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पंजाब में विधायकों की पेंशन पॉलिसी में बदलाव, वन एमएलए-वन पेंशन का फार्मूला लागू

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Published : Mar 25, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Mar 25, 2022, 5:26 PM IST

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने विधायकों की पेंशन पॉलिसी में बदलाव किया है. वन एमएलए वन पेंशन नीति के तहत अब पंजाब के विधायकों को सिर्फ एक टर्म की पेंशन मिलेगी. पंजाब में अभी तक व्यवस्था थी कि जितनी बार कोई विधायक बनता था उसे उतनी बार की पेंशन मिलती थी.

ex MLAs will get pension for only one term
ex MLAs will get pension for only one term

चंडीगढ़ : पंजाब की आम आदमी सरकार ने विधायकों की पेंशन पर बड़ा फैसला लिया है. अब भले ही कोई नेता एक से अधिक बार विधायक चुने गए हों. उन्हें सिर्फ एक बार के लिए पेंशन मिलेगी. यह जानकारी सीएम भगवंत मान ने दी. उन्होंने बताया कि अब तक जितनी बार कोई विधायक बनता था, पेंशन की राशि जुड़ती जाती थी. इस कारण कई विधायकों को लाखों रुपये की पेंशन मिलती थी. इसके साथ ही भगवंत मान ने राज्य में बेरोजगारी (Unemployment) का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जब डिग्री लेकर युवा नौकरियों के लिए जाते हैं, तो उनपर लाठीचार्ज होता है. अब सरकार युवाओं की नौकरी देने की तैयारी कर रही है.

  • "Today, we have taken another big decision. MLAs will now be eligible for only one pension.

    Thousands of crores of rupees previously spent on MLA pensions will now be used to benefit the people of Punjab"
    - CM @BhagwantMannpic.twitter.com/28RJM5gK79

    — CMO Punjab (@CMOPb) March 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार को बताया कि पंजाब के विधायकों के पेंशन फॉर्मूले में बदलाव किया जाएगा. विधायक अब सिर्फ एक ही पेंशन के पात्र होंगे. अभी तक हजारों करोड़ रुपये विधायकों की पेंशन पर खर्च किए जा रहे थे, अब उसका उपयोग पंजाब के लोगों के लाभ के लिए किया जाएगा. इसी तरह से विधायकों की फैमिली के पेंशन में भी कटौती का फैसला किया जा रहा है.

मान ने कहा, अब पंजाब का खजाना नेताओं के लिए नहीं, जनता के लिए इस्तेमाल होगा. सीएम मान ने बताया आपको हैरानी होगी कि बहुत सारे विधायक हैं जो तीन-चार बार चुनाव जीत जीते, मगर बाद में हार गए. पांच -छह बार जीतने वालो को लाखों रुपये की पेंशन मिलती है. वह भी हर महीने. किसी को 3.50 लाख तो किसी को 4.50 लाख. किसी को सवा पांच लाख भी मिलती है तो खजाने पर करोड़ों रुपये का बोझ पड़ता है. कई सांसद की भी पेंशन ले रहे हैं, जो इधर पहले विधायक रहे थे. उसकी पेंशन भी ले रहे हैं. इसलिए सरकार ने पेंशन पॉलिसी में बदलाव का फैसला किया है.

बता दें कि पंजाब सरकार के इस फैसले से कांग्रेस और अकाली दल के दिग्गज नेताओं को झटका लगा है. 2022 से पहले तक इन दो दलों में कई ऐसे नेता थे, जो लगातार विधायक चुने जाते रहे. सीएम भगवंत मान के इस फैसले का पूर्व कांग्रेस विधायक कुलदीप वैद ने विरोध किया था. उन्होंने कहा कि अगर विधायकों को पेंशन नहीं मिली तो वे भ्रष्ट हो जाएंगे. लुधियाना के पूर्व विधायक कुलदीप वैद ने कहा कि आम आदमी पार्टी केवल लोगों को बेवकूफ बना रही है. उन्होंने कहा कि एक विधायक को एक ही पेंशन मिलती है. महंगाई बढ़ने पर उनका भत्ता बढ़ता है. उन्होंने आगे कहा कि वह भगवंत मान के फैसले से सहमत नहीं हैं क्योंकि पूर्व विधायकों को भी अपने बच्चों की देखभाल करनी है. साथ ही कार्यकर्ताओं, आम लोगों और अपने दफ्तरों के लिए भी खर्च करना पड़ता है, इसलिए उनकी पेंशन में कटौती सही नहीं है.

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Last Updated : Mar 25, 2022, 5:26 PM IST
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