी तरह के प्रोजेक्ट्स घाटी में ना लगने दें.

कुल्लूः लाहौल की चंद्रभागा नदी की धारा पर प्रस्तावित मेगा बिजली परियोजनाओं के खिलाफ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. हाल ही में हिमाचल कैबिनेट ने चंद्राभागा नदी के पवित्र संगम पर प्रस्तावित 104 मेगावाट की बिजली परियोजना सतलुज जल विद्युत निगम को अलॉट किया है, जिसका भारी विरोध शुरू हो रहा है.

पंचायत ने एनओसी देने से किया मना

हालांकि, परियोजना के विरोध में संघर्ष समिति पहले ही सरकार को ज्ञापन दे चुकी है. जिसके चलते तांदी पंचायत ने सोमवार को आपात बैठक बुलाई, जिसमें प्रोजेक्ट निर्माण के लिए पंचायत की एनओसी नहीं देने का निर्णय लिया है.

डैम बनने से तांदी संगम स्थल पर खतरा

पंचायत ने एक विशेष बैठक कर इस परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर एनओसी देने से इनकार कर दिया है. प्रतिनिधियों ने तर्क दिया है कि इस परियोजना के लगने से हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लोगों के आस्था के केंद्र तांदी संगम स्थल का वजूद खतरे में पड़ जाएगा. डैम बन जाने से संगम जलमग्न हो जाएगा.

वीडियो.

पंचायत परियोजना के खिलाफ करेगी प्रस्ताव पारित

लिहाजा अब तांदी पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर इस परियोजना का विरोध किया है. वहीं, एनओसी देने से इनकार कर दिया है. तांदी पंचायत के बाद अब गौशाल पंचायत भी कुछ दिनों के अंदर इस परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए बैठक करेगी. ऐसे में अब इस जल विद्युत परियोजना का विरोध लगातार बढ़ने लगा है.

संघर्ष समिति ने सीएम को भेजा पत्र

इस दौरान तांदी बांध संघर्ष समिति लाहौल-स्पीति के अध्यक्ष एवं पूर्व पंचायत प्रधान सुरेश कुमार का कहना है कि संघर्ष समिति पहले ही इस बारे में सीएम को पत्र भेज चुकी है, लेकिन सोमवार को तांदी पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें इस परियोजना के लिए पंचायत की ओर से एनओसी देने से साफ इनकार किया है.

people of lahaul spiti against power project being built on Chandrabhaga river
फोटो.

संगम स्थल तांदी का महत्व

बता दें कि चंद्र और भागा नदियों के संगम स्थल तांदी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल की अस्थियां भी इसी स्थल में विसर्जित की गई हैं. इस कारण इस स्थल का महत्व और भी ज्यदा बढ़ जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि इस परियोजना से इलाके के करीब एक दर्जन गांव प्रभावित होंगें.

धार्मिक आस्था से जुड़े पवित्र संगम को खतरा

तांदी महिला मण्डल के प्रधान अनिता ने बताया कि प्रस्तावित परियोजना से पर्यावरण के साथ-साथ लाहौल के धार्मिक आस्था से जुड़े पवित्र संगम को भी खतरा है. तांदी निवासी 76 वर्षीय छेतन डोलमा ने कहा कि वो दमे की मरीज है और उनकी तरह काफी बुजुर्ग हैं जो अन्य बीमारियों से पीड़ित है. ऐसे में इस तरह के प्रोजेक्ट सभी के लिय घातक होगा.

स्थानीय लोगों को विस्थापन का डर

वहीं, लोगों का कहना है कि वो विस्थापन का दंश नहीं झेलना चाहते व किसी भी हालात में मेगा प्रोजेक्टस को अपने आसपास व घाटी में लगने नहीं देंगे. इस दौरान लोगों ने सरकार से मांग की है की किसी भी तरह के प्रोजेक्टस घाटी में ना लगने दें. उनके अनुसार बिना NOC व गांववासियों को सूचित कर बैकडोर एंट्री कर सभी के साथ धोखा हैं. इस बारे में सरकार सोचे व जनता के भावनाओं का कद्र करे.

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Last Updated :Feb 3, 2021, 4:52 PM IST
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