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दो दिन के भारत बंद का दिख रहा असर: सड़कों पर उतरे श्रमिक संगठन, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित

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Published : Mar 28, 2022, 6:46 AM IST

Updated : Mar 28, 2022, 2:08 PM IST

केंद्रीय श्रमिक संगठनों का सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च को हड़ताल (trade unions call two day bharat bandh) का आह्वान किया गया. बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिला. पढ़ें पूरी खबर...

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नई दिल्ली: केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने (A joint forum of central trade unions) सरकार की कामगार, किसान और जन विरोधी नीतियों के विरोध (protest against government policies) में आज से (28 और 29 मार्च) (trade unions call two day bharat bandh) देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी.श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, कामगार विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी तथा राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च, 2022 को दो दिन की हड़ताल को लेकर विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में तैयारियों के सिलसिले में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच की 22 मार्च, 2022 को दिल्ली में बैठक हुई. बयान में कहा गया है कि एस्मा (हरियाणा और चंडीगढ़, क्रमशः) के खतरे के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का निर्णय किया है.

केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पं.बंगाल सहित देश के कई हिस्सों में बंद का असर दिखा

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा सोमवार से आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा. कुछ जिलों में परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा और सियालदह खंडों के कुछ रेलवे स्टेशनों पर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और ट्रेन की आवाजाही रोक दी. हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अब तक किसी बड़े व्यवधान की कोई खबर नहीं है. राज्य के अधिकतर हिस्सों में कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में संचालन अप्रभावित रहा, जबकि वाम मोर्चा समर्थित ट्रेड यूनियनों ने भरोसा जताया है कि दो दिवसीय हड़ताल सफल रहेगी. बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं क्योंकि कुछ क्षेत्रों में बैंकों की शाखाएं बंद रहीं और कर्मचारियों का एक वर्ग ड्यूटी पर नहीं आया, जबकि कई एटीएम बंद रहे. हालांकि, नयी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों के कामकाज पर शायद ही कोई असर पड़ा.

कई सरकारी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने सोमवार और मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस महासचिव अमरजीत कौर ने रविवार को कहा था, ‘‘हम सोमवार और मंगलवार को देश भर में 20 करोड़ से अधिक औपचारिक और अनौपचारिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं.’’

ओडिशा में बंद का असर

ओडिशा में बंद का असर : ओडिशा के भुवनेश्वर में बंद का असर देखने को मिला. यहां एनएच 43 पर प्रदर्शनकारियों ने एक घंटे तक हाईवे को जाम कर दिया. नतीजा यह हुआ कि पश्चिम बंगाल से आई एंबुलेंस में सवार एक मरीज को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. इस वक्त सड़क पर न सिर्फ मरीज बल्कि उनके परिजन भी परेशान हो रहे हैं. यहां बंगाल के मरीज को एम्स ले जाया जा रहा था. आचार्य विहार में ट्रक और कई अन्य वाहन सड़क पर ही फंसे हुए थे. इससे मरीज और उनके परिजन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बाद में मरीज को दूसरे रास्ते से ले एम्स अस्पताल ले जाया गया.

केरल

केरल में बंद से लोग प्रभावित: वहीं, दूसरी तरफ केरल में भी बंद का असर दिखा. खबरों के मुताबिक यहां के सरकारी दफ्तरों में ज्यादातर कर्मचारी नदारत थे. सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगाई गई है. वहीं, कुछ एक स्थान पर ऑटोरिक्शा वाले लोगों से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए अधिक राशि की मांग करते नजर आ रहे हैं. कार्यालय और दुकानें बंद हैं. कोच्चि बीपीसीएल के कर्मचारियों को भी रोका गया. हाई कोर्ट ने बीपीसीएल में हड़ताल पर रोक लगा दी थी. धरना कल आधी रात से शुरू हुआ था. धरना कल 12 बजे तक रहेगा. अस्पताल, एम्बुलेंस, फार्मेसियों, दूध, समाचार पत्रों, दमकल की गाड़ियों जैसी आवश्यक सेवाओं पर रोक नहीं लगाई गई है.

हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित

हरियाणा में सोमवार को रोडवेज कर्मी देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हुए जिससे सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधित हुईं. केंद्र की कथित गलत नीतियों के विरुद्ध केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने हड़ताल का आह्वान किया है.

हरियाणा रोडवेज के कई डिपो पर बस सेवाएं निलंबित रहीं जिसके चलते लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा. रोडवेज कर्मचारियों ने राज्य के कई डिपो पर हड़ताल में हिस्सा लिया.

रोडवेज कर्मचारियों की 10 यूनियनों के संयुक्त मोर्चे के एक नेता सरबत सिंह पुनिया ने कहा, “सभी बस डिपो पर बस सेवाएं निलंबित हैं. उन्होंने कहा, “केवल वही बसें सुबह चल रही हैं जो निजी परिचालकों द्वारा नारनौल, झज्जर और चंडीगढ़ डिपो में किलोमीटर योजना के तहत चलाई जाती हैं. हमारे रोडवेज कर्मचारी पूर्ण हड़ताल पर हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत हरियाणा सरकार राज्य की रोडवेज बसों की संख्या को नहीं बढ़ा रही है. उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि वे परिवहन सेवाओं के निजीकरण को प्रोत्साहित करने का इरादा रखते हैं. छह साल पहले हरियाणा रोडवेज में 4,200 बसें थीं जो अब घटकर 2,600 रह गई हैं तथा निजी बसों को प्रोत्साहित करने के लिए रूट परमिट दिया जा रहा है.

