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शिक्षामंत्री के गृह जिले में ही अध्यापकों का टोटा, 5 की जगह केवल एक टीचर संवार रहा बच्चों का भविष्य

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Published : Jul 19, 2022, 1:30 PM IST

शिक्षा मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र के मुकारबपुर गांव (Mukarabpur village of Yamunanagar) का मिडिल स्कूल कई सालों से अध्यापकों के इंतजार में है. यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक टीचर है और एक हेड मास्टर है जो बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं.

haryana education Department
शिक्षामंत्री के गृह जिले में ही अध्यापकों का टोटा, 5 की जगह केवल एक टीचर संवार रहा बच्चों का भविष्य

यमुनानगर: हरियाणा सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर बड़े बड़े दावे करती रहती है लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश के ऐसे कई स्कूल है जहां शिक्षकों की काफी कमी हैं. इन्ही में से एक यमुनानगर के मुकारबपुर गांव का राजकीय माध्यमिक स्कूल भी (Government Secondary School of Yamunanagar) है. ये स्कूल पिछले कई सालों से अध्यापकों का इंतजार कर रहा है. ये हाल तब है जब हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर यहां से विधायक हैं.


यमुनानगर के मुकारबपुर गांव (Mukarabpur village of Yamunanagar) में एक माध्यमिक स्कूल है जहां बच्चों की तादाद अच्छी खासी है. मगर वहां अध्यापक के चर्चे बहुत हैं वो भी इसलिए नहीं कि यहां अध्यापकों की भरमार है बल्कि इसलिए की शायद हरियाणा सरकार इस स्कूल में अध्यापकों की पोस्टिंग करना ही भूल चुकी है. ये स्कूल वैसे तो आठवीं तक है. पहली से पांचवी क्लास में अध्यापक हैं. मगर छठीं से आठवीं कक्षा तक महज एक अध्यापक 61 बच्चों का भविष्य संवारने में लगा हुआ है.

शिक्षामंत्री के गृह जिले में ही अध्यापकों का टोटा, 5 की जगह केवल एक टीचर संवार रहा बच्चों का भविष्य
जब हमने स्कूल में छात्रों से बातचीत की तो उन्होने सीधे शब्दों में यही कहा कि टीचर्स ना होने से पढ़ाई तो बाधित हो रही है. एग्जाम भी सिर पर हैं. वहीं स्कूल में छठवी से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाने वाले एकमात्र अध्यापक ने बताया कि अकेले अध्यापक पर पढ़ाने का बोझ ज्यादा है. इसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं. कई बार तो स्कूल के प्रिंसिपल को भी अपने बिजी शेड्यूल से वक्त निकालकर बच्चों की कक्षाएं लेनी पड़ती है.

वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य रजनीश का कहना है कि उन्होने स्कूल में खाली पदों को लेकर कई बार कई बार हरियाणा शिक्षा विभाग (Haryana Education Department) को इस बारे में जानकारी दी है. मगर अभी तक स्कूल में किसी अध्यापक की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है. छात्रों के भविष्य को देखते हुए गांव के मौजिज लोगों ने एक अस्थाई टीचर्स को स्कूल में पढ़ाने के लिए भी लगाया हुआ है ताकि बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा असर ना पडे़े.

वहीं जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वे हर बार की तरह इस बार भी तसल्ली देते हुए नजर आए कि जल्द ही स्कूल में अध्यापकों की कमी को किया जाएगा. मगर कब होगी ये सवाल अब भी बरकरार है. बता दें कि हरियाणा सरकार अक्सर दावा करती है कि सरकारी स्कूलों मेंअध्यापकों की कमी कभी नहीं आने दी जाएगी लेकिन जब हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Haryana Education Minister Kanwarpal Gurjar) के गृह जिले के स्कूल की ऐसी हालत है तो प्रदेश के बाकी सरकारी स्कूलों की तस्वीर क्या होगी. एक सच ये भी है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी पहले भी थी और अब भी है. मगर उसे पूरा करने में हर सरकारें नाकाम रही हैं. ऐसे में छात्रों के भविष्य की गारंटी लेना वाला कोई नहीं है सिर्फ तसल्ली देने वाले बहुत हैं.

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