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केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल

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Published : Nov 26, 2020, 7:24 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 9:41 PM IST

nationwide strike live updates
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21:40 November 26

भोजपुर में आम हड़ताल का असर

बिहार : भोजपुर में आम हड़ताल का असर 

देशव्यापी ट्रेड यूनियन के भारत बंद से मरीजों को खासा तकलीफों का सामना करना पड़ा.  बिहार के भोजपुर से आई तस्वीर इस बात की तस्दीक करती है. आम हड़ताल का असर ये रहा कि एक मरीज को उसके परिजनों ने खाट पर लिटा सदर अस्पताल पहुंचाया.

भोजपुर में आम हड़ताल का समर्थन करते हुए राजद, माले और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अम्बेडकर स्मारक स्थल से आक्रोश मार्च निकाल, पूरे शहर को बंद कराया. इस दौरान आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुछ ऐसी ही तस्वीर सड़कों पर बंद के दरम्यान देखने को मिली. खाट पर मरीज को अस्पताल ले जाने की भी तस्वीर सामने आई है.

वाहनों का परिचालन ठप
बन्दी के वजह से थोड़े देर के लिए शहर की चहल पहल थम गई. वहीं, वाहनों का परिचालन बंद रहा. इस दौरान एक व्यक्ति की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. इस बाबत परिजनों ने एंबुलेंस बुलानी चाही लेकिन बंद के चलते एंबुलेंस ने आने से मना कर दिया. लिहाजा, परिजन मरीज को खाट पर लिटा आरा सदर अस्पताल पहुंचे.

इस मामले में आरा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन एलपी झा का कहना है कि बन्दी के चलते एंबुलेंस सेवा को बाधित नहीं किया गया है. लेकिन कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जिसकी वजह से कर्मचारी अस्पताल लेट पहुंचे. सिविली सर्जन ने खाट के मामले में कहा कि इस बात की जानकारी हमे नहीं है और अगर हमारे संज्ञान में आता है, तो इस पर जो कार्रवाई की जाएगी.

18:47 November 26

नोएडा में श्रमिक संगठनों ने जगह-जगह जुलूस निकाल कर किया प्रदर्शन

केन्द्र सरकार की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार को नोएडा में श्रमिक संगठनों ने जगह-जगह जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया.

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा के नेतृत्व में श्रमिक संगठन के नेता एवं श्रमिक सुबह सेक्टर-9 और 10 के बांस बल्ली बाजार में एकत्रित हुए.  

श्रमिकों ने यहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और श्रम कानूनों में बदलाव की मांग की. प्रदर्शन के पश्चात श्रमिकों की टोली ने विभिन्न औद्योगिक सेक्टरों में घूम-घूमकर श्रमिकों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की.

14:47 November 26

कालिंदी कुंज में लगा जाम
कालिंदी कुंज में लगा जाम

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर के पास कालिंदी कुंज में लगा जाम 

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन के चलते दिल्ली-नोएडा बॉर्डर के पास कालिंदी कुंज में जाम लग गया है. एसएचओ सरिता विहार ने बताया कि कोई प्रदर्शनकारी दिल्ली में दाखिल ना हो पाए. इसके लिए पुलिस की सभी टीमें उच्च अधिकारियों के साथ हर जगह अलर्ट पर हैं. 

12:03 November 26

बस ड्राइवर ने लगाया हेलमेट

केंद्र द्वारा लाए गए श्रमिक कानूनों के खिलाफ आज ट्रेड यूनियनों की देशभर में हड़ताल है. पश्चिम बंगाल के कई शहरों में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए हैं. किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सिलीगुड़ी में बस ड्राइवर ने हेलमेट पहन रखा है. 

09:57 November 26

पश्चिम बंगाल में रेल लाइनें ब्लॉक

पश्चिम बंगाल में रेल लाइनें ब्लॉक

पश्चिम बंगाल में लोगों ने केंद्र की नीतियों के विरोध में कई जिलों में रेल लाइनों को ब्लॉक कर दिया. उत्तर 24 परगना और कोलकाता में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन करते दिखाई दिए.

09:52 November 26

ओडिशा में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी

ओडिशा में सड़क पर उतरे लोग

ओडिशा के भुवनेश्वर में ओडिशा निर्माण श्रमिक फेडरेशन, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन और ऑल ओडिशा पेट्रोल व डीजल वर्कर्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर रेल और सड़क मार्गों को बाधित कर दिया. केंद्र द्वारा लाए गए श्रमिक कानूनों के खिलाफ आज ट्रेड यूनियनों की देशभर में हड़ताल है. 

