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किन्नौर की पहाड़ियों पर फिर ट्रेकिंग बहाल, उत्तरकाशी प्रशासन की भी लेनी होगी अनुमति

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Published : Oct 6, 2022, 1:06 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 2:06 PM IST

हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में ट्रेकिंग बहाल कर दी गई (Trekking restored in Kinnaur) है. यहां अब 10 अक्टूबर तक 15 हजार फीट से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर ट्रेकिंग की जा सकेगी. वहीं, उसके बाद मौसम के हिसाब से आगे का फैसला किया जाएगा. (Kinnaur administration restore trekking Activity)

Kinnaur administration restore trekking Activity.
किन्नौर प्रशासन ने बहाल की ट्रेकिंग गतिविधि.

किन्नौर: ट्रेकिंग करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में ट्रेकिंग पर लगाए गए प्रतिबंध को अब हटा दिया (Kinnaur administration restore trekking Activity) है, लेकिन ट्रेकिंग करने से पहले स्थानीय प्रशासन के अलावा दूसरी तरफ उत्तराखंड के उत्तकाशी प्रशासन से भी अनुमति लेना अनिवार्य होगा. डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि 15 हजार फीट से कम उंचाई वाली पहाड़ियों पर ट्रेकिंग के लिए 10 अक्टूबर तक अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा 10 अक्टूबर के बाद मौसम के अनुकूल ही अगला फैसला लिया (Trekking restored in Kinnaur) जाएगा.

पर्यटकों की मौत के बाद लिया ये फैसला: बता दें कि हाल ही में जिला किन्नौर व उत्तराखंड के सीमांत ट्रेकिंग स्थल लामखागा दर्रे में 8 पर्यटक मार्ग भटक गए थे, जिसमें एक की मौत हो गई थी. ऐसे में जिला प्रशासन ने जिले की पहाड़ियों पर ट्रेकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. जिला किन्नौर पहाड़ियां जितनी खूबसूरत दिखती हैं वे उतनी ही खतरनाक भी हैं. यहां के मार्ग काफी जोखिम भरे हैं. इससे पहले भी काफी लोग ट्रेकिंग के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं.

किन्नौर प्रशासन ने बहाल की ट्रेकिंग गतिविधि.

उत्तराखंड व तिब्बत से किन्नौर आते हैं ट्रेकर्स: डीसी ने कहा कि जिले के कई ट्रेक उत्तराखंड व तिब्बत सीमा से जुड़ते हैं. ऐसे में उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से ट्रेकर खराब मौसम के बाद भी किन्नौर की ओर ट्रेकिंग के लिए आ जाते (DC Kinnaur on trekking Activity) हैं. जिसमें ट्रेकर्स को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और कई ट्रेकर्स ने तो जिले की पहाड़ियों में ट्रेकिंग के दौरान अपनी जान भी गंवाई है.

कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर ट्रेकिंग बहाल: आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि जिले के लामखागा, रुपिन पास, बुरंगपास व दूसरे दर्रे हैं, जो 15 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं. इन पहाड़ियों पर बर्फ भी पड़ चुकी है ,जिसके चलते फिलहाल ट्रेकर्स के लिए इन ट्रेकिंग स्थलों पर ट्रेक बंद किए हैं. लेकिन 15 हजार फीट से कम उंचाई वाली पहाड़ियों या दर्रों पर ट्रेकिंग पर प्रतिबंध को हटा दिया गया है. ट्रेकिंग 15 हजार फीट से कम उंचाई वाली पहाड़ियों या दर्रों पर ट्रेकिंग कर सकते हैं.

प्रशासन की अनुमति के बिना होगी कार्रवाई: डीसी किन्नौर ने कहा कि जिले की पहाड़ियों पर ट्रेकिंग के लिए जिस भी क्षेत्र से ट्रेक किया जाएगा, उसके लिए स्थानीय प्रशासन व ट्रेक के दूसरी तरफ उत्तराखंड के उत्तरकाशी प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य होगा. बिना अनुमति के ट्रेकिंग करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीसी किन्नौर ने पर्यटकों व ट्रेकर्स को नियमों के तहत ही पहाड़ियों पर ट्रेकिंग करने की सलाह दी है, ताकि किसी के जानमाल का नुकसान न हो. (Uttarkashi administration permission required)

डीसी ने उत्तराकाशी के डीएम को लिखी थी चिट्ठी: बता दें कि जिले में उत्तराखंड की ओर से आए पर्यटकों की मौत के बाद डीसी ने उत्तराकाशी के डीएम को एक चिट्ठी लिखी (DC Kinnaur wrote letter to Uttarkashi DM) थी. जिसमें डीसी किन्नौर ने लिखा था कि उत्तराखंड की तरफ से किन्नौर जिले की ओर ट्रेकिंग के जितने भी स्थल हैं, उन्हें रोका जाए. वहीं, किन्नौर की तरफ से डीसी ने हर ट्रेकिंग क्षेत्रों पर ट्रेकिंग करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र से किन्नौर की ओर बहुत सारे ट्रेकिंग स्थल है. उत्तराखंड से बरासु पास, लामखागा, खिमल्याट पास यह सभी उत्तराखंड से किन्नौर के ट्रेकिंग क्षेत्र हैं.

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Last Updated : Oct 6, 2022, 2:06 PM IST
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