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Atal Shresth Shahar Yojna: कुल्लू और नाहन नगर परिषद को एक-एक करोड़ पुरस्कार

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Published : Jul 22, 2022, 11:11 AM IST

Updated : Jul 22, 2022, 11:37 AM IST

अटल श्रेष्ठ शहर योजना
अटल श्रेष्ठ शहर योजना

अटल श्रेष्ठ शहर योजना (Atal Shresth Shahar Yojna) के तहत वीरवार को 2020 और 2021 में विजेता रहने वाली नगर परिषदों और नगर पंचायतों को कुल्लू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया. इस दौरान कुल्लू को वर्ष 2021 और नाहन नगर परिषद को 2020 में प्रथम रहने के लिए एक-एक करोड़ के पुरस्कार से नवाजा गया. पढ़ें पूरी खबर...

कुल्लू: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी अटल श्रेष्ठ शहर योजना (Atal Shresth Shahar Yojna) में नगर परिषद कुल्लू और नगर परिषद नाहन मालामाल हो गई हैं. विभिन्न क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए दोनों नगर परिषदों को एक-एक करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला. अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली के सभागार में वीरवार को पारितोषिक वितरण समारोह हुआ. इस दौरान मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने वर्ष 2020 और 2021 में विजेता रहने वाली नगर परिषदों और नगर पंचायतों को सम्मानित किया.

नगर परिषद श्रेणी में वर्ष 2020 के विजेता नगर परिषद नाहन को एक करोड़ का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया. दूसरा स्थान हासिल करने वाली नगर परिषद मनाली को 75 लाख, जबकि तीसरे स्थान पर नगर परिषद कुल्लू को 50 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया. इसी प्रकार, नगर पंचायत श्रेणी में पहले स्थान पर चोपाल, दूसरे पर गगरेट व तीसरे स्थान पर कोटखाई नगर पंचायत को क्रमशः 75 लाख, 50 लाख व 25 लाख रुपए के इनाम वितरित किए गए.

अटल श्रेष्ठ शहर योजना.

वहीं, वर्ष 2021 के लिए नगर परिषद कुल्लू को प्रथम स्थान हासिल करने पर एक करोड रुपए, ऊना को 75 लाख रुपए व बद्दी को 50 लाख रुपए के पुरस्कार प्रदान किए गए. नगर पंचायत श्रेणी में जिला सोलन का अर्की पहले स्थान पर रहा और 75 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया. जबकि दूसरे स्थान पर सुन्नी को 50 लाख व नारकंडा को 25 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया. इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 61 स्थानीय शहरी निकाय हैं. वर्ष 1948 से पहले प्रदेश में केवल 8 शहरी स्थानीय निकाय थीं. जबकि 1971 में हिमाचल प्रदेश के गठन के समय 23 स्थानीय शहरी निकाय कार्यरत थीं. जिनकी संख्या बढ़कर अब 61 हो गई है. यह शहरीकरण की ओर बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1994 हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 में किए गए प्रावधानों के अनुरूप समय-समय पर नए क्षेत्रों को शहरी स्थानीय निकायों में शामिल किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में तीन नगर परिषदों क्रमशः मंडी सोलन व पालमपुर में आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर इन निकायों का उन्नयन कर नगर निगम का दर्जा प्रदान किया. वर्ष 2020 में 7 नई नगर पंचायतों क्रमशः शाहपुर अंब निरमंड, आनी, नेरवा, चिरगांव व कंडाघाट का गठन किया गया. उन्होंने कहा तीन नई नगर निगमों में 75 नए पद तथा नई नगर पंचायतों में 35 नए पद सृजित किए गए.

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को पांचवें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक 679 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी की है. छठे राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरूप चालू वित्तीय वर्ष में 184 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों के दौरान केंद्रीय वित्त आयोग के अंतर्गत शहरी स्थानीय निकायों एवं छावनी बोर्डों को 401 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी की जा चुकी है.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पहले हिमाचल में सिर्फ शिमला एक ही नगर निगम था. भाजपा सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर पांच कर दी है. लिहाजा, अटल श्रेष्ठ शहर योजना में अब नगर निगमों को भी शामिल किया गया है. अगले वर्ष से नगर पंचायतों और नगर परिषदों के साथ नगर निगमों को भी पुरस्कार मिलेगा.

Last Updated :Jul 22, 2022, 11:37 AM IST
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