ETV Bharat / bharat

Maharashtra Political Crisis: शिंदे गुट को SC से बड़ी राहत, डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक, सभी पक्षों से मांगा जवाब

author img

By

Published : Jun 27, 2022, 10:46 AM IST

Updated : Jun 27, 2022, 6:07 PM IST

महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है. शीर्ष कोर्ट ने मामले में महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस को भी नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत दी है. शीर्ष कोर्ट ने बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के नोटिस का जवाब देने के लिए 11 जुलाई तक का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. यानी 11 जुलाई तक बागी विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता.

Maharashtra political crisis Live Updates
Maharashtra political crisis Live Updates

नई दिल्ली/ मुंबई: उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधानिकता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर जवाब मांगा. हालांकि, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा कि वे किसी भी अवैध कदम के खिलाफ उसका रुख कर सकते हैं. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना के 39 बागी विधायकों और उनके परिवार के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की सुरक्षा करने का निर्देश भी दिया.

दरअसल महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई लगातार बढ़ती ही जा रही है. शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी है. दोनों पक्षों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई. शिंदे गुट की ओर से कहा गया है कि उनके पास 39 विधायकों का समर्थन है, ऐसे में सरकार अल्पमत में है. शिंदे गुट ने अयोग्यता का नोटिस जारी करने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए पूरे मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है. केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस को भी सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी 39 विधायकों और उनके परिवार और संपत्ति की रक्षा की जाए.

डिप्टी स्पीकर पर की तल्ख टिप्पणी : इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत दी है. बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के नोटिस का जवाब 11 जुलाई तक देने को कहा है. बागी विधायकों को नोटिस जारी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर पर तल्ख टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने खुद सुनवाई की, खुद ही जज बन गए. पहले बागी विधायकों को आज शाम तक जवाब देना था. सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना नेताओं अजय चौधरी, सुनील प्रभु को भी नोटिस जारी कर पांच दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. जबतक अगली सुनवाई नहीं होती बागी विधायक अयोग्य नहीं ठहराए जा सकते.

शिंदे कैंप का सुप्रीम कोर्ट में दावा - 39 MLA हमारे साथ
सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट ने दावा किया है कि उनके साथ 39 विधायक हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है. बागी गुट ने यह कहा कि डिप्टी स्पीकर की छवि जब संदेह के घेरे में है तो फिर वह अयोग्य ठहराने का प्रस्ताव कैसे ला सकते हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई कुछ देर के लिए रोक दी गई. कुछ देर बाद सुनवाई दोबारा शुरू हुई. जज ने कहा कि आप कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ 21 को प्रस्ताव दिया. ऐसे में उन्हें सुनवाई नहीं करनी चाहिए. आप यही बात डिप्टी स्पीकर को क्यों नहीं कहते हैं. इस पर वकील कौल ने कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का भी पुराना फैसला है. यह बात उन्हें बताई भी गई है. फिर भी उन्होंने कार्रवाई जारी रखी है.

बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जब तक उन्हें हटाने के सवाल पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक डिप्टी स्पीकर को इस मुद्दे से निपटने का कोई अधिकार नहीं है. इस मामले में जो किया जा रहा है वह अनुचित जल्दबाजी, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है. उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 212 के तहत जब स्पीकर इस मुद्दे पर फैसला कर रहे हैं तो अदालत की जांच पर रोक है.

सुप्रीम कोर्ट ने बागी नेताओं से पूछा- पहले HC क्यों नहीं गए?
वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल शिंदे गुट की तरफ से कहा कि स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो उन्हें विधायकों की अयोग्यता पर विचार नहीं करना चाहिए. नोटिस जारी करें तो उसके जवाब के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए. वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि कानून हमें सुप्रीम कोर्ट आने से नहीं रोकता. पहले भी ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं. जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए.

दरअसल शिंदे गुट का दावा है कि उन्हें पार्टी के दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के विरोध में शिंदे और बागी विधायकों के राज्य छोड़ने के बाद महाराष्ट्र राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. बागी विधायक पिछले कुछ दिनों से असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. डिप्टी स्पीकर ने ठाकरे की टीम की अयोग्यता याचिका पर 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था. शिंदे का दावा है कि डिप्टी स्पीकर के कार्यों से पता चलता है कि वह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के साथ हैं. शिंदे की याचिका में कहा गया है कि डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस संविधान के अनुच्छेद 14 और 19(1)(जी) का पूरी तरह से उल्लंघन है, साथ ही चौधरी को शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता देने में डिप्टी स्पीकर की अवैध और असंवैधानिक कार्रवाई है.

जनहित के मुद्दों की उपेक्षा न हो इसलिए मंत्रियों के विभागों में हुआ फेरबदल : सीएमओ
उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे खेमे को बड़ा झटका दिया है. दरअसल बागी मंत्रियों के पोर्टफोलियो छीन लिए गए हैं. महाराष्ट्र सीएमओ ने बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल इसलिए किया है ताकि जनहित के मुद्दों की उपेक्षा या अनदेखी न हो. सुप्रीम कोर्ट में बागी गुट की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. एक याचिका एकनाथ शिंदे की ओर से जारी की गई है, जबकि दूसरी याचिका बागी विधायक भरत गोगावले की ओर से दायर की गई है. दोनों ही याचिकाओं में डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है. सबसे पहले उस नोटिस को चुनौती दी गई है जिसमें 16 बागियों की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, शिंदे को नेता पद से हटाने और अजय चौधरी को चीफ व्हिप नियुक्त करने के फैसले को भी चैलेंज किया गया है.

'जिंदा लाश' वाले बयान पर संजय राउत की सफाई
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने 'जिंदा लाश' वाले बयान पर सफाई दी. वह बोले कि जो लोग 40-40 साल तक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं, उनका ज़मीर मर गया है, तो उसके बाद क्या बचता है? ज़िंदा लाश. यह राममनोहर लोहिया साहब के शब्द हैं. मैंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया, मैंने सत्य कहा है. संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी से 40 लाशें लौटेंगी, जिनका विधानसभा में पोस्टमार्टम होगा. दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे ने बिना नाम लिए उद्धव पर पलटवार किया. वह बोले कि बालासाहेब की शिवसेना दाऊद से संबंध रखनेवाले शख्स का समर्थन कैसे कर सकती है.

पढ़ें- Maharashtra Update :आदित्य ने बागी विधायकों को भगोड़ा बताया, शिंदे ने कहा- हिंदुत्व की हुई जीत

Last Updated : Jun 27, 2022, 6:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.