कुल्लू: भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव बुधवार को शुरू हो गया है. दशहरा महोत्सव में शिरकत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्य रथ यात्रा और देवताओं की भव्य सभा के साक्षी बने. पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में शामिल होने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी को भगवान रघुनाथ की ओर से भेंट स्वरूप फूलों की माला दी गई.
इस माला को सिर्फ देवी-देवताओं को ही चढ़ाया जाता है. वहीं, रघुनाथ की तरफ से मोदी को पवित्र दुपट्टा और फलों का प्रसाद भी दिया गया. यह भेंट भगवान रघुनाथ के कारदार एवं छड़ीबरदार महेश्वर सिंह के पुत्र दानवेंद्र सिंह ने भेंट की. पीएम मोदी हजारों की भीड़ के बीच भगवान रघुनाथ के रथ तक पहुंचे और करीब 51 मिनट तक रथ मैदान में रुके रहे. रघुनाथ के आगे पीएम नतमस्तक दोनों हाथ जोड़कर रथ निहारते रहे. इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे.
11 अक्तूबर तक चलने वाले इस भव्य देव-मानस मिलन के लिए जिले भर से 250 से अधिक देवी-देवता पहुंचे हैं. रथयात्रा शुरू होने से पूर्व दशहरा उत्सव में शरीक होने वाले सैकड़ों देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई. देवी-देवता रघुनाथपुर में ढोल-नगाड़ों की थाप पर पहुंचे. भव्य देवमिलन भी देखने को मिला. ढोल-नगाड़ों, नरसिंगों और करनाल की स्वरलहरियों से रघुनाथ की नगरी गूंज उठी. दशहरा में यह परंपरा है कि जो भी देवता शामिल होते हैं, वे सबसे पहले भगवान रघुनाथ के दरबार में पहुंचते हैं.
इसके बाद अस्थायी शिविर में विराजमान हो जाते हैं. देवताओं के रघुनाथपुर में पहुंचने का सिलसिला सुबह 8:00 बजे के बाद शुरू हो गया था. कुछ देवता मंगलवार शाम को ढालपुर मैदान में पहुंच गए थे. सुबह देवताओं की आरती की गई. इसके बाद देवता भगवान रघुनाथ के दरबार के लिए चल पड़े. दोपहर तक देवताओं के सुल्तानपुर में पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. इसके बाद देवताओं ने राजमहल में जाकर राजपरिवार के लोगों को आशीर्वाद दिया. कुछ देवताओं ने गूर के माध्यम से यहां राजपरिवार के लोगों से अपनी बात भी कही. करीब 1:30 बजे भगवान रघुनाथ को ढोल-नगाड़ों की थाप पर मंदिर से कड़ी सुरक्षा के बीच ढालपुर स्थित रथ मैदान तक लाया गया. पीएम मोदी के पहुंचने के बाद भुवनेश्वरी भेखली माता का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू हुई.