ETV Bharat / bharat

अस्पताल जाने से बचें, मरीज टेली कंसल्टिंग सेवा का विकल्प चुनें : एक्सपर्ट

author img

By

Published : Jan 4, 2022, 6:41 PM IST

देश में मेडिकल स्टॉफ जिस तेजी से कोरोना संक्रमित हो रहा है, एक्सपर्ट की राय है कि अस्पताल जाने के बजाए मरीजों को टेली कंसल्टिंग सेवा का विकल्प चुनना चाहिए. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबराय की रिपोर्ट.

Dr Tamorish Kole Dr Sahajanand P Singh
डॉ. तामोरिश डॉ. सहजानंद पी सिंह

नई दिल्ली : देश में जिस तेजी से मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टर कोरोना की चपेट में आ रहे हैं उसको देखते हुए विशेषज्ञों की राय है कि अस्पतालों में जाने से बचने और टेली कंसल्टिंग सेवा (teleconsulting service) का विकल्प चुनना चाहिए.

विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक आपात स्थिति न हो तब तक लोगों को अस्पतालों में जाने से बचना चाहिए. एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष (president of Asian Society of Emergency Medicine) डॉ. तामोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने कहा, 'लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अस्पतालों में जाने से बचना चाहिए. इसके बजाय उन्हें टेली कंसल्टिंग का विकल्प चुनना चाहिए.'

कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स (FHW) विशेष रूप से देश भर के कई अस्पतालों में डॉक्टर Covid19 से संक्रमित हो रहे हैं. रिपोर्टों से पता चलता है कि दिल्ली के एम्स, सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर कोरोना संक्रमित मिले हैं. बिहार के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 100 से अधिक डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को कोरोना हुआ है. तमिलनाडु में 60 से अधिक डॉक्टर, नर्सों और मेडिकल छात्रों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव रहा है. पंजाब के पटियाला में सरकारी मेडिकल कॉलेज के लगभग 100 छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना से पॉजिटिव पाए गए हैं. कोलकाता में 200 से अधिक डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का कुछ दिनों में सकारात्मक परीक्षण किया है. इसी तरह की खबरें दूसरे राज्यों से भी आ रही हैं.

डॉ. तामोरिश कोले ने कहा, 'टीके संक्रमण को रोक नहीं सकते हैं, लेकिन वे संक्रमण की गंभीरता को कम कर सकते हैं.' हमारे दोनों टीके (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) कोविड 19 म्यूटेंट से लड़ सकते हैं. फिलहाल हमें जिस चीज की जरूरत है, वह है त्वरित अतिरिक्त खुराक. फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स (FHW) के लिए यह बहुत जरूरी है क्योंकि वे हमेशा मरीजों के संपर्क में रहते हैं.'

घबराने की जरूरत नहीं : डॉ. सहजानंद पी सिंह

वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. सहजानंद पी सिंह (Dr Sahajanand P Singh ) ने 'ईटीवी भारत' से बातचीत में कहा, 'भले ही डॉक्टर संक्रमित हो रहे हों घबराने की जरूरत नहीं है. खांसी, बुखार के बहुत ही हल्के लक्षण हैं.' उन्होंने दावा किया कि 'लोग SARS-CoV-2 के ओमीक्रोन संस्करण के कारण संक्रमित हो रहे हैं जो संक्रामक है लेकिन प्रकृति में बहुत हल्का है.'

विडंबना यह है कि डॉक्टरों के संक्रमित होने से Covid19 टीकों की प्रभावशीलता के साथ-साथ FHW या कमजोर आबादी के लिए बूस्टर या अतिरिक्त खुराक की आवश्यकताओं पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

पढ़ें- मेडिकल कॉलेज में सौ छात्र कोरोना पॉजिटिव, सीएम चन्नी ने की आपात बैठक

गौरतलब है कि भारत सरकार ने 10 जनवरी से स्वास्थ्य देखभाल कार्यों और विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए 'एहतियाती खुराक' देने का एलान किया है. भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 224 मौतें हुई हैं, जबकि 37,379 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए और चिंता का कारण यह है कि दिल्ली में प्रतिदिन कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. सोमवार को दिल्ली में एक दिन में 4,099 संक्रमण के मामले सामने आए. पिछले तीन दिन में ये आंकड़ा 10,000 पार कर गया है.

पढ़ें- ETV भारत से बोले IMA अध्यक्ष- डॉक्टरों के लिए सेंट्रल एक्ट की डिमांड करेंगे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.