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50 रुपए किलो से कम सेब के आयात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक, हिमाचल के बागवानों को मिलेगी राहत

केंद्र सरकार ने 50 रुपए किलो से कम के सेब के आयात पर रोक लगा दी है. ऐसे में इस फैसले से हिमाचल के बागवानों को राहत मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

Central government bans import of apples
सांकेतिक तस्वीर.
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Published : May 8, 2023, 9:31 PM IST

शिमला: विदेश से अब सस्ते दामों पर सेब आयात नहीं हो पाएगा. केंद्र सरकार ने 50 रुपए किलो से कम के सेब के आयात पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की ओर से इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले से हिमाचल के बागवानों को बड़ी राहत मिली है. केंद्र सरकार ने विदेशों से सेब के 50 रुपए से प्रति किलो से कम आयात करने पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है जिसमें कहा गया है कि 50 रुपए प्रति किलो या इससे कम के सेब के आयात (कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट) पर पाबंदी रहेगी. इसके रोक से केवल भूटान बाहर रहेगा, बाकी किसी भी देश से इससे सस्ता सेब देश में नहीं आ सकेगा.

अभी तक सस्ता सेब विदेशों से हो रहा था आयात: देश में अभी तक सस्ता सेब विदेशों से आयात हो रहा था. बीते साल ईरान से 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से देश में सेब पहुंचा था. विदेश से आने वाले सेब के इनवॉइस से भी छेड़छाड़ की जा रही थी. बताया जा रहा है कि कई देशों से आयात होने वाले सेब के इनवॉइस को भी कम दिखाया जा रहा था जिससे कि इंपोर्ट ड्यूटी भी कम लग रही थी. लेकिन अब सरकार ने एक रेट तय कर दिया है. इससे कम कीमत वाला सेब देश में नहीं आ सकेगा. इससे केंद्र सरकार को भी राजस्व का नुकसान नहीं होगा. वहीं हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों के सेब बागवानों को भी इससे फायदा होगा.

Central government bans import of apples
नोटिफिकेशन की कॉपी.

सेब के आयात पर लग रहा है 50 फीसदी आयात शुल्क: मौजूदा समय में विदेशों से आने वाले सेब पर 50 फीसदी सेब का आयात शुल्क लग रहा है. हालांकि भारत का साउथ एशियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है, जिसका फायदा उठाकर इससे सस्ता सेब भेजा जा रहा था. अफगानिस्तान के रास्ते से अन्य देशों का सेब इसी तरह से देश में आ रहा था जिससे यह सब सस्ता देश में पहुंच रहा था, लेकिन केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन में भुटान को छोड़कर अन्य देशों से 50 रुपए से प्रति किलो कम सेब का आयात नहीं हो पाएगा. इसके अलावा 50 फीसदी आयात शुल्क भी इस सेब पर देना पड़ेगा और इस तरह विदेश का सेब 75 रुपए प्रति किलो से कम देश में नहीं मिलेगा. यशवर्धन डोगरा मड़ाउग का कहना है कि इससे हिमाचल के बागवानों का फायदा होगा क्योंकि अभी तक ईरान और तुर्की से सस्ता सेब आ रहा था, भुटान से गैर कानूनी तौर पर सेब से विदेश में नहीं आता है.

हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम ने केंद्र सरकार के फैसले का किया स्वागत: हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड के सेब बागवानों के संगठन हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम ने इस फैसले का स्वागत किया है. यह फोरम इन राज्यों के सेब बागवानों की ओर से केंद्र सरकार से अपनी मांगें उठाता रहा है.

फोरम के संयोजक हरीश चौहान ने कहा केंद्र सरकार का यह कदम सेब बागवानों के लिए राहत भरा है. उन्होंने कहा कि फोरम ने लगातार चार सालों से विदेश से आने वाले सेब पर रोक लगाने की मांग कर रहा था. फोरम विदेशों से आने वाले सेब का न्यूनतम आयात मूल्य 80 रुपए प्रति किलो करने की मांग कर रहा था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के माध्यम से बागवान केंद्र सरकार से यह मसला लगातार उठा रहे थे. हरीश चौहान ने कहा कि प्री बजट की दो बैठकों में इस मुद्दे को केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखा गया. केंद्र सरकार ने इस गंभीर मसले को समझा है. यह संयुक्त किसान मंच और अन्य संगठनों का आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की दिशा में एक कदम है. इससे विदेशों से आने वाले सस्ते सेब के आयात पर रोक लगेगी और प्रदेश के बागवानों को लाभ होगा.

