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स्कूली बच्चों का कमाल! प्लास्टिक की खाली बोतलों से बनाया हट, सलम एरिया के लिए साबित हो सकता है वरदान, जानें कैसे

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Published : Jan 29, 2022, 6:09 PM IST

made a hut from empty plastic bottles
प्लास्टिक की खाली बोतलों से बनाया हट

बिलासपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठीपुरा (Government Senior Secondary School Kothipura) के छात्रों ने प्लास्टिक की खाली बोतलों को एकत्रित करके उनके अन्दर मिट्टी भरी. जिसके बाद इन बोतलों से एक हट बनाया. जिसकी छत घास की बनाई और फर्श मिट्टी का बनाया. प्लास्टिक की बोतलों में मिट्टी भरने से यह हट गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रहेगा. प्लास्टिक की बोतलों से बना यह हट काफी मजबूत है और इसकी लाइफ 100 वर्ष से अधिक बताई जा रही है. वहीं, अगर इन बच्चों के इस आविष्कार को सही तरीके से अपनाया जाए तो जहां एक तरफ पर्यावरण स्वच्छ रहेगा वहीं, दूसरी तरफ सलम एरिया में झुंगी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को भी इसका भरपूर फायदा मिल सकता है.

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठीपुरा (Government Senior Secondary School Kothipura) के छात्रों ने कमाल कर दिखाया है. इस पाठशाला के बच्चों ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया है जिसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था. अगर इन बच्चों के इस आविष्कार को सही तरीके से अपनाया जाए तो जहां एक तरफ पर्यावरण स्वच्छ रहेगा वहीं, दूसरी तरफ सलम एरिया में झुंगी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को भी इसका भरपूर फायदा मिल सकता है.

बस थोड़ी सी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर यह (Hut made from plastic bottles HP) आविष्कार वरदान साबित हो सकता है. पाठशाला के बच्चों ने एक तरफ जहां आज के समय की प्रमुख समस्या कचरे का समाधान करके पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया वहीं, दूसरी तरफ इनके आविष्कार ने सलम एरिया के लोगों को परमानेंट ठिकाना बनाया है. इन बच्चों के इस आविष्कार की हर तरफ तारीफ हो रही है. इन बच्चों ने प्लास्टिक की खाली बोतलों को एकत्रित करके उनके अन्दर मिट्टी भरी. जिसके बाद इन बोतलों से एक हट बनाया. जिसकी छत घास की बनाई और फर्श मिट्टी का बनाया.

प्लास्टिक की बोतलों में मिट्टी भरने से यह हट गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रहेगा. प्लास्टिक की बोतलों से बना यह हट काफी मजबूत है और इसकी लाइफ 100 वर्ष से अधिक बताई जा रही है. अगर डाटा की बात की जाए तो इसकी लाइफ 450 साल बताई जा रही है पर स्कूल के शिक्षक इसकी लाइफ को 100 वर्ष से अधिक मान कर चले हैं.

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सलम एरिया में झुंगी झोपड़ियों में रहने वाले मजदूर काफी गरीब होते हैं. जिसकी वजह से उनके पास गर्मियों में गर्मी से बचने के लिए न तो पंखा होता है और सर्दियों में ठंड से बचने के लिए न तो हीटर जैसे उपक्रम होते हैं. ऐसे में यह घर उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि बोतलों में मिट्टी भरने की वजह से यह घर सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहेगा.

इस बारे में जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण गौतम ने बताया कि 15 अगस्त 2021 को हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत खेल खेल में स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया. शिक्षा मंत्री के आदेशों के अनुसार उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय (DC Bilaspur Pankaj Rai) ने जिला परियोजना अधिकारी के साथ इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए बीस पाठशालाओं का चयन किया. जिसके अंतर्गत बिलासपुर जिले के पांच शिक्षा खंडों में हर शिक्षा खंड से दो-दो पाठशालाओं का चयन किया गया. जिसमें 10 पाठशालाएं लोअर प्राइमरी और 10 पाठशालाएं अप्पर प्राइमरी की ली गई.

made a hut from empty plastic bottles
प्लास्टिक की खाली बोतलों से बनाया हट

अप्पर प्राइमरी पाठशाला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठीपुरा का चयन किया गया. जिसके अंतर्गत बच्चों ने इस अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और तरह-तरह की वस्तुओं का निर्माण किया और यह सभी वस्तुएं कचरे से बनाई गई. जैसे गीले कूड़े के लिए अलग कूड़ादान, सूखे कूड़े के लिए अलग से कूड़ादान, फर्स्ट एड बॉक्स, पेन स्टैंड, फूलदान, पेंटिंग कार्ड, बैज इत्यादि.

इसी अभियान में अध्यापकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने इस हट का निर्माण भी किया. यह हट पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और इसको बनाने में कोई लागत नहीं आई. यह पूरी तरह से प्लास्टिक की खाली बोतलों और मिट्टी से बनाया गया है. यह जहां बिजली की बचत करेगा वहीं, पर्यावरण को भी स्वच्छ रखेगा.

प्लास्टिक की बोतलों में मिट्टी भरने की वजह से यह बोतलें काफी मजबूत हो जाती हैं और इसके अंदर चूल्हे में आग इत्यादि जलाने से यह पिघलेगी भी नहीं. उन्होंने कहा कि यदि इस प्रोजेक्ट में थोड़ा और कार्य किया जाए और निर्माण विधि में उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया जाए तो यह जहां पर्यावरण को स्वच्छ रखेगा वहीं, सलम एरिया में इसका काफी फायदा मिलेगा. आज के समय में हर जगह प्लास्टिक की खाली बोतलें पड़ी रहती हैं जो हमारे पर्यावरण को खराब कर रही हैं. इसके निपटान में यह आविष्कार काफी सिद्ध होगा.

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