ETV Bharat / state

26 महीने बाद जेल से रिहा हुआ शख्स, बहन को मोहरा बनाकर पड़ोसी ने दर्ज करवाया था पॉक्सो एक्ट का झूठा केस

author img

By

Published : Jun 5, 2022, 11:27 AM IST

Updated : Jun 5, 2022, 1:04 PM IST

जिला एवं सत्र न्यायालय यमुनानगर ने छेड़छाड़ के एक झूठे मामले में एक आरोपी को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है. आरोपी 26 महीने से जेल में बंद था. आरोपी के खिलाफ ये मामला साल 2020 में दर्ज कराया गया था.

Yamunanagar District Sessions Court
26 महीने बाद जेल से रिहा हुआ शख्स, बहन को मोहरा बनाकर पड़ोसी ने दर्ज करवाया था पॉक्सो एक्ट का झूठा केस

यमुनानगर: जिले की डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट (Yamunanagar District Sessions Court) ने बीते शनिवार को एक अहम फैसला सुनाया है. दरअसल छेड़छाड़ के झूठे आरोप में पिछले 26 महीने से जेल में सजा काट रहे अनिल नाम के एक व्यक्ति को कोर्ट ने बरी कर दिया. अब जब 26 महीने बाद अनिल की जेल से रिहाई तो बेटे को देख उनके माता-पिता बेहद खुश नजर आए. उनका कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था कि अनिल को न्याय जरूर मिलेगा.

मिली जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल 2020 को यमुनानगर के इस्माइलपुर गांव (Ismailpur village of Yamunanagar) की रहने वाली एक नाबालिक लड़की की शिकायत पर अनिल कुमार के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत छेड़खानी का मामला दर्ज करवाया गया था. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार कर लिया था. अनिल के परिवार वालों ने काफी कोशिशें की पर उसकी जमानत नहीं हो पा रही थी. यहां तक कि अनिल के वकील राजेश कुमार धीन ने अपने क्लाइंट को बरी करवाने के लिए हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से भी उनके मोवक्किल को कोई राहत नहीं मिली.

26 महीने बाद जेल से रिहा हुआ शख्स, बहन को मोहरा बनाकर पड़ोसी ने दर्ज करवाया था पॉक्सो एक्ट का झूठा केस

एडवोकेट राजेश कुमार धीन ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उनके मुवक्किल अनिल का अपने चचेरे भाई के साथ किसी मामले को लेकर विवाद था. इसी झगड़े बदला लेने के लिए उसके चचेरे भाई की बहन ने अनिल के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में साढ़ौरा थाने में मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद अनिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वही अनिल के वकील एडवोकेट राजेश कुमार धीन ने सबूतों और गवाहों के आधार पर अनिल को न्याय दिलवाने की लड़ाई लड़नी शुरू की.

हाईकोर्ट से जमानत ना मिलने के बाद अनिल के वकील ने डिस्ट्रिक्ट सेशन जज की कोर्ट में अपने मुवक्किल की रिहाई के लिए अपील की. यहां उन्होने कोर्ट में साबित किया कि उनके क्लाइंट को इस झूठे मामले में फंसाया गया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अनिल के चचेरे भाई ने झगड़े का बदला लेने के लिए अपनी बहन को मोहरा बनाया और अनिल पर झूठे आरोप लगाए थे. दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज संदीप सिंह की कोर्ट ने अनिल कुमार को निर्दोष पाया और जेल से रिहा करने के आदेश जारी किए.

एडवोकेट राजेश कुमार धीन ने बताया मेरे मुवक्किल अनिल कुमार को उसके ही पड़ोसी व दूर के रिश्ते का भाई लगने वाले ने अपनी बहन को मोहरा बनाकर रंजिशन पोस्को एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया था. हम कोर्ट के सामने अपने पक्ष को मजबूती से रखने में कामयाब रहे. अदालत ने सबूतों और गवाहों के आधार पर मेरे मुवक्किल को बाइज्जत बरी कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि आपसी रंजिश में किसी बेगुनाह की जिंदगी बर्बाद करना सही नहीं है. कानून का प्रयोग पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए किया जाना चाहिए ना की किसी बेगुनाह को फसाने के लिए होना चाहिए.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

Last Updated :Jun 5, 2022, 1:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.