Read Also- हिमाचल में सेब सीजन शुरू होने में दो माह का वक्त, यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को लेकर सरकार अभी तक नहीं ले पाई फैसला

शिमला: विदेश से अब सस्ते दामों पर सेब आयात नहीं हो पाएगा. केंद्र सरकार ने 50 रुपए किलो से कम के सेब के आयात पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की ओर से इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले से हिमाचल के बागवानों को बड़ी राहत मिली है. केंद्र सरकार ने विदेशों से सेब के 50 रुपए से प्रति किलो से कम आयात करने पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है जिसमें कहा गया है कि 50 रुपए प्रति किलो या इससे कम के सेब के आयात (कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट) पर पाबंदी रहेगी. इसके रोक से केवल भूटान बाहर रहेगा, बाकी किसी भी देश से इससे सस्ता सेब देश में नहीं आ सकेगा.

अभी तक सस्ता सेब विदेशों से हो रहा था आयात: देश में अभी तक सस्ता सेब विदेशों से आयात हो रहा था. बीते साल ईरान से 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से देश में सेब पहुंचा था. विदेश से आने वाले सेब के इनवॉइस से भी छेड़छाड़ की जा रही थी. बताया जा रहा है कि कई देशों से आयात होने वाले सेब के इनवॉइस को भी कम दिखाया जा रहा था जिससे कि इंपोर्ट ड्यूटी भी कम लग रही थी. लेकिन अब सरकार ने एक रेट तय कर दिया है. इससे कम कीमत वाला सेब देश में नहीं आ सकेगा. इससे केंद्र सरकार को भी राजस्व का नुकसान नहीं होगा. वहीं हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों के सेब बागवानों को भी इससे फायदा होगा.

Central government bans import of apples
नोटिफिकेशन की कॉपी.

सेब के आयात पर लग रहा है 50 फीसदी आयात शुल्क: मौजूदा समय में विदेशों से आने वाले सेब पर 50 फीसदी सेब का आयात शुल्क लग रहा है. हालांकि भारत का साउथ एशियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है, जिसका फायदा उठाकर इससे सस्ता सेब भेजा जा रहा था. अफगानिस्तान के रास्ते से अन्य देशों का सेब इसी तरह से देश में आ रहा था जिससे यह सब सस्ता देश में पहुंच रहा था, लेकिन केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन में भुटान को छोड़कर अन्य देशों से 50 रुपए से प्रति किलो कम सेब का आयात नहीं हो पाएगा. इसके अलावा 50 फीसदी आयात शुल्क भी इस सेब पर देना पड़ेगा और इस तरह विदेश का सेब 75 रुपए प्रति किलो से कम देश में नहीं मिलेगा. यशवर्धन डोगरा मड़ाउग का कहना है कि इससे हिमाचल के बागवानों का फायदा होगा क्योंकि अभी तक ईरान और तुर्की से सस्ता सेब आ रहा था, भुटान से गैर कानूनी तौर पर सेब से विदेश में नहीं आता है.

हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम ने केंद्र सरकार के फैसले का किया स्वागत: हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड के सेब बागवानों के संगठन हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम ने इस फैसले का स्वागत किया है. यह फोरम इन राज्यों के सेब बागवानों की ओर से केंद्र सरकार से अपनी मांगें उठाता रहा है.

फोरम के संयोजक हरीश चौहान ने कहा केंद्र सरकार का यह कदम सेब बागवानों के लिए राहत भरा है. उन्होंने कहा कि फोरम ने लगातार चार सालों से विदेश से आने वाले सेब पर रोक लगाने की मांग कर रहा था. फोरम विदेशों से आने वाले सेब का न्यूनतम आयात मूल्य 80 रुपए प्रति किलो करने की मांग कर रहा था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के माध्यम से बागवान केंद्र सरकार से यह मसला लगातार उठा रहे थे. हरीश चौहान ने कहा कि प्री बजट की दो बैठकों में इस मुद्दे को केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखा गया. केंद्र सरकार ने इस गंभीर मसले को समझा है. यह संयुक्त किसान मंच और अन्य संगठनों का आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की दिशा में एक कदम है. इससे विदेशों से आने वाले सस्ते सेब के आयात पर रोक लगेगी और प्रदेश के बागवानों को लाभ होगा.

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