राष्ट्रव्यापी हड़ताल: तमिलनाडु में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित

दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत सोमवार को तमिलनाडु में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं.राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) द्वारा संचालित अधिकतर बसें सड़क से नदारत रहीं, जिससे सुबह कार्यालय जाने वालों और अन्य लोग को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान कुछ ऑटो-रिक्शा वालों के अधिक पैसे लेने की शिकायतें भी मिली. कई लोगों ने उपनगरीय रेल सेवाओं और मेट्रो से यात्रा की. वहीं, राज्य के अन्य शहरों में ये सेवाएं उपलबध नहीं थीं और लोगों को कम संख्या में उपलब्ध सरकारी बसों तथा ऑटो-रिक्शा पर निर्भर करना पड़ा.

श्रमिक संगठनों की दो दिवसीय हड़ताल का आंध्र प्रदेश में दिखा असर

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण संबंधी केन्द्र के कदम के खिलाफ श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में विशाखापट्टनम में सोमवार को सैकड़ों श्रमिकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान विशाखापट्टनम स्टील संयंत्र (वीएसपी) आंदोलन का केन्द्र रहा. संयुक्त कार्रवाई समिति के तत्वावधान में श्रमिकों ने वीएसपी के मुख्य द्वार के बाहर धरना प्रदर्शन किया और इस्पात संयंत्र के रणनीतिक विनिवेश के केन्द्र के प्रयास के खिलाफ नारेबाजी की.

उन्होंने इस्पात संयंत्र के मुद्दे पर संसद में केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों की निंदा की और कहा कि वे पूरी तरह से भ्रामक थे. उन्होंने केन्द्र की योजनाओं को लागू ना होने देने का संकल्प किया और कहा कि उनकी लड़ाई अंत तक जारी रहेगी.

अखिल भारतीय मजदूर संघ कांग्रेस (एआईटीयूसी), केन्द्रीय ट्रेड यूनियन (सीटीयू) और अन्य श्रमिक संगठनों ने विशाखापट्टनम में मद्दिलापालेम जंक्शन पर रास्ता जाम किया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर यातायात प्रभावित हुआ. इसके बाद पुलिस ने कुछ प्रदर्शनिकारियों को हिरासत में लिया और यातायात बहाल किया.

ट्रेड यूनियनों की 28-29 मार्च की हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित

ट्रेड यूनियनों की आज से (28 और 29 मार्च) दो दिन की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल से बैंकों का (Bharat Bandh- Banking services might be hit during Bandh) कामकाज भी आंशिक रूप से प्रभावित हो सकता है. बैंक कर्मचारियों की यूनियनों के एक वर्ग ने सोमवार और मंगलवार की इस हड़ताल का समर्थन किया है. सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.

इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है.ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने कहा, हमने हड़ताल के इस आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है. हम इस हड़ताल में बैंकिंग क्षेत्रों की मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए शामिल हो रहे हैं. एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि बैंक यूनियन की मांग है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण बंद करे और उन्हें मजबूत करे. इसके अलावा हमारी मांग है कि डूबे कर्ज की वसूली को तेज किया जाए, बैंक जमा पर ब्याज बढ़ावा जाए, सेवा शुल्कों में कमी की जाए और पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए.सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि हड़ताल की वजह से उसकी सेवाओं पर कुछ हद तक सीमित असर पड़ सकता है.

एसबीआई ने कहा कि उसने अपनी सभी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा कि है कि एआईबीईए, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) तथा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने 28 और 29 मार्च को हड़ताल का नोटिस दिया है.बेंगलुरु मुख्यालय वाले केनरा बैंक ने भी कहा है कि हड़ताल की वजह से सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो सकता है.

इसमें कहा गया है कि बैंक और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र भी हड़ताल में शामिल होंगे.कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबा, बैंक, बीमा समेत अन्य क्षेत्रों को हड़ताल को लेकर नोटिस दिये गये हैं. बयान के अनुसार, बैठक में इस तथ्य पर ध्यान दिया गया कि हाल ही में हुए राज्यों के चुनावों के परिणामों से उत्साहित केंद्र की भाजपा सरकार ने मेहनतकश लोगों के हितों के खिलाफ नीतियों को जोर-शोर से लागू करना शुरू कर दिया है. कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है.साथ ही पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी आदि के दाम में में अचानक वृद्धि की गयी है. सार्वजनिक उपक्रमों की जमीन को बाजार पर चढ़ाने (मौद्रीकरण योजना) को लेकर कदम उठाये जा रहे हैं. बैठक में इन नीतियों की आलोचना की गयी.

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बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा का स्वागत किया गया. उन्होंने 28-29 मार्च को ‘गांव बंद’ का आह्वान किया है.बयान के अनुसार, बैठक में केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यस्तरीय विभिन्न श्रमिक संगठनों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गयी है. संगठनों ने यूनियन के सदस्यों को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के फेसबुक पेज पर जोड़कर 24 मार्च को सार्वजनिक बैठक का भी निर्णय किया.संयुक्त मंच में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिंद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनन्स), एआईयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसएिशन), एआईसीसीटीयू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियनन्स), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन) और यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) शामिल हैं.

Last Updated :Mar 28, 2022, 2:08 PM IST
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