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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का 'भारत बंद', जानिए हिमाचल में क्या हैं हालात

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए सोमवार को 'भारत बंद' किया है. देश भर में अब इस भारत बंद का असर दिखने भी लगा है. हिमाचल प्रदेश में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. किसानों की मांगों को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में संयुक्त किसान सभा ने धरना-प्रदर्शन किया.

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हिाचल में भारत बंद का असर.
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Published : Sep 27, 2021, 3:50 PM IST

कुल्लू: किसानों की मांगों को लेकर आज देश भर में विभिन्न संगठनों के 'भारत बंद' का आयोजन किया है. वहीं, हिमाचल में भी विभिन्न संगठनों ने संयुक्त किसान सभा के भारत बंद का समर्थन किया है. हिमाचल के विभिन्न जिलों में विभिन्न संगठनों ने धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम किया है. हालांकि प्रदेश में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है, लेकिन भारत बंद के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

बता दें कि कृषि कानून के विरोध में जहां दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं. 27 सितंबर को देश व्यापी आह्वान पर 'भारत बंद' किया गया. कुल्लू जिले में संयुक्त किसान सभा के द्वारा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस दौरान संयुक्त किसान सभा के द्वारा ढालपुर में चक्का जाम भी किया गया. कुल्लू में भी संयुक्त किसान सभा के द्वारा विभिन्न संगठनों के मिलकर ढालपुर में रोष प्रदर्शन निकाला गया और चक्का जाम भी किया गया. इस दौरान करीब 30 मिनट तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही. चक्का जाम की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और वाहनों को दूसरी तरफ से भेजा जाने लगा.

वीडियो.

धरने को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान सभा के पदाधिकारी राजेश ठाकुर ने कहा कि आज लगातार मजदूर विरोधी कानून व कृषि कानून के विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार तानाशाह बनी हुई है और मजदूरों की मांगों को नहीं सुना जा रहा है. ऐसे में पूरे भारत में विभिन्न संगठनों के द्वारा केंद्र सरकार के तानाशाही रवैए का विरोध किया जा रहा है. सीटू के जिला सचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि कुल्लू में भी विभिन्न संगठनों के द्वारा इन कानूनों का विरोध किया जा रहा है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला तो आने वाले समय में भी केंद्र सरकार के इन फैसलों का विरोध किया जाएगा.

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कुल्लू में प्रदर्शन.

हमीरपुर में सीटू ने महंगाई और श्रम कानूनों के बदलाव को लेकर निकाली रोष रैली: विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर हमीरपुर में महंगाई और श्रम कानूनों के बदलाव को लेकर सीटू बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों और सीटू कार्यकताओं ने हमीरपुर बाजार में रोष रैली निकाली. सीटू कार्यकताओं ने जमकर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे बाजी की. इस मौके पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा देश और प्रदेश में महंगाई की दर बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जिससे आम आदमी का गुजारा करना मुश्किल हो गया है.

इस दौरान विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर हमीरपुर में महंगाई और श्रम कानूनों के बदलाव को लेकर सीटू बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों और सीटू कार्यकताओं ने हमीरपुर बाजार में रोष रैली निकाली गई, जिसमें दर्जनों की संख्या में विभिन्न ट्रैड यूनियनों के सदस्यों व सीटू कार्यकताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान सीटू और विभिन्न ट्रेड यूनियनों और सीटू कार्यकर्ताओं ने जमकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. इसके साथ ही सीटू कार्यकर्ताओं ने डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक के माध्यम से पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपा है.

पांवटा साहिब से नाहन आकर संयुक्त किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन: संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब ने स्पष्ट शब्दों में ऐलान किया है कि यदि हिमाचल में जल्द किसानों की धान की फसल की मंडियों में खरीद नहीं हुई, तो 1 अक्टूबर से किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे. दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब के बैनर तले सोमवार को किसानों ने जिला मुख्यालय नाहन में भारत बंद के तहत जोरदार प्रदर्शन किया. दिल्ली गेट से डीसी कार्यालय तक रोष रैली निकालते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस रैली के माध्यम से जहां किसानों ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को जल्द वापस लेने की मांग की, वहीं हिमाचल की मंडियों में धान की खरीद करने की भी गुहार लगाई.

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नाहन में प्रदर्शन.

इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब के संयोजक तरसेम सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों को सरकार तुरंत वापस लें. उन्होंने कहा कि धान की फसल कटनी शुरू हो गई है. मक्की की फसल कट रही है, लेकिन इन फसलों को खरीदने का हिमाचल सरकार ने अब तक कोई आश्वासन नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि धान की फसल को रोका नहीं जा सकता. इस दौरान डीसी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को एक ज्ञापन भी भेजा है, जिसमें कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है.

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ऊना में प्रदर्शन: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुलाए गए भारत बंद के दौरान आज किसान मजदूर संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया. इस दौरान शहर के पुराना बस अड्डा चौक पर चक्का जाम करते हुए यातायात को भी बाधित रखा गया. किसान संगठनों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कृषि कानून वापस लेने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है. ऐसे में सरकार हठ धर्म छोड़कर किसानों की बात को सीधी तरह से मान ले. अन्यथा किसान पिछले 1 साल से इन कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे हैं और आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा.

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ऊना में प्रदर्शन.

