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बरसात के मौसम में कोई ना हो बीमार, कुल्लू में स्वास्थ्य महकमा लोगों को कर रहा जागरूक

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Published : Jul 27, 2021, 1:59 PM IST

बरसात का मौसम शुरू होते ही जलजनित बीमारियां भी तेजी से फैलने लगती हैं. ऐसे में कुल्लू स्वास्थ्य विभाग इन बीमारियों से लोगों के बचाव के लिए सतर्क हो गया है. जरूरी दवाएं मुहैया कराने के साथ-साथ विभाग लोगों को इसके बचाव के तरीके भी बता रहा है.

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फोटो.

कुल्लू: बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों को लेकर कुल्लू का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से सतर्क हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में पेयजल स्रोतों से पानी के सेंपल लेकर उनकी जांच कर रहा है. साथ ही, सभी खंडों में क्लोरिन की गोलियां भी बांटी जा रही है. ताकि बरसात के मौसम में पानी को स्वच्छ रखा जा सके और लोगों का जलजनित बीमारियों से बचाव हो सके.

बरसात के मौसम में उल्टी-दस्त के मामलों से बचने के लिए वे स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. जिले भर में हेल्थ वर्कर व आशा वर्कर के माध्यम से 0 से 5 साल के छोटे बच्चों के लिए घरों में ओआरएस के पैकेट पहुंचा दिए गए हैं. तो वहीं, उन्हें जिंक की गोलियां भी दी जा रही है. अगर घर में किसी बच्चे को उल्टी दस्त की समस्या पेश आती है तो वहां तुरंत उसका उपचार शुरू कर सके. इसके अलावा डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के तहत भी कई तरह की गतिविधियां स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शुरू कर दी गई है.

वीडियो रिपोर्ट.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस पखवाड़े के तहत जिले भर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को उल्टी दस्त से बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसके अलावा पेयजल स्रोतों से सैंपल लेकर उन्हें जल शक्ति विभाग की लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है. किसी भी पेयजल स्रोत के पानी में खराबी पाई जाती है तो उसे भी तुरंत ठीक किया जा रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि अगस्त माह के पहले सप्ताह तक यह पखवाड़ा जिला में आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत सभी लोगों को डायरिया से बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही, उल्टी दस्त के मामलों से बचने के लिए सभी स्वास्थ्य खंडों में दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई है.

गौर रहे कि बारिश के दिनों में यहां पेयजल स्रोत गंदगी से भर जाते हैं. उसी पानी के सेवन से कई बार लोग डायरिया से भी ग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे में पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है.

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