सुजानपुरः प्रकृति अनोखे रहस्यों और खूबसूरत नजारों से भरी पड़ी है. हिमाचल प्रदेश के हर कोने में प्रकृति के कई तरह के दिलकश मंजर देखने को मिलते हैं. कहीं पर खूबसूरत वादियां है तो कहीं पर कल-कल बहते झरने हैं. ऐसे ही एक अनोखा नजारा शहर सुजानपुर में देखने को मिलता है.
जहां शहर के बीचों-बीच ऐतिहासिक 'राजे की बावड़ी' है. गुफा से चट्टान को चीरती हुई जलधारा इस बावड़ी में गिरती है. गुफा के बीच से निर्मल बहते पानी की खास बात ये है कि ये सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है. साथ ही पानी का वेग हर मौसम में एक सामान बहता है.
प्रकृति की खूबी के साथ ही कुछ कहानियां भी जुड़ी रहती हैं. ऐसी ही एक कहानी इस 'राजे की बावड़ी' के साथ भी जड़ी हुई है. कहा जाता है कि इस गुफा में बहते पानी के रहस्य को जानने आज तक जो गुफा में गया है, वो वापस नहीं लौटा. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस भय के चलते इस गुफा के भीतर कोई भी प्रवेश नहीं करता, लेकिन फिर भी दूर-दूर से लोग इसके दीदार के लिए पहुंचते हैं.
वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया कि इस बहते पानी की गुफा का निर्माण महाराजा संसार चंद ने करवाया था, जो कि कला प्रेमी थे जिसके प्रमाण शहर में अनेकों जगह पर देखने को मिलते हैं. इन्हीं सब बातों को लेकर ये जगह कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं. साथ ही बदलते समय के साथ ये जगह सेल्फी प्वाइंट के रूप में भी विकसित हुई है.
ऐसे में स्थानीय लोगों ने सरकार से इस जगह को डेवल्प करने की मांग उठाई है. लोगों का कहना है कि अगर इस जगह को सरकार विकसित करे तो अधिक लोग प्राकृति के इस नजारे का दीदार कर सकेंगे. साथ ही इससे कई लोगों को लिए रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे.
लोगों ने बताया कि नगर परिषद सुजानपुर के तहत आने वाली इस बहते पानी की गुफा के जीर्णोद्धार पर समय-समय पर बजट खर्च किया जाता है, लेकिन इस गुफा के लिए ठोस पर्यटन योजना नहीं होने से यहां उचित विकास नहीं हो पाया है.
स्थानीय निवासी नीतू गुप्ता ने बताया कि वह बचपन से इस गुफा में पानी को सामान रूप से बहते देख रहे हैं. प्रदेश सरकार से मांग है कि इस अनोखे प्रकृतिक उपहार को सहेज कर रखा जाए, ताकि आने वाली पीढ़ीयां भी इसे देख पाएं.
वहीं, स्थानीय निवासी विनोद ठाकुर ने कहा कि पानी सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है. ऐसा क्यों होता है. ये बात आज भी एक रहस्य है. सरकार को इस पानी की गुफा के जीर्णोद्धार करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
ये भी पढ़ें- करसोग में मार्च 2021 तक बदले जाएंगे लकड़ी के सभी बिजली पोल, प्रक्रिया शुरू
ये भी पढ़ें- भोरंज के कस्याना गांव के लोगों का फुट ब्रिज की मांग को लेकर प्रदर्शन, CM को भेजा ज्ञापन