हमीरपुर: यूक्रेन (Russia ukraine crisis) से बेशक भारतीय छात्रों को इवेक्युएट करना शुरू कर दिया गया है, लेकिन रूस के साथ लगते बॉर्डर से सटे खारकीव शहर में बंकर में फंसे छात्रों के परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं. हमीरपुर जिले के झनियारी के मेडिकल स्टूडेंट अनन्य शर्मा बीते 2 दिनों से यूक्रेन में एक बंकर में फंसे हुए हैं. अनन्य के माता-पिता से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की है.
अनन्य के पिता संजीव शर्मा ने तो हिम्मत बनाए रखी है, लेकिन माता शीतल शर्मा के चेहरे पर चिंताओं के भाव बढ़ गए हैं. बेटे से लगातार संपर्क हो रहा है, लेकिन बेटे के रूस के साथ लगते शहर में होने के कारण परिजनों की चिंताएं और बढ़ गई है. अनन्य (Anany Sharma of Hamirpur) के पिता संजीव शर्मा का कहना है कि पोलैंड और रोमानिया के रास्ते कुछ मेडिकल स्टूडेंट को इवेक्युएट किया गया है. उनका बेटा भारत के 1000 से 1500 मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ खारकीव शहर में है, जो कि रूस के बेहद नजदीक है, लेकिन राहत की बात यह है कि विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार लगातार दूतावास के जरिए इन बच्चों को गाइडलाइन भेज रहा है.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही सरकार इन बच्चों को भी इवेक्युएट करेगी. हालांकि समस्या यह है कि जिन भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स को पोलैंड और रोमानिया के रास्ते से अभी तक इवेक्युएट किया गया है, वह यूक्रेन के इस शहर से लगभग 1 हजार किलोमीटर दूर है. ऐसे में इन हालात में सड़क के रास्ते यहां तक पहुंचना बेहद ही मुश्किल है. संजीव शर्मा का कहना है कि उनका बेटा अनन्य शर्मा लगातार उनके संपर्क में है. उन्होंने कहा कि पिछले कल जब उन्होंने इस विषय पर मिमिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स से संपर्क किया, तो उन्हें अच्छा रिस्पांस मिला है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय और प्रदेश सरकार की तरफ से लगातार इस मामले में लगातार अपडेट लिया जा रहा है. इसके लिए वह सबके आभारी हैं. उन्होंने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में फंसे छात्रों को इवेक्युएट करने की मांग उठाई है. बता दें कि हिमाचल के 100 से अधिक छात्र यूक्रेन (Students of Himachal in Ukraine) में अभी भी फंसे हुए हैं और अगर हमीरपुर जिले की बात की जाए, तो 2 दर्जन से अधिक छात्र अभी तक विपरीत परिस्थितियों में यहां पर बंकर में रह रहे हैं.
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