हमीरपुर: साल 2017 के विधानसभा चुनावों में हॉट सीट रही सुजानपुर में एक बार फिर चुनावी साल में शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. हमीरपुर के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में 10 दिन के भीतर ही कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन किया है.
कांग्रेसी विधायक ने पिछले 10 दिन में दूसरी बार यह शक्ति प्रदर्शन किया है. महज 10 दिन पहले ही युवा सम्मेलन का आयोजन किया था तो वहीं, शनिवार को चिल्ड्रन पार्क सुजानपुर में पूर्व सैनिक सम्मेलन का (Ex servicemen conference in Hamirpur) आयोजन किया गया. सम्मेलन के बहाने अब एक बार फिर से साल 2017 के चुनावों में प्रदेश की राजनीति में बड़े उलटफेर का गवाह बनी सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में भीड़ जुटाकर सियासी चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
हाल ही में सुजानपुर के चमियाणा मैदान में कांग्रेस विधायक ने युवा सम्मेलन का आयोजन किया था. इस सम्मेलन के आयोजन और इसमें शामिल होने वाले मुख्य लोगों की पृष्ठभूमि पर भाजपा ने उसी दिन सवाल उठा दिए थे. कुल मिलाकर भाजपा की तरफ से सम्मेलन के आयोजन के दिन ही बयानी तीर तो चला दिए गए, लेकिन धरातल पर सियासी जवाब अभी बाकी है.
भाजपा मंडल सुजानपुर अभी तक कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के शक्ति प्रदर्शन का कोई बड़ा जवाब जमीन पर नहीं दिया गया है. सरल शब्दों में कहें तो अभी तक भाजपा नेता सियासी दृष्टि से यहां पर कोई बड़ा आयोजन कर जवाब देने का प्रयास करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.
चिल्ड्रन पार्क सुजानपुर में शनिवार को आयोजित पूर्व सैनिक सम्मेलन (Children Park Sujanpur) में विधायक राजेंद्र राणा ने 2012 में जब उनकी टीम ने सरहदों पर सेवाएं देने वाले सैनिकों व पूर्व सैनिकों के साथ सैन्य परिवारों को सम्मानित करने के लिए आयोजन का फैसला लिया, उस रोज भारी बरसात हुई. बावजूद इसके उस समारोह में हजारों सैन्य परिवारों के परिजन जुटे.
इसी रोज सुजानपुर के सियासी इतिहास को रचने की नींव पड़ी थी. राणा ने कहा कि मुझे याद है कि जब मुझे पूर्व सैनिकों की फौज ने अपनी भाषा में मुझे यह आदेश दिया था कि आप चुनाव में उतरो, लड़ो, चुनावी जंग में कवर फायर हम देंगे. साथ ही यह हिदायत भी जारी की थी कि अगर आप हमारे आदेश के बावजूद चुनाव नहीं लड़ते हैं तो आपका सिविल कोर्ट मार्शल किया जाएगा यानि के बायकाट किया जाएगा.
राणा ने कहा कि तब मुझे सैन्य भाषा व सैन्य आदेशों की इतनी समझ नहीं थी. लेकिन उनके आदेश को मानते हुए जब मैंने 2012 का पहला चुनाव बतौर आजाद लड़ा और उसमें 14 हजार से ज्यादा मतों की जीत हासिल की तब उन्हें सैन्य परिवारों के हुकुम का विवेक समझ आया. राणा ने कहा कि बीजेपी की तानाशाही के कारण यह तय हो चुका है कि हिमाचल में भी बीजेपी का सूपड़ा साफ होगा, जबकि 5 राज्यों के 10 मार्च को आने वाले नतीजे बीजेपी को बाहर करने का फरमान लेकर आएंगे. कारण साफ है कि बीजेपी की कारगुजारी से हर वर्ग तंग आ चुका है.
इस अवसर पर पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा (Major General Dharamvir Singh Rana) ने पूर्व सैनिक सम्मेलन को संबोधन देते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों व जवानों के धुर विरोधी हैं. किसान सड़कों पर संघर्ष करते रहे. इस संघर्ष में जहां हजारों किसान मौत के आगोश में समा गए. लेकिन असंवेदनशील मोदी सरकार तानाशाह बनकर न किसानों की सुन रही है न जवानों की मान रही है. ऐसे में इस सरकार का जाना ही देश के लिए हितकर होगा.
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