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद के आहवान के चलते सोमवार को जिला मुख्यालय पर सीटू समेत अन्य ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने शहर के पुराना बस अड्डा चौक पर धरना प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया. इस दौरान केंद्र की सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर जमकर नारेबाजी की गई. इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की सरकार को हर हालत में तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. इस दौरान किसान नेता विजय शर्मा ने कहा कि पूरे देश का किसान और मजदूर वर्ग इस मामले में एकजुट है और जल्द सरकार को नाको चने चबाने को मजबूर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: भारत बंद: प्रदेश के किसान किसी के बहकावे में नहीं आएंगे- CM जयराम

ये भी पढ़ें: हिमाचल की 'लाइफलाइन' पर दिखा भारत बंद का असर, परवाणू से वापस बुलाई गईं HRTC की 130 बसें

कुल्लू: किसानों की मांगों को लेकर आज देश भर में विभिन्न संगठनों के 'भारत बंद' का आयोजन किया है. वहीं, हिमाचल में भी विभिन्न संगठनों ने संयुक्त किसान सभा के भारत बंद का समर्थन किया है. हिमाचल के विभिन्न जिलों में विभिन्न संगठनों ने धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम किया है. हालांकि प्रदेश में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है, लेकिन भारत बंद के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

बता दें कि कृषि कानून के विरोध में जहां दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं. 27 सितंबर को देश व्यापी आह्वान पर 'भारत बंद' किया गया. कुल्लू जिले में संयुक्त किसान सभा के द्वारा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस दौरान संयुक्त किसान सभा के द्वारा ढालपुर में चक्का जाम भी किया गया. कुल्लू में भी संयुक्त किसान सभा के द्वारा विभिन्न संगठनों के मिलकर ढालपुर में रोष प्रदर्शन निकाला गया और चक्का जाम भी किया गया. इस दौरान करीब 30 मिनट तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही. चक्का जाम की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और वाहनों को दूसरी तरफ से भेजा जाने लगा.

वीडियो.

धरने को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान सभा के पदाधिकारी राजेश ठाकुर ने कहा कि आज लगातार मजदूर विरोधी कानून व कृषि कानून के विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार तानाशाह बनी हुई है और मजदूरों की मांगों को नहीं सुना जा रहा है. ऐसे में पूरे भारत में विभिन्न संगठनों के द्वारा केंद्र सरकार के तानाशाही रवैए का विरोध किया जा रहा है. सीटू के जिला सचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि कुल्लू में भी विभिन्न संगठनों के द्वारा इन कानूनों का विरोध किया जा रहा है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला तो आने वाले समय में भी केंद्र सरकार के इन फैसलों का विरोध किया जाएगा.

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कुल्लू में प्रदर्शन.

हमीरपुर में सीटू ने महंगाई और श्रम कानूनों के बदलाव को लेकर निकाली रोष रैली: विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर हमीरपुर में महंगाई और श्रम कानूनों के बदलाव को लेकर सीटू बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों और सीटू कार्यकताओं ने हमीरपुर बाजार में रोष रैली निकाली. सीटू कार्यकताओं ने जमकर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे बाजी की. इस मौके पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा देश और प्रदेश में महंगाई की दर बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जिससे आम आदमी का गुजारा करना मुश्किल हो गया है.

इस दौरान विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर हमीरपुर में महंगाई और श्रम कानूनों के बदलाव को लेकर सीटू बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों और सीटू कार्यकताओं ने हमीरपुर बाजार में रोष रैली निकाली गई, जिसमें दर्जनों की संख्या में विभिन्न ट्रैड यूनियनों के सदस्यों व सीटू कार्यकताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान सीटू और विभिन्न ट्रेड यूनियनों और सीटू कार्यकर्ताओं ने जमकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. इसके साथ ही सीटू कार्यकर्ताओं ने डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक के माध्यम से पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपा है.

पांवटा साहिब से नाहन आकर संयुक्त किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन: संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब ने स्पष्ट शब्दों में ऐलान किया है कि यदि हिमाचल में जल्द किसानों की धान की फसल की मंडियों में खरीद नहीं हुई, तो 1 अक्टूबर से किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे. दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब के बैनर तले सोमवार को किसानों ने जिला मुख्यालय नाहन में भारत बंद के तहत जोरदार प्रदर्शन किया. दिल्ली गेट से डीसी कार्यालय तक रोष रैली निकालते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस रैली के माध्यम से जहां किसानों ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को जल्द वापस लेने की मांग की, वहीं हिमाचल की मंडियों में धान की खरीद करने की भी गुहार लगाई.

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नाहन में प्रदर्शन.

इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा साहिब के संयोजक तरसेम सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों को सरकार तुरंत वापस लें. उन्होंने कहा कि धान की फसल कटनी शुरू हो गई है. मक्की की फसल कट रही है, लेकिन इन फसलों को खरीदने का हिमाचल सरकार ने अब तक कोई आश्वासन नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि धान की फसल को रोका नहीं जा सकता. इस दौरान डीसी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को एक ज्ञापन भी भेजा है, जिसमें कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है.

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ऊना में प्रदर्शन: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुलाए गए भारत बंद के दौरान आज किसान मजदूर संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया. इस दौरान शहर के पुराना बस अड्डा चौक पर चक्का जाम करते हुए यातायात को भी बाधित रखा गया. किसान संगठनों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कृषि कानून वापस लेने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है. ऐसे में सरकार हठ धर्म छोड़कर किसानों की बात को सीधी तरह से मान ले. अन्यथा किसान पिछले 1 साल से इन कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे हैं और आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा.

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ऊना में प्रदर्शन.

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद के आहवान के चलते सोमवार को जिला मुख्यालय पर सीटू समेत अन्य ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने शहर के पुराना बस अड्डा चौक पर धरना प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया. इस दौरान केंद्र की सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर जमकर नारेबाजी की गई. इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की सरकार को हर हालत में तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. इस दौरान किसान नेता विजय शर्मा ने कहा कि पूरे देश का किसान और मजदूर वर्ग इस मामले में एकजुट है और जल्द सरकार को नाको चने चबाने को मजबूर किया जाएगा.

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