09:43 November 26

केरल : बाजारों में पसरा सन्नाटा

केरल में हड़ताल

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल का असर केरल में भी देखने को मिला. कोच्ची में यातायात सेवाएं प्रभावित हैं और बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. ट्रेड यूनियनों की देशभर में हड़ताल है.

08:47 November 26

बिहार में हड़ताल

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज ट्रेड यूनियनों की देशभर में हड़ताल है. बिहार के पटना में भी इसका असर दिख रहा है. यूनियन के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह पटना के मसौढ़ी में पलामू और जनशताब्दी एक्सप्रेस रोककर विरोध प्रदर्शन किया.

मसौढ़ी के तारेगना रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने ट्रेन रोककर घंटों विरोध प्रदर्शन किया. मांगों को लेकर आंदोलनकारी सुबह से ही सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

आंदोलनकारियों ने कहा कि वे सरकार से समान काम के लिए समान वेतन लागू करने, अनिवार्य सेवा निवृत्ति आदेश रद्द करने, एनपीएस हटाने और फुटपाथी दुकानदारों को अस्थाई सरकारी दुकान की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि रोजगार की गारंटी मिले, महंगाई पर रोक लगे, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन में बदलाव किया जाए.

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसान, मजदूर और छात्र विरोधी नीति लेकर आई है. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम कोरोना की चुनौती को अवसर में बदलेंगे. उन्होंने इसे कंपनी के मालिकों और पूंजीपतियों के लिए अवसर में बदल दिया. काम के घंटे को 8 की जगह 12 कर दिया. 50 साल की उम्र में ही लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा. देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है. हमलोग इसके खिलाफ विरोध करने लिए सड़क पर उतरे हैं."- कमलेश कुमार, जिला सचिव, ऐक्टू, मसौढ़ी

इन मांगों को लेकर है हड़ताल

  • नई पेंशन नीति को वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना लागू हो
  • अंतिम वेतन निकासी का 50 प्रतिशत न्यूनतम पेंशन मिले
  • अव्यवहारिक टार्गेट के नाम पर कर्मचारी का शोषण बंद हो
  • डाकघरों में कॉमन सर्विस सेंटर के प्रस्ताव पर रोक लगे
  • डाकघर एवं आरएमएस में 5 दिन का कार्य सप्ताह लागू हो
  • निजीकरण और निगमीकरण पर रोक लगे
  • रोके गए मंहगाई भत्ते को पुनः जारी किया जाए
  • कोरोना के कारण ऑफिस नहीं आने वाले और जान गंवाने वाले को तुरंत राहत दी जाए
  • ड्यूटी अवधि में कोरोना के संक्रमण से जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनके आश्रितों को तुरंत अनुकम्पा के आधार पर नौकरी मिले

06:38 November 26

भारत बंद लाइव अपडेट

नई दिल्ली : विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने बुधवार को कहा कि बृहस्पतिवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी कर ली गई है. उनके दावे के अनुसार देशभर से भारी संख्या में श्रमिक व कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे.

राष्ट्रीय स्वयं सेवा संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने हड़ताल को राजनीति प्रेरित बताते हुए इससे अलग रहने की घोषणा की है.

सरकार की विभिन्न नितियों के विरोध में हड़ताल का आह्वान करने वाले दस केंद्रीय श्रमिक संघों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि इस हड़ताल के लिए सीाी तैयारियां कर ली गई हैं. 

कई स्वतंत्र श्रमिक महासंघ और संघ भी इस संयुक्त हड़ताल में भाग लेंगे
हड़ताल में भाग लेने वाले 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एंप्यॉलयड वीमेंस एसोसिएशंस (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और युनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) हैं.

किसान संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने भी इस आम हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. समिति के सदस्य ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच हड़ताल के समर्थन का आह्वान करेंगे.

यह हड़ताल केंद्र सरकार की कई नीतियों समेत विशेष तौर पर नये किसान और श्रम कानूनों के विरोध के लिए बुलायी गयी है.

घरेलू सहायक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वालों, कृषि मजदूर, ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वरोजगार करने वालों ने भी 'चक्का जाम' में शामिल होने की घोषणा की है. कई राज्यों में ऑटोरिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों ने भी हड़ताल में शामिल होने के लिए कहा है. रेलवे और रक्षा कर्मचारियों के संघों ने भी हड़ताल को अपना समर्थन जताया है.

हड़ताल का कुछ सोवाओं पर असर पड़ सकता है.

Last Updated : Nov 26, 2020, 9:41 PM IST
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