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हिमाचल में शिक्षा का विस्तार तो हुआ...शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ा: शांता

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Published : Sep 20, 2019, 9:48 PM IST

पूर्व हिमाचल प्रदेश सीएम शांता कुमार शांता कुमार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के 5वें दीक्षांत समारोह में कहा कि भारत में भाषण उद्योग बढ़ा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में शिक्षा का विस्तार तो हुआ है लेकिन शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ा है.
Shanta Kumar

धर्मशाला: पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के 5वें दीक्षांत समारोह में कहा कि भारत में भाषण उद्योग ही बढ़ा है. शांता कुमार ने कहा कि आजकल एक बहुत बड़े नेता जेल में हैं उनका भाषण पढ़ कर मुझे शर्म आई. शांता ने कहा कि भाषण में केवल वाणी नहीं बोलनी चाहिए, बल्कि जीवन बोलना चाहिए जिससे स्वयं उसका विकास होगा.

शांता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का बहुत विस्तार हुआ है. छोटे से हिमाचल में शायद 22 के लगभग महाविद्यालय हैं. एक जिला में 7 महाविद्यालय हैं. इतना ही नहीं एक पंचायत में 3 महाविद्यालय हैं, जो कि पूरे भारत में शायद कहीं नहीं होंगे.

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हिमाचल में शिक्षा का विस्तार तो हुआ है, लेकिन शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ा है. शांता कुमार ने कहा कि योग आज बहुत बड़ी जरूरत है, जिसे दुनिया अपना रही है. आज की युवा पीढ़ी को योग, ध्यान की बहुत जरूरत है. शांता ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के भ्रष्ट देशों में शामिल है.

शांता कुमार ने कहा कि परीक्षा परिणाम में विफलता के बाद कई युवा आत्महत्या कर लेते हैं. शांता ने कहा कि राज्यसभा में वर्ष 2014-16 के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार उस दौरान 41553 युवाओं ने आत्महत्या की थी और आत्महत्या के मामलों में 25 फीसदी कारण परीक्षा में विफलता रहा है.

Intro:धर्मशाला- पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत में अगर कोई उद्योग बढ़ा है तो भाषण उद्योग बढ़ा है। नेता लोग कितने-कितने लंबे और ऊंचे भाषण करते हैं। शांता कुमार ने कहा कि आजकल बहुत बड़े नेता जेल में हैं, मैं उनके भाषण पढ़ रहा था, मुझे शर्म आई। शांता ने कहा कि केवल वाणी नहीं बोलनी चाहिए, बल्कि जीवन बोलना चाहिए, जीवन बोलेगा तो स्वयं उसका विकास होगा। शांता कुमार केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के 5वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथ शिरकत करते हुए बोल रहे थे। शांता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का बहुत विस्तार हुआ है, छोटे से हिमाचल में शायद 22 के लगभग विश्वविद्यालय हैं, लेकिन कई बार हैरानी होती है एक जिला में 7 विश्वविद्यालय हैं। इतना ही नहीं एक पंचायत में 3 विश्वविद्यालय हैं, जो कि पूरे भारत में शायद कहीं नहीं होंगी।


 


Body:शांता ने कहा कि दुख की बात है कि शिक्षा का विस्तार तो हुआ, लेकिन शिक्षा का स्तर कहीं न कहीं गिरता हुआ लगता है, केवल उपाधि, डिग्री शिक्षा नहीं, बल्कि शिक्षा, उपाधि के अलावा और भी है। हिमाचल की ऐसी परिस्थिति में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना एक अत्यंत सौभाग्यशाली घटना है। शांता ने युवाओं से आहवान किया कि डाक्टर बनो, इंजीनियर बनो, लेकिन सबसे पहले अच्छे मनुष्य बनो। उन्होंने कहा कि जवानी नाम है संघर्ष में आगे बढऩे के जुनून का। शांता ने कहा कि योग आज बहुत बड़ी जरूरत है, भारत के ऋषियों का बहुत बड़ा योगदान है, जिसे दुनिया आज अपना रही है। आज की युवा पीढ़ी को योग, ध्यान की बहुत जरूरत है। शिक्षा का उददेश्य क्या है, जानकारी का ढेर दिमाग में रखना, चलते-फिरते रहते है। 






Conclusion:शांता ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के भ्रष्ट देशों में शामिल है। शांता ने कहा कि उक्त संस्था की रिपोर्ट में भारत दो साल पहले 81वें नंबर था, जबकि गत दिवस देखी रिपोर्ट में भारत को 78वें नंबर पर देखकर कुछ राहत मिली है, कम से कम भारत इस मामले में 3 प्वाइंट कम हुआ है।  शांता कुमार ने कहा कि परीक्षा परिणाम में विफलता के बाद कई युवा आत्महत्या कर लेते हैं। शांता ने कहा कि राज्यसभा में वर्ष 2014-16 के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार उस दौरान 41553 युवाओं ने आत्महत्या की थी और आत्महत्या के मामलों में 25 फीसदी कारण परीक्षा में विफलता रहा है। शांता ने कहा कि एक ओर नशा है और दूसरी ओर मोबाइल का नशा, हमारी युवा पीढ़ी कहां जा रही है। शांता ने कहा कि कौन कहता है कि जिंदगी आसान है, जिंदगी सरल, सीधी सड़क नहीं, बल्कि चुनौतियों से भरी है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों ने देश में कई बड़े लोग तैयार किए हैं। विफलता ही व्यक्ति को आगे बढऩे को प्रेरित करती है।

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