हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग्स (synthetic drugs smuggling) की तस्करी जोरों पर है. पुलिस रोजाना चिट्टा और स्मैक की खेप विद्यार्थियों से बरामद कर रही है. प्रदेश की युवा पीढ़ी नशे की जद में आती जा रही है. पुलिस लगातार नशा तस्करों पर शिकंजा कस रही है.
एजुकेशन हब हमीरपुर (education hub hamirpur) में सिंथेटिक ड्रग्स चिट्टे की तस्करी करने वाला किंगपिन आखिकार जिला पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. जिला मुख्यालय से सटे डुग्गा में ढाबा चलाने वाला यह शातिर खाने की थाली की आढ़ में मौत की पुड़िया परोस रहा था. चिट्टे की तस्करी का यह नेटवर्ट चिट्टा किंगपिन अमन ने जिलाभर में फैलाया था. यह अपने ढाबे पर काम करने वाले कर्मचारियों के जरिए इस कार्य को कर रहा था. पुलिस को अंदेशा है कि पिछले कई सालों से यह इस काले कारोबार को कर रहा था.
बता दें कि वीरवार देर शाम को अमन कुमार (drug smugglers arrested in hamirpur) को सदर थाना पुलिस की टीम ने अनुकलां में चिट्टे के साथ दबोचा था. फिलहाल अमन पुलिस रिमांड में है. दो दिन की पूछताछ के बाद इसने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. लीड मिलने के बाद अब पुलिस इस काले कारोबार में जुटे अमन के साथियों को भी जल्द दबोच सकती है. प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर इसके रेगलुर कस्मटर की सूची भी पुलिस ने तैयार कर ली है. इस सूची में अधिकतर स्टूडेंट हैं. पुलिस ने इन स्टूडेंट के परिजनों से संपर्क साधा है और थाने में भी बुलाया है.
डुग्गा से चला रहा था कारोबार: चिट्टे की तस्करी का यह किंगपिन डुग्गा स्थित अपने ढाबे से ही नशे का कारोबार चला रहा था. पुलिस को दिए बयान में आरोपी ने यह कबूल किया है कि पिछले छह माह से वह इस कार्य को कर रहा था, हालांकि पुलिस को यह आशंका है कि आरोपी इस कार्य को पिछले कई सालों से कर रहा था.
आरोपी के एक दो नहीं, बल्कि जिलाभर में दर्जनों कस्टमर हैं, जो उससे रेगलुर चिट्टा ले रहे थे. इन सभी कस्टमर की सूची अब पुलिस के हाथ लग गई है और अब इस मामले में कई परतें खुल सकती हैं. अब तक के इतिहास में हमीरपुर में संभवत: पहली बार पुलिस चिट्टा तस्करी के किंगपिन तक पहुंची है. पहले जरूर कई बार चिट्टे की बड़ी खेप पकड़ी जाती रही है, लेकिन मुख्य सरगना तक पहुंचने में पुलिस को कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. ऐसे में किंगपिन तक पहुंचना जिला पुलिस और पुलिस कप्तान आकृति शर्मा के लिए यह बड़ी कामयाबी से कम नहीं है.
छात्रों के परिजन हैरान: एजुकेशन हब हमीरपुर में जिला पुलिस के लिए चिट्टे की बढ़ती तस्करी लंबे समय से चुनौती बनी हुई थी. किंगपिन के हाथ लगने के बाद पुलिस जांच अब सही दिशा में बढ़ती दिख रही है. इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि चिट्टे के जिन रेगुलर कस्टमर की सूची पुलिस को हाथ लगी है, उसमें अधिकतर स्टूडेंट हैं. स्टूडेंट के परिजनों से अब पुलिस ने संपर्क साधा है और कई परिजन सदर थाने में पहुंचे भी हैं. थाने में पहुंचे परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई, जब उन्हें पता चला कि उनका बच्चा चिट्टा जैसा घातक नशा ले रहा है.
खुलेंगी कई परतें: किंगपिन अमन कुमार का एक साथी पहले ही नशा मुक्ति केंद्र में है. नशा मुक्ति केंद्र में नशे की लत से छुटने का प्रयास कर रहा है. यह युवक भी अमन के साथ लंबे समय तक काम कर चुका है. दोनों ढाबे में एक साथ ही दिखते थे, हालांकि चिट्टे की तस्करी में इस युवक का हाथ था, अथवा नहीं इसकी जांच भी पुलिस कर रही है. इस मामले में अभी कई परतें खुलना बाकी हैं.
शहर के बीचों बीच ढाबा पार्टनरशिप पर लेकर पांव जमाने की थी तैयारी: अमन कुमार हमीरपुर शहर के बीचों बीच एक और ढाबा पार्टनरशिप में चलाने की तैयारी में था. यह कहा जा रहा है कि इस ढाबे को लिए अभी एक सप्ताह ही हुआ था और कारोबार अभी यहां पर शुरू नहीं हो पाया था. ऐसे में इस ढाबे पर कार्य करने वाले कर्मी भी पुलिस की रडार पर हैं. यह जांच की जा रही है कि क्या अमन ने इस ढाबे को टेकओवर कर लिया था या फिर वह इसकी तैयारी में था. क्या इस ढाबे के संचालकों और कर्मियों से अमन के तार पहले से ही जुड़े थे? इस पहलू पर भी पुलिस जांच कर रही है.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा: बाइक से सफर के दौरान हेलमेट न लगाने की चूक अमन पर भारी पड़ गई. दरअसल वह वीरवार देर शाम जिला मुख्यालय से सटे अनुकलां में बाइक पर बिना हेलमेट के जा रहा था. इस दौरान पुलिस कर्मचारियों ने उसे रोक लिया. पुलिस के रोकने पर वह घबरा गया. पुलिस कर्मियों को शक हुआ और फिर इसकी तलाशी गंभीरता से ली गई. आरोपी की बाइक की डिक्की से 5.26 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ. बाद में जब आरोपी को कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेजा, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए.
पुलिस कप्तान ने परिजनों से की अपील: पुलिस अधीक्षक हमीरपुर आकृति शर्मा (sp hamirpur on drugs smuggling ) का कहना है कि चिट्टे के साथ पकड़ा गया आरोपी जिला में तस्करी का किंगपिन निकला है. इस मामले में पुलिस की छानबीन जारी है. यह आरोपी अपने ढाबे के कर्मचारियों के जरिये तस्करी कर रहा था. इसके निशाने पर ज्यादातर स्टूडेंट थे. एसपी हमीरपुर ने कहा कि जब इन स्टूडेंट के परिजनों को बताया गया तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने सभी परिजनों से अपील की है कि वह अपने बच्चों पर जरूर निगाह रखें. यदि बच्चों को पैसे जेब खर्च के लिए देते हैं, तो इसका जरूर हिसाब भी रखें.
युवा पीढ़ी लगातार नशे की चपेट में आती जा रही है. सिथेंटिक ड्रग्स चिट्टे जैसे नशे की लत युवा पीढ़ी (Young Generation) को लग रही है. एजुकेशन हब (Education Hub Hamirpur) कहे जाने वाले हमीरपुर जिला के अभिभावकों के लिए यह चिंता का विषय है. युवा पीढ़ी को निशाना बनाकर नशे का काला कारोबार चमकाने का प्रयास किया जा रहा है. किशोरावस्था में विद्यार्थियों को टारगेट कर उन्हें नशे की लत लगाई जा रही है.
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